Uttarakhand Forest Fire: भीषण गर्मी के बीच जंगलों में आग का हाहाकार, 14 नई घटना दर्ज; वन दारोगा घायल
Uttarakhand Forest Fire मंगलवार को 24 घंटे के भीतर 14 नई घटनाएं दर्ज की गईं जिनमें कुल 18 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है। फायर सीजन में अब तक कुल 1130 घटनाओं में 1538 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है। अब तक आग बुझाने के दौरान कुल पांच लोग घायल हो चुके हैं जबकि आग से झुलसकर छह व्यक्तियों की मौत हो चुकी है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: Uttarakhand Forest Fire: उत्तराखंड में भीषण गर्मी के बीच जंगलों में आग लगने का सिलसिला जारी है। मंगलवार को 24 घंटे के भीतर 14 नई घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें कुल 18 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है।
जबकि, मसूरी वन प्रभाग में एक वन दारोगा आग बुझाने के प्रयास में पत्थर लगने से घायल हो गया। फायर सीजन में अब तक कुल 1,130 घटनाओं में 1,538 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल चुका है।
प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क होने के कारण जंगलों में आग का खतरा बना हुआ है। बीते 24 घंटे में रानीखेत वन प्रभाग में दो, अल्मोड़ा वन प्रभाग में दो, नरेंद्रनगर वन प्रभाग में एक, मसूरी वन प्रभाग में तीन, लैंसडौन वन प्रभाग में एक घटना दर्ज की गई।
इस दौरान मसूरी वन प्रभाग की देवलसारी रेंज में जंगल की आग बुझा रहे एक वन दारोगा पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आकर घायल हो गए।
आग बुझाने के दौरान कुल पांच लोग घायल
अब तक आग बुझाने के दौरान कुल पांच लोग घायल हो चुके हैं, जबकि आग से झुलसकर छह व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। वन विभाग की ओर से जंगलों में आग लगाने वालों के विरुद्ध भी कार्रवाई जारी है। अब तक इस सीजन में जंगल में आग लगाने पर वन संरक्षण अधिनियम और वन अपराध के तहत 426 मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं।वहीं, वन विभाग की ओर से मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। साथ ही जंगल की आग की सूचना देने के लिए नंबर भी जारी किए गए हैं। 18001804141, 01352744558 पर काल कर सकते हैं। साथ ही 9389337488 व 7668304788 पर वाट्सएप के माध्यम से भी सूचित कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य आपदा कंट्रोल रूम देहरादून को भी 9557444486 और हेल्पलाइन 112 पर भी आग की घटना की सूचना दे सकते हैं।
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- क्षेत्र, घटना, प्रभावित क्षेत्र
- गढ़वाल क्षेत्र, 453, 592
- कुमाऊं क्षेत्र, 583, 825
- वन्यजीव आरक्षित, 94, 121
- कुल, 1130, 1538
- (प्रभावित क्षेत्र हेक्टेयर में है।)
- मानव घायल, 05
- मानव मृत्यु, 06