Uttarakhand Forest Fire: उत्तराखंड में जंगल की आग से भारी नुकसान, डेढ़ दर्जन मवेशी जिंदा जले
Uttarakhand Forest Fire जंगल की आग से हो रहा नुकसान थम नहीं रहा है। पिछले 24 घंटे में प्रदेशभर में 54 घटनाएं हुईं। जिनमें करीब 76 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ। यही नहीं कई जगह जंगल की आग रिहायशी इलाकों तक पहुंच गई।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sun, 18 Apr 2021 01:15 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Forest Fire जंगल की आग से हो रहा नुकसान थम नहीं रहा है। पिछले 24 घंटे में प्रदेशभर में 54 घटनाएं हुईं। जिनमें करीब 76 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ। यही नहीं, कई जगह जंगल की आग रिहायशी इलाकों तक पहुंच गई। चमोली जिले के ग्राम पंचायत मुंदोली से सटे जंगल में भड़की आग से छह गोशाला जलकर राख हो गईं, जिससे वहां बंधे आठ मवेशियों की मौत हो गई, जबकि तीन मवेशी बुरी तरह झुलस गए। वहीं, बागेश्वर में भी जंगल की आग से दो मंजिला मकान खाक हो गया। प्रभावित परिवार ने पड़ोसियों के यहां शरण ली। इस दौरान नौ बकरियां भी आग की भेंट चढ़ गईं।
उत्तराखंड में बीते एक माह से जंगल की आग चुनौती बनी हुई है। लगातार सुलग रहे जंगलों से लाखों की संपदा का नुकसान हो चुका है। वहीं, आग की चपेट में आकर कई ग्रामीण और मवेशी अपनी जान गंवा चुके हैं। चमोली के देवाल ब्लॉक में आग से काफी नुकसान हुआ है। यहां मुंदोली में जंगल की आग गांव तक पहुंच गई। घटना की सूचना पर तहसीलदार थराली रवि शाह मौके पर पहुंचे।
राजस्व उपनिरीक्षक ने बताया कि मुंदोली गांव निवासी खीम राम के दो मवेशी, गबर राम के एक, थनुली देवी के पांच मवेशी जलकर मर गए हैं। साथ ही आवासीय गोशाला भी जल गई है। बागेश्वर में जंगल की आग से तोक खाईधार में दो भाइयों का आवासीय मकान जलकर राख हो गया। वहीं, माजखेत में भी एक व्यक्ति का मकान आग की भेंट चढ़ गया।
इधर, अप्रैल में ही प्रदेश में आग की कुल 1486 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 2177 हेक्टेयर वन क्षेत्र आग की भेंट चढ़ चुका है। इस दौरान दो व्यक्तियों की मौत और तीन घायल हुए हैं। वहीं, दो दर्जन के करीब मवेशी आग की चपेट में आ चुके हैं। वन विभाग और एनडीआरएफ की टीम आग की रोकथाम में जुटी है।
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