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उत्तराखंड के पूर्व सीएम की नए आपराधिक कानून पर पहली प्रतिक्रिया, बोले- सरकार जल्दी में है…

आज से हत्या हो या लूट चोरी हो या फिर मारपीट सभी घटनाओं में कानून की बदली धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए आइपीसी सीआरपीसी और साक्ष्य कानून को बदल दिया गया है। इस बदले हुए कानून पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का रिएक्शन सामने आया है। उन्होंने नए कानून को जनता को समझने में समस्या बताया है और कहा कि...

By Jagran News Edited By: Riya Pandey Published: Mon, 01 Jul 2024 05:45 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jul 2024 05:45 PM (IST)
नए आपराधिक कानून पर बोले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (फाइल फोटो)

एएनआई, देहरादून। New Criminal Laws: देश में तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत का पहला रिएक्शन आया है। रावत ने नए कानून पर कहा कि हमने सुझाव भी दिया था कि इस कानून को लोगों को समझने दें लेकिन सरकार जल्दी में है और उन्होंने विपक्ष का सुझाव नहीं माना। अच्छा होता की सरकार विपक्ष का सुझाव मान लेती। इससे इन कानूनों की ही मदद होती।

उन्होंने कहा कि नए कानून में कई संशोधन ऐसे हैं जिसमें दिक्कत पैदा हो रही है। इरादा अच्छा हो सकता है लेकिन उसका मतलब ये नहीं है कि जो कानून आप लेकर आए हैं वो भी अच्छा है। इससे जनता की समस्याएं बढ़ रही हैं तो इस पर विचार करना चाहिए।

आज से लागू हो गया नया आपराधिक कानून

बता दें कि अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए आइपीसी सीआरपीसी और साक्ष्य कानून को बदल दिया गया है। आज से हत्या हो या लूट चोरी हो या फिर मारपीट सभी घटनाओं में कानून की बदली धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसे लेकर मई में कोतवाल से लेकर दारोगा, मुंशी तक को इस संबंध में प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

आइपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य कानून में बदलाव

  • हत्या के लिए पहले जहां धारा 302 लगती थी, अब एक जुलाई से इसके लिए धारा 103 (1) में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
  • इसी तरह हत्या के प्रयास में पहले 307 में मुकदमा दर्ज किया जाता था, अब एक जुलाई से 109 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
  • लूट व डकैती के मामले जहां धारा 392 में दर्ज किया जाता था, अब इसको बदलकर 309 (4) कर दिया गया है।

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