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11 साल पहले पूर्व डीजीपी पर लगे थे संगीन आरोप, फिर भी घूमती रही फाइल; पढ़ें उत्‍तराखंड की हाईप्रोफाइल 'अपराध गाथा'

Uttarakhand Former DGP BS Sidhu पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू पर धोखाधड़ी के जरिए ओल्ड मसूरी रोड वीरगिरवाली स्थित आरक्षित वन क्षेत्र की करीब नौ बीघा जमीन को अपने नाम कराने के आरोप लगे थे। बताया जाता है कि उक्त भूमि दो दशक पूर्व किसी नत्थूराम व्यक्ति के नाम पर दर्ज थी। बाद में उस जमीन को आरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर दिया गया।

By Soban singh Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 20 Jul 2024 09:48 AM (IST)
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Uttarakhand Former DGP BS Sidhu: उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू, फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Former DGP BS Sidhu: उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू के खिलाफ वर्ष 2012 में दर्ज मुकदमे की जांच जब तत्कालीन सीओ मसूरी को सौंपी गई तो वर्ष 2013 में उन्होंने जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया था कि डीजीपी सिद्धू ने जिस व्यक्ति से जमीन खरीदी थी वह फर्जी नत्थू राम है। असली नत्थू राम की मौत हो चुकी है।

डीजीपी को भेजी रिपोर्ट में सीओ ने राजस्व विभाग से मुकदमा दर्ज करवाने और सीबीआइ से जांच करवाने की सिफारिश की थी। इसके बाद यह रिपोर्ट मुख्य सचिव सहित कई अधिकारियों तक पहुंची, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हैरानी की बात यह है कि पूर्व डीजीपी सिद्धू के दबदबे के चलते यह जांच रिपोर्ट एफआइआर में भी अटैच नहीं की गई।

डीजीपी ने अपने पद का दुरुपयोग कर पेड़ों का कटान किया

इसके अलावा भूमि से पेड़ों के अवैध कटान के मामले में शिकायत नेशनल ग्रीन ट्रब्यूनल (एनजीटी) ने भी अपनी रिपोर्ट में साफ लिखा है कि डीजीपी ने अपने पद का दुरुपयोग कर पेड़ों का कटान किया है। इसकी रिपोर्ट उन्होंने तत्कालीन डीजीपी सहित मुख्य सचिव को भेजी थी।

रिपोर्ट में उन्होंने यह भी अंदेशा जताया था कि सिद्धू इस मामले में बचाव में मुकदमा दर्ज करवा सकते हैं, लेकिन सिद्धू के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। कुछ समय बाद सिद्धू ने डीएफओ पर मुकदमा दर्ज करवा दिया। यही नहीं तत्कालीन जिलाधिकारी ने भी पूर्व डीजीपी के खिलाफ अपनी रिपोर्ट में स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाने की सिफारिश की थी।

विडंबना रही कि किसी भी अधिकारी ने मामले में गंभीरता नहीं दिखाई, जिसके कारण 12 साल की जांच के बाद अब जाकर एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) ने पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।

मसूरी रोड पर नौ बीघा जमीन अपने नाम कराने के थे आरोप

पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू पर धोखाधड़ी के जरिए ओल्ड मसूरी रोड वीरगिरवाली स्थित आरक्षित वन क्षेत्र की करीब नौ बीघा जमीन को अपने नाम कराने के आरोप लगे थे। इस मामले में एसआइटी ने कोर्ट में सिद्धू समेत पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है।

पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू पर आरोप हैं कि अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में उन्होंने ओल्ड मसूरी रोड पर वीरगिरवाली स्थित आरक्षित वन क्षेत्र की करीब नौ बीघा जमीन अपने नाम करा ली। वहां साल प्रजाति के 25 पेड़ भी कटवा दिए।

तब सिद्धू के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने को प्रार्थनापत्र दिया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बताया जाता है कि उक्त भूमि दो दशक पूर्व किसी नत्थूराम व्यक्ति के नाम पर दर्ज थी। बाद में उस जमीन को आरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर दिया गया।

तत्कालीन ग्राम प्रधान ने भी नत्थूराम के बनाए फर्जी दस्तावेज

कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट के अनुसार डीजीपी ने मेरठ में नत्थूराम नाम के व्यक्ति की तलाश की। इस नाम का व्यक्ति मेरठ के रोहटा रसूलपुर गांव में मिला। वहां तत्कालीन ग्राम प्रधान चमन सिंह के जरिए नत्थूराम के फर्जी दस्तावेज बनवाए गए।

इसके बाद उसे रजिस्ट्री कार्यालय में जमीन का मालिक दर्शाकर जमीन अपने नाम करा ली। यह दाखिल खारिज 13 मार्च 2013 को सिद्धू के नाम हुआ। इस दाखिल खारिज के खिलाफ काशीराम क्वार्टर डिस्पेंसरी रोड पर रहने वाले असली नत्थूराम के बेटों ने अपर तहसीलदार कोर्ट से 25 मार्च 2013 को स्टे हासिल कर लिया था।

पूर्व डीजीपी की खेल की परतें खुली तो एसआइटी को मिली जांच

मार्च 2023 में रहमुद्दीन और हाजी रिजवान नाम के व्यक्ति सामने आए। इन्होंने जमीन की पावर आफ अटार्नी अपने नाम होने का दावा किया। तब सिद्धू की तरफ से नत्थूराम बनाए गए व्यक्ति की तरफ से इनके खिलाफ शहर कोतवाली में पांच जुलाई 2012 को मुकदमा दर्ज करा दिया गया।

मामले की जांच शुरू हुई और इस बीच डीजीपी सिद्धू सेवानिवृत्त हो गए। यहीं से खेल की परतें खुलनी शुरू हुईं। पिछले साल अप्रैल में मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित हुई। एसआइटी का पर्यवेक्षक डीआइजी पी रेणुका देवी, विवेचक वर्तमान में एसपी चमोली सर्वेश पंवार को बनाया गया।

एसआइटी में सीओ अनुज और निरीक्षक गिरीश चंद शर्मा को बतौर सदस्य शामिल किया। एसआइटी जांच में डीजीपी को आरोपित बनाया गया। एसआइटी ने करीब एक साल की जांच के बाद पांच आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। पांच अन्य के खिलाफ जांच जारी है।

इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल

  •  पूर्व डीजीपी बीरेंद्र सिंह सिद्धू निवासी उषा कालोनी, सहस्रधारा रोड।
  • रहमुद्दीन निवासी निवासी पटेलपुरी, कंकरखेड़ा, जिला मेरठ, उत्तर प्रदेश।
  •  हाजी रिजवान निवासी पटेलपुरी, कंकरखेड़ा, जिला मेरठ, उत्तर प्रदेश।
  •  सुभाष शर्मा निवासी किनौनी, सरधना जिला मेरठ, उत्तर प्रदेश।
  • स्मिता दीक्षित निवासी आरएन बाजार, तोपखाना मार्ग मेरठ, उत्तर प्रदेश।