Uttarakhand के सरकारी स्कूलों में क्या-क्या हैं बुनियादी सुविधाएं, आज सामने आएगी सच्चाई
Uttarakhand School Education उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की स्थिति का आंकलन करने के लिए जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर सीईओ ने सभी बीईओ से 45 दिन में समीक्षा रिपोर्ट मांगी थी। शनिवार को सौंपी जाने वाली इस रिपोर्ट से पता चलेगा कि समग्र शिक्षा के बजट राशि का उपयोग करके स्कूलों में क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून । Uttarakhand School Education: सरकारी विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं के लिए मिले समग्र शिक्षा के बजट राशि के पन्ने जिम्मेदारों ने पिछले 45 दिन में पलटे या नहीं शनिवार को सौंपी जाने वाली रिपोर्ट से इसका पता लगेगा।
जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशों के बाद देहरादून जिले के समस्त सरकारी विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून (सीईओ) प्रदीप रावत ने सभी खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को इसकी जिम्मेदारी सौंपी थी। 15 नवंबर को रिपोर्ट देने की तिथि निर्धारित की थी।
आज शनिवार को रिपोर्ट मांगी जाएगी
शुक्रवार को सार्वजनिक अवकाश होने से अब आज शनिवार को रिपोर्ट मांगी जाएगी, जिससे पता चल पाएगा कि सरकारी विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं का स्थिति क्या है।यह भी पढ़ें- Dehradun Car Accident: नई कार की पार्टी बनी छह दोस्तों का काल, अब पुलिस कर रही नया दावा!
जिलाधिकारी सविन बंसल ने बीते 24 सितंबर को शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक में निर्देशित किया था कि सभी सरकारी विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं से संबंधित रिपोर्ट 15 नवंबर दी जाए।
चटाई में नहीं बैठेंगे छात्र
डीएम के निर्देश के क्रम में मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून (सीईओ) प्रदीप रावत ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिए कि विद्यालयों में बालक-बालिकाओं के अलग-अलग शौचालय, फर्नीचर की व्यवस्था, विद्युतीकरण, पेयजल, खेल मैदान, रैंप का निर्माण, पुस्तकालय, ब्लैक बोर्ड और चाक के स्थान पर व्हाइट बोर्ड, विद्यालय में टीवी आदि की व्यवस्था शत-प्रतिशत करनी होगी। कोई भी छात्र चटाई में नहीं बैठेंगे। यह सुनिश्चित करना होगा। इन सभी कार्यों के लिए विद्यालयों के लिए समग्र शिक्षा से बजट का प्राविधान किया गया है।सीईओ ने अवगत कराया था कि जनपद के स्कूलों की बुनियादी सुविधा बहाली के लिए बीईओ को 45 दिन दिए जा रहे हैं, ताकि जनपद की रिपोर्ट जिलाधिकारी को 15 नवंबर को प्रस्तुत की जाए। जनपद में 1267 राजकीय प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक और इंटर कालेज हैं। ज्यादातर सरकारी विद्यालय शहर के बाहरी क्षेत्रों और जनपद के ग्रामीण अंचल में हैं। यह भी पढ़ें- Dehradun Car Accident: उत्तराखंड नहीं भूल पा रहा भयावह हादसा, सड़क पर बिखरे पड़े थे कटे-फटे शवदेहरादून जनपद के 206 विद्यालय जर्जर श्रेणी में
केंद्र सरकार ने समग्र शिक्षा के तहत स्कूलों के लिए इस साल अप्रैल महीने में 198 करोड़ से अधिक की धनराशि जारी की। इस धनराशि से स्कूलों में कक्ष-कक्षाओं के निर्माण के साथ ही उनकी मरम्मत आदि काम होने हैं। शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में 1,437 प्राथमिक, 303 जूनियर हाईस्कूल और 1,045 माध्यमिक विद्यालय भवन जर्जर डी श्रेणी में हैं जिन्हें तोड़कर नए भवन का निर्माण किया जाना है। इसमें देहरादून में 206, बागेश्वर जिले में 94, चमोली में 204, चंपावत में 123, हरिद्वार में 170, नैनीताल में 160, पिथौरागढ़ में 193, रुद्रप्रयाग में 128, टिहरी गढ़वाल में 352, ऊधम सिंहनगर में 175 और उत्तरकाशी जिले में 185 स्कूल भवन जर्जर हाल हैं।497 विद्यालयों में नहीं हैं खेल मैदान
देहरादून जनपद के प्रथम कक्षा से 12वीं तक के 1267 विद्यालयों में से 497 में खेल मैदान नहीं हैं। जबकि 217 में आज तक पुस्तकालय नहीं बनाए गए हैं। लड़कों के 94 एवं लड़कियों के 55 विद्यालयों में शौचालय नहीं हैं।निर्माण इकाई से शिक्षा महानिदेशक भी लेंगी रिपोर्ट
शिक्षा महानिदेशक ने बीते जुलाई में जब समग्र शिक्षा के तहत आवंटित बजट की समीक्षा की तो जनपद समेत प्रदेशभर के 13 हजार से अधिक विद्यालयों ने समग्र शिक्षा का बजट खर्च नहीं किया था। जिसपर विद्यालय के मुखिया और ब्लाक शिक्षा अधिकारी से लेकर मुख्य शिक्षा अधिकारी का वेतन रोक दिया था।जब निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई तो संबंधित निर्माण एजेंसी की लापरवाही सामने आई थी, जिसके बाद एजेंसी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। अब चार महीने बाद निर्माण कार्यों की स्थिति क्या है इस बारे में शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान 20 नवंबर को विद्यालयों में चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा करेंगी।जनपद के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को 14 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया गया था। डीएम के आदेश के बाद सभी बुनियादी सुविधाएं बहाली शत प्रतिशत करनी थीं। इसकी रिपोर्ट विद्यालय और खंड स्तर पर तलब की जानी है। उसकी समीक्षा की जाएगी और पूरी रिपोर्ट डीएम को दी जाएगी। जो खंड शिक्षा अधिकारी रिपोर्ट नहीं दे पाएगा उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। - प्रदीप रावत, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून