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ड्रोन और सेटेलाइट बनाना सीखेंगे उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के छात्र

अब उत्‍तराखंड के सरकारी स्कूलों के छात्र ड्रोन और सेटेलाइट बनाना सीखेंगे। इसके लिए अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन के साथ एमओयू किया गया है। यह संस्‍था आठवीं और नौवीं कक्षा के छात्रों को ड्रोन और छोटे सेटेलाइट बनाना सिखाएंगी।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 06 Sep 2021 09:52 AM (IST)
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उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के छात्र ड्रोन और सेटेलाइट बनाना सीखेंगे।
आयुष शर्मा, देहरादून। राज्य सरकार का प्रयास है कि सरकारी विद्यालयों के होनहार छात्र-छात्राओं में विज्ञानी सोच विकसित करने के साथ उन्हें नवीनतम तकनीकों से अवगत कराया जाए। जिससे वह भी विज्ञान के आसमान में सफलता के पंख फैलाकर तरक्की की उड़ान भर सकें। इस क्रम में शिक्षा विभाग ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन के साथ एमओयू किया है। यह संस्था सरकारी विद्यालयों में आठवीं और नौवीं कक्षा में पढ़ रहे होनहारों को ड्रोन बनाना और उड़ाना सिखाएगी। इन बच्चों को पिको यानी छोटे सेटेलाइट बनाना और उसे लांच करना भी सिखाया जाएगा।

इसके लिए पहले चरण में प्रदेश के पांच जिलों में 130 विद्यालयों से एक-एक छात्र का चयन किया गया है। इनमें देहरादून से 26, हरिद्वार से 14, अल्मोड़ा, पौड़ी और ऊधमसिंह नगर से 30-30 बच्चों का चयन किया गया है। अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन की ओर से साइंस टेक्नोलाजी इंजीनियरिंग मैथ्स (स्टेम) कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं को आधुनिक शिक्षा दी जा रही है। इसमें आठवीं एवं नौवीं कक्षा के बच्चों को ड्रोन व मिनी सेटेलाइट बनाने और उसके इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा बच्चों को कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कराई जाती है और उनके व्यक्तित्व को निखारने के लिए विभिन्न आयोजन किए जाते हैं। संस्था की तरफ से चयनित छात्रों को आनलाइन माध्यम से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कराने के साथ ड्रोन व मिनी सेटेलाइट के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां देना शुरू कर दिया गया है। इसके लिए संस्था ने कुछ विद्यालयों को कंप्यूटर भी दिए हैं।

ऐसे हुआ छात्रों का चयन

इस कार्यक्रम के लिए छात्रों का चयन परीक्षा और उनकी जिज्ञासा के आधार पर किया गया। जो छात्र कार्यक्रम में शामिल होना चाहते थे, उन्हें फाउंडेशन ने अंतरिक्ष विज्ञान, ड्रोन, सेटेलाइट समेत अन्य विषयों की पढ़ाई कराई। इसके बाद आनलाइन परीक्षा आयोजित कर हर स्कूल से एक छात्र का चयन किया गया। अब इन छात्रों को ड्रोन व मिनी सेटेलाइट बनाने के साथ उसे लांच करने का तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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कार्यक्रम में यह भी है शामिल

  • बच्चों को टीम के साथ काम करना सिखाना।
  • व्यक्तित्व विकास के लिए समूह आधारित विचार-विमर्श कराना।
  • विज्ञान और आविष्कारों के प्रति जिज्ञासा पैदा करना।
  • कोडिंग व कंप्यूटर साइंस सिखाना।
  • स्कूल या जिले के किसी सफल व्यक्ति से छात्रों की बातचीत कराना।
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बंशीधर तिवारी (राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा अभियान) ने बताया कि बच्चों को आधुनिक शिक्षा देने और उनमें विज्ञान व आविष्कारों के प्रति रुझान जगाने पर सरकार व शिक्षा विभाग का जोर है। इसी के तहत अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन के साथ एमओयू किया गया है। चयनित बच्चे भी जिज्ञासा के साथ सब सीख रहे हैं। भविष्य में और अधिक छात्रों को इस कार्यक्रम से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।

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