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डीजीपी के चयन पर उत्‍तराखंड सरकार ले रही विधिक परामर्श, फाइनल हुए तीन नाम

Uttarakhand New DGP उत्तराखंड सरकार डीजीपी के चयन के लिए संघ लोक सेवा आयोग द्वारा भेजे गए तीन नामों पर विचार कर रही है। इनमें आइपीएस दीपम सेठ डॉ. पीवीके प्रसाद और अमित कुमार सिन्हा शामिल हैं। प्रभारी डीजीपी अभिनव कुमार का नाम तकनीकी कारणों से शामिल नहीं किया गया है। सरकार अब विधिक पहलुओं पर विचार कर रही है।

By Vikas gusain Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 04 Oct 2024 02:35 PM (IST)
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Uttarakhand New DGP: संघ लोक सेवा आयोग ने पुलिस महानिदेशक पद के लिए तीन नामों का पैनल भेजा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। Uttarakhand New DGP: संघ लोक सेवा आयोग ने उत्तराखंड में पुलिस महानिदेशक पद के लिए तीन नामों का पैनल भेज दिया है। इस पैनल में आइपीएस दीपम सेठ (1995 बैच), डा पीवीके प्रसाद (1995 बैच) और अमित कुमार सिन्हा (1997 बैच) का नाम शामिल है।

पुलिस महानिदेशक का पदभार देख रहे अभिनव कुमार (1996 बैच) का नाम उत्तर प्रदेश कैडर की सूची में शामिल होने के कारण स्वीकार नहीं किया गया। अब शासन संघ लोक सेवा आयोग द्वारा भेजे गए पैनल का परीक्षण करने के साथ ही विधिक पहलुओं पर विचार कर रहा है।

पुलिस महानिदेशक का पद छह माह से रिक्त

प्रदेश में पुलिस महानिदेशक का पद छह माह से रिक्त चल रहा है। अभी आइपीएस अभिनव कुमार प्रभारी पुलिस महानिदेशक की भूमिका में हैं। शासन ने पुलिस महानिदेशक पद पर डीपीसी के लिए केंद्र सरकार को सात आइपीएस अधिकारियों के नाम भेजे थे। इसमें प्रभारी डीजीपी अभिनव कुमार का नाम भी शामिल था।

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गत 30 सितंबर को संघ लोक सेवा आयोग, नई दिल्ली में पुलिस महानिदेशक पद के लिए डीपीसी हुई। इसमें उत्तराखंड शासन द्वारा भेजे गए सभी नामों पर विचार किया गया। इसके बाद आयोग ने तीन नामों के पैनल पर अपनी मुहर लगाई।

तकनीकी कारणों से शामिल नहीं किया प्रभारी डीजीपी का नाम

प्रभारी डीजीपी अभिनव कुमार का नाम इसमें तकनीकी कारणों से शामिल नहीं किया गया। उनका नाम उत्तर प्रदेश कैडर की सूची में शामिल है। यद्यपि, वह राज्य बनने से पहले से उत्तराखंड में कार्यरत हैं और इसी राज्य में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यह विषय हाईकोर्ट गया था और हाईकोर्ट ने उन्हें उत्तराखंड में ही कार्य करते रहने के लिए स्थगन आदेश दिया है।

सचिव गृह शैलेश बगोली ने बताया कि आयोग द्वारा भेजे गए पैनल का परीक्षण करने के साथ ही सभी विधिक पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। इसके बाद आगे की कार्यवाही पर निर्णय लिया जाएगा।

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