Joshimath Disaster: जोशीमठ आपदा के बाद उत्तराखंड सरकार सतर्क, सभी जिलों में 7 सदस्यीय समिति बनाने पर विचार
Joshimath Disaster जोशीमठ में भू-धंसाव की घटना के बाद अब प्रदेश सरकार राज्य के समस्त जनपदों के डेंजर जोन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता पर सात सदस्यीय समिति बनाने पर विचार कर रही है। यह समिति अपनी रिपोर्ट देगी इसके बाद उन भवनों को सुरक्षित किया जाएगा। यह जानकारी प्रदेश के आवास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने दी। पढ़ें पूरी खबर...
By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Tue, 26 Sep 2023 01:26 PM (IST)
देहरादून, जागरण संवाददाता। Joshimath Disaster: जोशीमठ में भू-धंसाव की घटना के बाद अब प्रदेश सरकार राज्य के समस्त जनपदों के डेंजर जोन के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता पर सात सदस्यीय समिति बनाने पर विचार कर रही है। यह समिति अपनी रिपोर्ट देगी, इसके बाद उन भवनों को सुरक्षित किया जाएगा। यह जानकारी प्रदेश के आवास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने दी।
भूकंप, भूस्खलन व भू-धंसाव क्षेत्र को चिह्नित कर सुरक्षित करने पर विचार
आवास मंत्री डा. अग्रवाल ने जानकारी देकर बताया कि धामी सरकार जोशीमठ आपदा के बाद राज्य के सभी जनपदों में वर्तमान में निर्मित ऐसे भवन जो भूकंप, भूस्खलन, भू-धंसाव, अतिवृष्टि आदि की दृष्टि से जोखिम भरे भवनों की श्रेणी में आते हैं उन्हें चिह्नित कर सुरक्षित करने को मानक संचालन प्रक्रिया संबंधी प्रस्ताव पर विचार कर रही है।
सात सदस्यीय समिति बनाने पर विचार कर रही प्रदेश सरकार
आवास मंत्री डा. अग्रवाल ने बताया कि समस्त जनपदों में भूकंप, भूस्खलन, भू-धंसाव, अतिवृष्टि आदि जोखिम संभावित भवनों के चिह्निकरण कर सुरक्षित करने को सात सदस्यीय समिति बनाने पर विचार कर रही है। डा. अग्रवाल ने बताया कि अपने-अपने जनपदों में जिलाधिकारी इस समिति की अध्यक्षता करेंगे, जबकि अन्य छह इसके सदस्य रहेंगे।आवास मंत्री डा. अग्रवाल ने बताया कि जिलाधिकारी के अलावा इन छह सदस्यों में जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अथवा सचिव, संबंधित क्षेत्र के उपजिलाधिकारी, लोकनिर्माण विभाग अथवा सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता, सहायक भू-वैज्ञानिक (भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग), आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र के निदेशक अथवा उनके द्वारा नामित प्रतिनिधि और संबंधित नगर निकाय के अधिशासी अधिकारी रहेंगे।