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Uttarakhand News: भ्रष्‍टाचार पर सीएम धामी का बड़ा एक्‍शन, आय से अधिक संपत्ति मामले में IAS राम बिलास यादव को किया सस्‍पेंड

आय से अधिक संपत्ति के मामले में विजिलेंस जांच का सामना कर रहे आइएएस अधिकारी और उत्तराखंड शासन में अपर सचिव रामबिलास यादव को शासन ने निलंबित कर दिया है। आइएएस राम बिलास यादव 2019 में उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड आए थे।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Wed, 22 Jun 2022 08:04 PM (IST)
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शासन ने आइएएस अधिकारी और उत्तराखंड शासन में अपर सचिव राम बिलास यादव को निलंबित कर दिया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में चल रही जांच में सहयोग न करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शासन ने आइएएस राम बिलास यादव को निलंबित कर दिया।

इस बीच, नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर यादव बुधवार को देहरादून में विजिलेंस के समक्ष पेश हुए। जहां उनसे आठ घंटे से पूछताछ चल रही है। यादव वर्तमान में उत्तराखंड शासन में समाज कल्याण और कृषि विभाग में अपर सचिव हैं। यादव की इसी 30 जून को सेवानिवृत्ति होनी है।

राम बिलास यादव के उत्तर प्रदेश में तैनात रहने के दौरान आय से अधिक संपत्ति के मामला सामने आया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी विजिलेंस जांच कराई थी, लेकिन जांच रिपोर्ट आने से पहले ही वर्ष 2019 में यादव अपने मूल काडर उत्तराखंड में लौट आए थे।

तब वह पीसीएस थे, यहां आने के कुछ अंतराल में उनकी आइएएस काडर में प्रोन्नति कर दी गई। इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड सरकार को पत्र लिखकर कार्रवाई की सिफारिश की थी।

उत्तराखंड में विजिलेंस ने खुली जांच शुरू करने के बाद अप्रैल में यादव के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन, वह विजिलेंस में बयान दर्ज कराने नहीं आ रहे थे। इस पर विजिलेंस ने कोर्ट से आदेश लेकर पिछले दिनों यादव के उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी।

छापे में यादव की इन दोनों राज्यों में 20 से अधिक संपत्तियों का पता चला था। इस दौरान यादव और उनके स्वजन ठिकानों पर नहीं मिले थे। यादव छापे की कार्रवाई के पहले से ही अवकाश पर बताए गए।

विजिलेंस का शिकंजा कसता देख यादव मंगलवार को गिरफ्तारी पर रोक के लिए नैनीताल हाई कोर्ट पहुंचे। हाई कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली। साथ ही आदेश दिया कि वह बुधवार तक विवेचक के समक्ष अपने बयान दर्ज कराएं।

इस क्रम में यादव अपने अधिवक्ता के साथ बुधवार दोपहर 12:48 बजे विजिलेंस कार्यालय पहुंचे। विजिलेंस ने पूछताछ के दौरान अधिवक्ता साथ नहीं रहने दिया। विजिलेंस ने यादव से सवाल-जवाब के लिए पहले ही तैयारी की हुई थी।

विजिलेंस सूत्रों ने बताया कि यादव ने अधिकतर सवाल का जवाब सिर्फ हां या ना में दिया। कई सवालों का जवाब देने से बचते भी रहे। उनसे दो एसपी, तीन सीओ, दो विवेचक और चार इंस्पेक्टरों ने अलग-अलग चरणों में पूछताछ की।

इधर, देर शाम शासन ने यादव को निलंबित कर दिया। निलंबन अवधि में वह सचिव कार्मिक एवं सतर्कता विभाग के कार्यालय में संबद्ध रहेंगे।

हो सकती है यादव की गिरफ्तारी

सेवानिवृत्ति से महज आठ दिन पहले आइएएस राम बिलास यादव को सरकार की ओर से निलंबित करने व विजिलेंस की लंबी पूछताछ के बाद यादव की गिरफ्तारी की अटकलें तेज हो गई हैं। विजिलेंस के पास उनके विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य होने की बात कही जा रही है।

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