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भुखमरी, कुपोषण, स्वास्थ्य में सुधरा प्रदर्शन, अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखंड ने की अच्छी प्रगति

उत्तराखंड ने सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) में पिछले साल की तुलना में नौ क्षेत्रों में अपने प्रदर्शन को सुधारा है। नतीजतन राज्य नवीं रैंकिंग को सुधार कर तीसरे स्थान पर पहुंच गया। स्वच्छ एवं किफायती ऊर्जा और लक्ष्यों के लिए साझेदारी ऐसे क्षेत्र हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sat, 05 Jun 2021 06:05 AM (IST)
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भुखमरी, कुपोषण, स्वास्थ्य में सुधरा प्रदर्शन, अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखंड ने की अच्छी प्रगति।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड ने सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) में पिछले साल की तुलना में नौ क्षेत्रों में अपने प्रदर्शन को सुधारा है। नतीजतन राज्य नवीं रैंकिंग को सुधार कर तीसरे स्थान पर पहुंच गया। स्वच्छ एवं किफायती ऊर्जा और लक्ष्यों के लिए साझेदारी ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें राज्य ने देश के अन्य सभी राज्यों को पीछे धकेलकर पहली रैंकिंग हासिल की। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि टीम वर्क की बदौलत राज्य ने सतत विकास की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं।

2019 में एसडीजी इंडिया इंडेक्स रिपोर्ट में राज्य को नवीं रैंकिंग हासिल हुई थी। 2020 के लिए जारी रिपोर्ट में तीसरी रैंकिंग तक पहुंचने में बड़ी कामयाबी मिली है। गरीबी कम करने, खाद्य सुरक्षा, कुपोषण कम करने, जल व स्वच्छता, स्वास्थ्य, ऊर्जा, सामाजिक सुरक्षा, वन प्रबंधन और कानून व्यवस्था के क्षेत्रों में उत्तराखंड ने अन्य राज्यों की तुलना में अच्छी प्रगति की है। सामाजिक सुरक्षा को बढ़े कदम

राज्य ने पिछले वर्ष की तुलना में इस दफा कई क्षेत्रों में अपनी रैंकिंग सुधारी है। भुखमरी, कुपोषण समाप्त करने की दिशा में रैकिंग में दो अंकों का सुधार हुआ। यह 10 से आठ हो गई है। इसीतरह स्वास्थ्य रैंकिंग में पांच स्थान आगे बढ़कर रैंकिंग आठ तक पहुंची है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में रैंकिंग सात अंक से सुधर कर चौथे स्थान पर हो गई है। असमानताओं में कमी और सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाते हुए रैंकिंग में बड़ा उछाल आया है। यह 17 से चार तक पहुंच गई। उपभोग व उत्पादन में भी रैंकिंग 14 से छठे स्थान तक आई है। स्वच्छ व किफायती ऊर्जा में भी रैंकिंग नौ अंक से पहले स्थान के लिए ऊंची उड़ान भरी।

रिपोर्ट में 17 लक्ष्यों की समीक्षा

नीति आयोग वर्ष 2018-19 से लगातार रिपोर्ट प्रकाशित कर रहा है। वर्तमान रिपोर्ट इस कड़ी में तीसरा संस्करण है। वर्ष 2020-21 की रिपोर्ट में सतत विकास के 17 लक्ष्यों, 115 इंडीकेटर की समीक्षा की गई। समुद्री क्षेत्र न होने से उत्तराखंड के संबंध में समुद्री जीवन से संबंधित लक्ष्य संख्या-14 प्रासंगिक नहीं है। नियोजन विभाग के प्रकोष्ठ सेंटर फार पब्लिक पालिसी एंड गुड गवर्नेंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा मनोज पंत ने बताया कि सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राज्य प्रतिबद्ध है।

जिलास्तरीय संकेतकों की नियमित समीक्षा के लिए डैशबोर्ड का निर्माण किया गया है। त्रिस्तरीय पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों को पूरा किया जा रहा है। समयबद्ध तरीके से लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार सभी हितधारकों निजी क्षेत्र, कारपोरेट, अकादमिक एवं शोध संस्थान, राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों से प्रभावी भागीदारी कर रही है।

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