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महाराष्ट्र और गुरुग्राम से भागकर दून में खोला था अस्पताल, ऐश की जिंदगी जी रहा था गुनहगार; पढ़ें कब कैसे क्या हुआ

Uttarakhand kidney scandal किडनी खरीद फरोख्त व प्रत्यारोपण कांड में फंसे गिरोह का मुख्य आरोपित डा. अमित राउत व उसका भाई जीवन कुमार राउत वर्षों से इस धंधे में संलिप्त रहे। डीआइजी जन्मेजय खंडूडी ने बताया कि अमित राउत आयुर्वेद चिकित्सक है और उसकी पत्नी होम्योपैथिक चिकित्सक थी।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Wed, 17 Nov 2021 11:11 AM (IST)
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महाराष्ट्र और गुरुग्राम से भागकर दून में खोला था अस्पताल, ऐश की जिंदगी जी रहा था गुनहगार।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand kidney scandal देहरादून में किडनी खरीद फरोख्त व प्रत्यारोपण कांड में फंसे गिरोह का मुख्य आरोपित डा. अमित राउत व उसका भाई जीवन कुमार राउत वर्षों से इस धंधे में संलिप्त रहे। डीआइजी जन्मेजय खंडूडी ने बताया कि अमित राउत आयुर्वेद चिकित्सक है और उसकी पत्नी होम्योपैथिक चिकित्सक थी। अमित राउत व जीवन मुंबई के सांताक्रुज में कौशल्या नर्सिंग होम के नाम से अस्पताल चलाते थे, वहां पर वह ट्रांसप्लांट सर्जरी करते थे।

इसी दौरान दोनों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हो गए। इसके बाद जीवन राउत ने गुरुग्राम में अपना अस्पताल शुरू किया। 2005 में अमित राउत व जीवन ने गुरुग्राम में अवैध किडनी ट्रांसप्लांट का केस किया और वहां से फरार हो गए। जीवन राउत नेपाल भाग गया, जहां सीबीआई ने उसे विदेशी करेंसी के साथ पकड़ लिया, जबकि अमित राउत ने देहरादून के लालतप्पड़ में सेंचुरी गंगोत्री अस्पताल खोला और यहां पर अपने भाई जीवन राउत को बुला दिया।

अस्पताल में पूरा स्टाफ रखा हुआ था और किडनी ट्रांसप्लांट के लिए वह चिकित्सक बाहर से बुलाता था। 2017 में अमित राउत का बेटा अक्षय राउत भी देहरादून आ गया और अपने पिता के काले कारनामे में हाथ बंटाने लगा। 11 सितंबर 2017 को मामले का जब पर्दाफाश हुआ तो अमित राउत, भाई जीवन राउत, बेटा अक्षय राउत व नर्स सरला सेमवाल के साथ पंचकुला भाग गया। अक्षय को पुलिस से बचाने के लिए अमित राउत ने उसे पंचकुला से भी भगा दिया।

ऐसे पकड़ा गया अक्षय राउत

पुलिस चार साल से गिरोह के सदस्य अक्षय राउत की तलाश में दबिश दे रही थी, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पाया। पुलिस की मानें तो कुछ दिन पहले एक व्यक्ति ने गुवाहटी के थाने में अक्षय के खिलाफ शिकायत दी थी कि वह उसकी पत्नी के साथ अवैध तौर पर रह रहा है। पुलिस ने जब अक्षय की हिस्ट्री खंगाली तो पाया कि वह देहरादून से वांछित है। इसके बाद गुवाहटी पुलिस ने देहरादून पुलिस से संपर्क किया और आरोपित के फोटो भेजे। दून पुलिस गुवाहटी पहुंची और आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।

आलीशान जिंदगी जी रहे थे आरोपित

किडनीकांड के आरोपित इस अवैध कारोबार से आलीशान जिंदगी जी रहे थे। 11 सितंबर 2017 को जब पुलिस ने इस कारनामे का पर्दाफाश किया तो घटना के चार दिन बाद 15 सितंबर को पुलिस ने डा. अमित राउत को चंडीगढ़ के पंचकुला सेक्टर-18 स्थित पल्लवी होटल से गिरफ्तार कर लिया था। इसके अलावा अमित के भाई जीवन और अस्पताल की नर्स सरला व राजीव चौधरी के ड्राइवर प्रमोद उर्फ बिल्लू को भी पकड़ लिया गया। उनके पास से एक मर्सिडीज, एक बीएमडब्ल्यू और 33 लाख रुपये नकद बरामद किए थे। पुलिस ने कुछ दिन बाद राजीव चौधरी समेत आधा दर्जन अन्य आरोपितों को भी दबोच लिया।

डीआइजी ने दिया पुरस्कार

किडनी कांड के आरोपितों को सलाखों के पीछे पहुंचाने पर डीआइजी ने विवेचक भुवन चंद्र पुजारी व उनकी टीम को पांच हजार रुपये का नकद इनाम की घोषणा की है।

अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपित

-डा. अमित राउत, निवासी डीएलएफ गुरुग्राम

-जीवन राउत, निवासी एसएल टावर, गुरुग्राम

-डा. अक्षय राउत, डीएलएफ, गुरुग्राम, हरियाणा

-डा. संजय दास, निवासी फोरबिसगंज जिला अररिया, बिहार

-डा. सुषमा कुमारी, निवासी फोरबिसगंज जिला अररिया, बिहार

-जावेद खान, निवासी ग्रीन पार्क सोसायटी, सांताक्रुज वेस्ट, मुंबई

-नर्स सरला सेमवाल, निवासी श्रीराम होटल, घनसाली, जिला टिहरी, उत्तराखंड

-प्रमोद उर्फ बिल्लू, निवासी वाजिदपुर बडौत, उत्तर प्रदेश

-अभिषेक शर्मा, निवासी राजमंडी पहाड़ी बाजार, कनखल, हरिद्वार

-जगदीश कुमार, निवासी सूरत, गुजरात

-राजीव चौधरी, निवासी आदर्श नगर बिनोली रोड बागपत, उप्र

-अनुपमा चौधरी, निवासी नेचरविला लालतप्पड़ डोईवाला, देहरादून

- डा. अशोक योगी, निवासी माजरी डोईवाला, देहरादून

-चंदना गुडिया, निवासी शांतरागाछी हावड़ा, पश्चिमी बंगाल

-सतेंद्र कुमार बलियान, निवासी ग्राम सावतू बुढ़ाना मुजफ्फरनगर, उप्र

-अंकित बलियान, निवासी ग्राम सावतू बुढ़ाना मुजफ्फरनगर, उप्र

-अरुण कुमार पांडे, निवासी डिफेंस कालोनी, देहरादून

-श्रीनिवासन चौहान निवासी चंद्रेश्वर नगर चंद्रभागा ऋषिकेश, देहरादून

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