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Uttarakhand: उत्तराखंड में 203 भूस्खलन क्षेत्र हुए चिह्नित, ग्रीन तकनीक के उपयोग से दुरुस्त करने का चल रहा काम

Uttarakhand Landslide Zone प्रदेश के संपर्क मार्गों पर बन रहे भूस्खलन क्षेत्रों के उपचार को ग्रीन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रमुख मार्गों पर विभिन्न भूस्खलन क्षेत्रों का इस पद्धति से उपचार किया जा रहा है। हाल ही में प्रदेश के 100 संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्रों के ग्रीन तकनीक से उपचार के लिए लिए विश्व बैंक की सहायता से काम शुरू किया गया है।

By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Mon, 09 Oct 2023 08:42 AM (IST)
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Uttarakhand Landslide Zone: उत्तराखंड में 203 भूस्खलन क्षेत्र हुए चिह्नित
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Landslide Zoneप्रदेश के संपर्क मार्गों पर बन रहे भूस्खलन क्षेत्रों के उपचार को ग्रीन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। प्रमुख मार्गों पर विभिन्न भूस्खलन क्षेत्रों का इस पद्धति से उपचार किया जा रहा है। हाल ही में प्रदेश के 100 संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्रों के ग्रीन तकनीक से उपचार के लिए लिए विश्व बैंक की सहायता से काम शुरू किया गया है।

ग्रीन तकनीकी से भूस्खलन क्षेत्रों का उपचार शुरू

उत्तराखंड में हर साल वर्षाकाल में बड़ी संख्या में मार्ग अवरुद्ध होते हैं। इसका मुख्य कारण इन मार्गों पर भूस्खलन होना है। ऐसे लगभग 203 भूस्खलन क्षेत्र चिह्नित हैं। इन स्थानों पर अवरुद्ध मार्गों को खोलना सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती रहता है। यातायात सुचारु रखने के लिए इन मार्गों पर बड़ी संख्या में मशीनों व कार्मिकों की तैनाती की जाती है। प्रदेश में इस समस्या को देखते हुए यहां ग्रीन तकनीकी से भूस्खलन क्षेत्रों का उपचार शुरू किया गया।

चारधाम आल वेदर रोड के निर्माण के दौरान बने कई नए भूस्खलन क्षेत्र

चारधाम आल वेदर रोड के निर्माण के दौरान कई नए भूस्खलन क्षेत्र बने। इनके उपचार को सबसे पहले ग्रीन तकनीक का इस्तेमाल किया गया। इस तकनीक में दीवारों पर जाली लगाने के साथ ही कंक्रीट व सीमेंट का मिश्रण लगाया जाता है। साथ ही इसमें विशेष प्रकार के पौधे रोपित किए जाते हैं। यह तकनीक कई स्थानों पर लाभदायक साबित हुई है। यही कारण रहा कि प्रदेश सरकार ने कुछ समय पहले प्रमुख मार्गों पर बने लगभग 100 भूस्खलन क्षेत्रों का उपचार इस तकनीक से कराने का निर्णय लिया।

100 भूस्खलन क्षेत्रों के उपचार की चल रही कवायद

विश्व बैंक ने यू-प्रीपेयर स्कीम के तहत इसके लिए आर्थिक सहायता स्वीकृत की। मुख्य सचिव डा. एसएस संधु की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन क्षेत्रों में कार्य करने की स्वीकृति प्रदान की गई। अब संपर्क मार्गों पर बने लगभग 100 भूस्खलन क्षेत्रों का उपचार इस तकनीक से करने की कवायद चल रही है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।

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जिलों में विभिन्न मार्गों पर चिह्नित भूस्खलन क्षेत्रों की स्थिति

  • टिहरी - 22
  • चमोली - 12
  • रुद्रप्रयाग - 10
  • पौड़ी - 27
  • उत्तरकाशी - 08
  • हरिद्वार - 05
  • देहरादून - 07
  • पिथौरागढ़ - 49
  • चंपावत - 04
  • अल्मोड़ा - 08
  • बागेश्वर - 06
  • नैनीताल - 21
  • यूएस नगर - 00
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