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Uttarakhand Lockdown: राशनकार्डधारकों के लिए राहतभरी खबर, स्टेटपूल में है कई माह के लिए पर्याप्त चावल

23 लाख से ज्यादा राशनकार्डधारकों के लिए राहतभरी खबर। आने वाले कई महीनों तक प्रदेश की राशन की दुकानों में खाद्यान्न खासतौर पर चावल की कमी नहीं होने वाली।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sun, 29 Mar 2020 09:05 PM (IST)
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Uttarakhand Lockdown: राशनकार्डधारकों के लिए राहतभरी खबर, स्टेटपूल में है कई माह के लिए पर्याप्त चावल
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में 23 लाख से ज्यादा राशनकार्डधारकों के लिए राहतभरी खबर। आने वाले कई महीनों तक प्रदेश की राशन की दुकानों में खाद्यान्न खासतौर पर चावल की कमी नहीं होने वाली। स्टेटपूल में राज्य के पास पर्याप्त चावल मौजूद है। गेहूं की उपलब्धता में कमी नहीं आने को लेकर भी सरकार और खाद्य महकमा आश्वस्त हैं। केंद्र सरकार और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) ने गेहूं की पर्याप्त आपूर्ति करने का भरोसा दिया है। 

कोराना महामारी से लड़ाई के चलते लॉकडाउन की वजह से सभी राशनकार्डधारकों को तीन महीने का राशन अग्रिम देने के आदेश सरकार जारी कर चुकी है। इस आदेश के मद्देनजर खाद्य महकमा खाद्यान्न के बंदोबस्त में जुट गया है। हालांकि अगले माह अप्रैल तक पूरा खाद्यान्न महकमे के पास उपलब्ध है। इस खाद्यान्न का वितरण शुरू किया जा चुका है। अब तैयारी अगले माह अप्रैल के पहले हफ्ते में एडवांस में दिए जाने वाले दो माह मई और जून के खाद्यान्न के लिए की जा रही है। 

राहत की बात ये है कि खाद्य विभाग को चावल के लिए हाथ-पांव नहीं मारने पड़ेंगे। स्टेटपूल में आगामी महीनों की जरूरत के लिए करीब पांच लाख कुंतल चावल राज्य के पास मौजूद है। इसके अतिरिक्त राज्य की राइस मिलों से राज्य को 18 लाख कुंतल से अधिक चावल लेना है। आगामी दो महीनों के लिए 46 हजार मीटिक टन चावल राज्य के राशनकार्डधारकों के लिए चाहिए। अगले कई महीनों के लिए चावल उपलब्ध है। 

खाद्य सचिव सुशील कुमार के मुताबिक चावल की कमी अगले कई महीनों तक नहीं होने वाली है। आगामी मई और जून महीनों के लिए राज्य को करीब 19 हजार मीटिक टन गेहूं की जरूरत होगी। यह गेहूं एफसीआइ से लिया जा रहा है। पंजाब से भी राज्य को गेहूं की आपूर्ति होगी। 

निराश्रितों को भोजन मुहैया करा रहे निकाय 

कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के मद्देनजर राज्य के नगर निकायों में स्वच्छता और सार्वजनिक स्थानों को विसंक्रमित करने का अभियान तो चल ही रहा है, निकायों में फंसे बेसहारा और निराश्रित लोगों भी चिंता की जा रही है। 

शहरी विकास सचिव शैलेश बगोली के अनुसार शनिवार को नगर निकायों में ऐसे 3815 लोगों के लिए निकायों द्वारा भोजन की व्यवस्था की गई। शहरी विकास सचिव के अनुसार लॉकडाउन के दौरान जरूरी वस्तुओं की खरीदारी करने के लिए दी जा रही छूट के दौरान शारीरिक दूरी की अवधारणा का अनुपालन कराने में निकाय अच्छा कार्य कर रहे हैं। शनिवार को 3557 दुकानों और प्रतिष्ठानों के बाहर ग्राहकों के खड़े होने के लिए एक-एक मीटर की दूरी पर स्थानों की मार्किंग की गई।

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उधर, निदेशक शहरी विकास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि शनिवार को अतिरिक्त तौर लगाए गए 3442 स्वच्छता कर्मियों के सहयोग 3.37 लाख लीटर संक्रमणरोधी दवा का नगर निकायों में छिड़काव किया गया। उन्होंने बताया कि 542 आवारा पशुओं के लिए भी भोजन की व्यवस्था की गई है। शहरी क्षेत्रों को घूमने वाले आवारा पशुओं की चिंता भी शहरी विकास विभाग कर रहा है।

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