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Uttarakhand Lok Sabha Election Result 2024: भाजपा का तीसरा क्लीन स्वीप, लेकिन मत प्रतिशत में आई गिरावट

Uttarakhand Lok Sabha Election Result 2024 उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद यह पांचवां लोकसभा चुनाव है और इनमें से चार बार किसी एक ही पार्टी ने सभी सीटें जीती हैं। उत्तराखंड नौ नवंबर 2000 को अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। इससे पहले अविभाजित उत्तर प्रदेश के समय भी इस क्षेत्र में पांच लोकसभा सीटें थीं लेकिन शुरुआत में इनके नाम अलग थे।

By Vikas dhulia Edited By: Nirmala Bohra Published: Wed, 05 Jun 2024 07:59 AM (IST)Updated: Wed, 05 Jun 2024 07:59 AM (IST)
Uttarakhand Lok Sabha Election Result 2024: इस बार भाजपा के मत प्रतिशत में दर्ज की गई 4.19 प्रतिशत की गिरावट

विकास धूलिया, जागरण  देहरादून: Uttarakhand Lok Sabha Election Result 2024: उत्तराखंड में भाजपा ने पांचों सीटों पर लगातार तीसरी बार जीत का परचम फहराकर इतिहास रच दिया। उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद यह पांचवां लोकसभा चुनाव है और इनमें से चार बार किसी एक ही पार्टी ने सभी सीटें जीती हैं।

वर्ष 2009 में कांग्रेस की झोली में सभी पांच सीट गई थीं, जबकि इसके बाद वर्ष 2014, 2019 और अब भाजपा ने क्लीन स्वीप किया। वैसे, कुल मिलाकर 18 लोकसभा चुनावों में यह 11वां अवसर रहा, जब उत्तराखंड में किसी दल ने सभी सीटों पर जीत दर्ज की। इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के बावजूद राज्य में भाजपा के कुल मत प्रतिशत में इस बार गिरावट दर्ज की गई है।

नौ नवंबर 2000 को अलग राज्य बना उत्तराखंड

उत्तराखंड नौ नवंबर 2000 को अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। इससे पहले अविभाजित उत्तर प्रदेश के समय भी इस क्षेत्र में पांच लोकसभा सीटें थीं, लेकिन शुरुआत में इनके नाम अलग थे। 17वीं लोकसभा के चुनाव तक राज्य में 10 ऐसे मौके आए, जब किसी एक ही दल के खाते में पांचों सीटें आईं। अविभाजित उत्तर प्रदेश के समय इस क्षेत्र की पांचों लोकसभा सीटों पर एकतरफा जनादेश की शुरुआत वर्ष 1957 के दूसरे लोकसभा चुनाव से हुई थी और तब सभी पांच सीटें कांग्रेस को मिलीं।

आपातकाल के बाद वर्ष 1977 के लोकसभा चुनाव में देश के साथ यहां भी बदलाव की बयार चली और पांचों सीटें जनता पार्टी के खाते में गईं। वर्ष 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए चुनाव में सहानुभूति लहर में कांग्रेस ने पांचों सीटों पर जीत दर्ज की। वर्ष 1991 में रामलहर प्रभावी रही और पांचों सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को जीत मिली। वर्ष 1998 में भी जनादेश का स्वरूप यही रहा।

अलग राज्य बनने के बाद उत्तराखंड में वर्ष 2004 में पहले लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें तीन सीटें भाजपा और एक-एक सीट कांग्रेस व सपा के हिस्से आई। वर्ष 2009 में कांग्रेस ने क्लीन स्वीप करते हुए पांचों सीट हासिल की। वर्ष 2014 में भारतीय राजनीति में मोदी युग के आरंभ के साथ ही उत्तराखंड में भाजपा अविजित स्थिति में आ गई। इसका परिणाम यह हुआ कि वर्ष 2014, 2019 और अब 2024 में लगातार तीसरी बार जीत प्राप्त कर हैट्रिक बना डाली।

उत्‍तराखंंड की सभी सीटों पर जीत का रिकार्ड

भाजपा ने लगातार तीन चुनावों में राज्य की सभी सीटों पर जीत का रिकार्ड तो बना लिया, लेकिन कुल हासिल मत प्रतिशत के मामले में पार्टी पिछले चुनाव का आंकड़ा नहीं छू पाई। वर्ष 2019 के चुनाव में राज्य में कुल 61.50 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसमें भाजपा के हिस्से आए 61 प्रतिशत मत, जबकि कांग्रेस को मिले 31.4 प्रतिशत मत। इस बार राज्य की पांचों सीटों पर कुल मतदान प्रतिशत रहा 57.22, जिसमें से भाजपा को मिले 56.81 प्रतिशत मत और कांग्रेस के हिस्से आए 32.83 प्रतिशत मत। यानी, पिछली बार की अपेक्षा इस बार भाजपा को प्राप्त मतों में 4.19 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

इस बार विजयी प्रत्याशियों में सर्वाधिक 64.2 प्रतिशत मत अल्मोड़ा सीट पर अजय टम्टा को हासिल हुए। यहां कांग्रेस को 29.18 प्रतिशत मत मिले। जीतने वालों में सबसे कम 50.19 प्रतिशत मत हरिद्वार सीट पर त्रिवेंद्र सिंह रावत को मिले। यहां कांग्रेस के हिस्से आए 37.6 प्रतिशत मत।

इनके अलावा गढ़वाल सीट पर भाजपा को 58.6 प्रतिशत, कांग्रेस को 36.43 प्रतिशत, टिहरी गढ़वाल में भाजपा प्रत्याशी को 53.66 प्रतिशत व कांग्रेस को 22.05 प्रतिशत मत प्राप्त हुए। नैनीताल ऊधम सिंह नगर सीट पर भाजपा प्रत्याशी को 61.03 और कांग्रेस को 34.61 प्रतिशत मत हासिल हुए।


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