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चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने आयुर्वेद चिकित्सकों की भर्ती में गड़बड़ी के आरोप नकारे, कहा-बरती गई पूरी पारदर्शिता

उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने आयुर्वेद चिकित्सकों के बैकलाग समेत 253 पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों को खारिज किया है। यह साफ कर दिया है कि भर्ती के दौरान पूरी पारदर्शिता बरती गई है। अध्यक्ष डा. डीएस रावत की ने सोमवार को बोर्ड कार्यालय में कहा कि कुछ लोग इंटरनेट मीडिया पर भर्ती परीक्षा को लेकर भ्रामक बातें फैला रहे हैं।...

By Riya.PandeyEdited By: Riya.PandeyUpdated: Tue, 01 Aug 2023 01:51 PM (IST)
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चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने आयुर्वेद चिकित्सकों की भर्ती में गड़बड़ी के आरोप नकारे
जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने आयुर्वेद चिकित्सकों के बैकलाग समेत 253 पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों को खारिज किया है। यह साफ कर दिया है कि भर्ती के दौरान पूरी पारदर्शिता बरती गई है।

अध्यक्ष डा. डीएस रावत की ने सोमवार को बोर्ड कार्यालय में कहा कि कुछ लोग इंटरनेट मीडिया पर भर्ती परीक्षा को लेकर भ्रामक बातें फैला रहे हैं। वहीं उत्तराखंड बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल ने भी भर्ती में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं, ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं।

बोर्ड अध्यक्ष ने भर्ती में गड़बड़ी के आरोपों को बताया निराधार

दरअसल, बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बाबी पंवार के साथ शिव प्रसाद सेमवाल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने कई बिंदुओं पर आपत्ति जताते हुए डा. डीएस रावत से मुलाकात की। उसके बाद बोर्ड के अध्यक्ष ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षा सरकार की वर्ष 2020 में बनाई गई सेवा नियमावली के तहत कराई गई।

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कहा कि उत्तराखंड आयुष (आयुर्वेदिक एवं यूनानी) विभाग समूह ‘ख’ (प्रथम संशोधन) सेवा नियमावली-2020 में साफ किया गया है कि जहां भी ‘आयोग’ शब्द आया है उसे ‘बोर्ड’ पढ़ा जाए। ऐसे में यह कहना गलत है कि भर्ती चयन बोर्ड को नहीं करानी थी।

डा. रावत ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया के तहत पहले लिखित परीक्षा हुई, जो केवल स्क्रीनिंग परीक्षा थी। यह पहले ही साफ किया गया था कि प्रारंभिक परीक्षा के अंकों को चयन के लिए आगणित नहीं किया जाएगा। इस परीक्षा के आधार पर एक सीट के मुकाबले तीन अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया।

कम अंक लाने वाले केवल आरक्षित श्रेणियों में ही चयनित

लिखित परीक्षा में कम अंक लाने वाले छात्र केवल आरक्षित श्रेणियों में ही चयनित हुए हैं। ऐसे में परीक्षा में कम अंक लाने वालों के चयन का आरोप पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि साक्षात्कार प्रक्रिया 100 अंकों की थी, जिसमें से 60 अंक साक्षात्कार, जबकि 40 अंक अकादमिक (बीएएमएस के प्राप्तांक, पीजी डिग्री व अनुभव) के तय किए गए थे।

उन्होंने कहा कि साक्षात्कार में 60 में से 59 अंक किसी भी अभ्यर्थी को नहीं दिए गए बल्कि 100 में से 59 अंक दिए गए हैं। इस मौके पर बोर्ड सचिव गरिमा रौकली, प्रो विजय जुयाल आदि उपस्थित रहे।

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