Uttarakhand News: सड़कों पर नहीं थम रहीं मौतें, 7 महीने में हुए 956 सड़क हादसे, 610 ने गंवाई जान
Uttarakhand Road Accident उत्तराखंड में सड़कों पर मौतें नहीं थम रहीं हैं। अगर सिर्फ सात महीने में की बात करें तो इस दौरान राज्य में 956 सड़क हादसे हुए। इन हादसों में 610 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 03 Sep 2022 05:29 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून: Uttarakhand Road Accident सड़कों पर मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रही है। तेज रफ्तार, ओवरस्पीड व डिंक एंड ड्राइव के कारण सबसे अधिक हादसे हो रहे हैं। इस साल केवल सात महीने में ही 956 सड़क हादसों में 610 लोग मौत के मुंह में चले गए। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 24 प्रतिशत सड़क हादसों में इजाफा हुआ है।
वर्ष 2020 में उत्तराखंड में कुल 510 हादसे हुए थे, जिसमें 468 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी। हादसों की संख्या वर्ष 2021 में बढ़कर 773 हो गई, जिसमें 468 की मृत्यु हो गई। वर्ष 2022 में हादसों में एकाएक तेजी आई।
जनवरी से जुलाई तक 956 सड़क हादसे हो चुके हैं, जिसमें 610 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है। हादसों पर नियंत्रण लाने के लिए यातायात निदेशालय की ओर से हाइवे पेट्रोलिंग को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई, लेकिन फोर्स की कमी के चलते यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई है।
विशेषज्ञों की मानें तो अधिक से ज्यादा मौतें समय पर उपचार न मिलने के कारण होती हैं। वहीं पहाड़ के दुर्गम क्षेत्रों में होने वाले हादसों में रेस्क्यू करने में काफी समय लग जाता है, जिसके कारण कई लोगों की मृत्यु हो जाती है।
शहरी जिलों में सर्वाधिक हादसे
यातायात निदेशालय के आंकड़ों पर नजर डालें तो पर्वतीय जिलों के मुकाबले शहरी जिलों में अधिक हादसे हो रहे हैं। सबसे अधिक 251 हादसे उधमसिंहनगर जिले में, इसके बाद देहरादून जिले में 233, हरिद्वार जिले में 221 और नैनीताल जिले में 144 हादसे हुए हैं।दून की सड़कों पर 49 ब्लैक स्पाटदेहरादून जिले की सड़कों पर 49 ब्लैक स्पाट हैं। इसमें 34 पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए काम किए गए, लेकिन अधिकांश ब्लैक स्पॉट पर सुधारीकरण काम करने के बाद भी हादसे थम नहीं रहे हैं। यहां कई लोगों की जान भी गई है। सबसे ज्यादा 26 ब्लैक स्पाट राष्ट्रीय राजमार्गों पर हैं। पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर 16 ब्लैक स्पाट हैं।
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