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Uttarakhand News: बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल वाहन चालकों का होगा चरित्र सत्यापन, जारी किए गए गाइडलाइन

देहरादून। स्कूली वाहनों में बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल और यौन उत्पीड़न की शिकायत का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव परिवहन और पुलिस महानिदेशक को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। दून के डालनवाला में स्कूल वैन में बच्चों के साथ चालक द्वारा यौन उत्पीड़न की घटना के बाद मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश में स्कूल वाहन चालकों व परिचालकों के सत्यापन का निर्देश दिया है।

By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Sat, 07 Oct 2023 11:00 AM (IST)
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School Vehicle Drivers Character Verification: CM ने बच्चों की सुरक्षा हेतु स्कूल वाहन चालकों के चरित्र सत्यापन के दिए निर्देश

जागरण संवाददाता, देहरादून। School Vehicle Drivers Character Verification: स्कूली वाहनों में बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल और यौन उत्पीड़न की शिकायत का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने सचिव परिवहन और पुलिस महानिदेशक को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। दून शहर के डालनवाला में स्कूल वैन में बच्चों के साथ चालक द्वारा यौन उत्पीड़न की घटना के बाद मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश में स्कूल वाहन चालकों व परिचालकों के सत्यापन का निर्देश दिया है।

इसी क्रम में 10 अक्टूबर से पहले चरण में दून शहर में स्कूल वाहन चालकों का परेड ग्राउंड में सत्यापन किया जाएगा। चालकों व परिचालकों का आपराधिक इतिहास जुटाने व उनके चरित्र सत्यापन की जिम्मेदारी पुलिस की होगी।

पुलिस अधिकारियों को कड़े कदम उठाने के निर्देश

स्कूली बच्चों की परिवहन सुविधा और सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए 'दैनिक जागरण' ने शुक्रवार को प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित की थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने जागरण की खबर का संज्ञान लेकर परिवहन और पुलिस अधिकारियों को कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

गाइलाइन की अनदेखी करने वालों पर होगी कार्रवाई

उन्होंने स्कूली वाहनों में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा व परिवहन सुविधा पुख्ता करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का अनिवार्य रूप से पालन करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी इस गाइडलाइन की अनदेखी करेगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

वाहन चालकों के पास पांच वर्ष का अनुभव होना अनिवार्य

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी ने परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन में स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने वाले वाहनों और वाहन चालकों के लिए 14 नियम बनाए गए हैं, जिनका शत-प्रतिशत अनुपालन कराया जाए। इसके तहत जिस चालक का एक बार भी ओवरस्पीड, शराब पीकर या खतरनाक ढंग से वाहन चलाने पर चालान हुआ हो, उसे स्कूली वाहन के संचालन से हटा दिया जाए। साथ ही चालक के पास भारी वाहन चलाने का कम से कम पांच वर्ष का अनुभव होना अनिवार्य है।

दून में स्कूली वाहन चालकों का सत्यापन अभियान शुरू

सचिव परिवहन के आदेश पर दून शहर में प्रथम चरण में स्कूली वाहन चालकों का सत्यापन अभियान शुरू किया जा रहा है। इसकी जानकारी देते हुए आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी ने बताया कि परेड ग्राउंड में शिविर लगाकर सत्यापन की कार्रवाई की जाएगी। इसमें वाहन चालक को अपने ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड व चरित्र सत्यापन पत्र के साथ आना होगा।

चालक का नाम, पता व मोबाइल नंबर सहित पूरा विवरण विभाग के पास रहेगा। इस दौरान स्कूली वाहनों के प्रपत्रों का भी सत्यापन किया जाएगा और उन पर स्टीकर चस्पा किया जाएगा। वाहन चालकों की काउंसिलिंग भी की जाएगी। आरटीओ की ओर से इसे लेकर आज शनिवार को स्कूल वैन एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक अपने कार्यालय में बुलाई है।

स्कूलों में भी किया जाएगा सर्वे

बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत परिवहन विभाग अब स्कूलों में जाकर भी उनकी परिवहन सुविधा का सर्वे करेगा आरटीओ ने बताया, यह देखा जाएगा कि बच्चे स्कूल बस, वैन, निजी कैब, आटो, रिक्शा या किन साधनों से स्कूल आ रहे हैं। इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी।

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स्कूल वाहन चालकों के लिए गाइडलाइन

  • चालक के पास न्यूनतम पांच साल का भारी वाहन चलाने का अनुभव होना जरूरी है।
  • चालक का पुलिस चरित्र सत्यापन व आपराधिक इतिहास की जानकारी अनिवार्य।
  • चालक का परिवहन नियम तोड़ने पर पूर्व में दो बार चालान हुआ है तो वह स्कूली वाहन चलाने के लिए अयोग्य माना जाएगा।
  • अगर चालक का एक बार ओवरस्पीड, खतरनाक ढंग या फिर शराब पीकर वाहन चलाने में चालान हुआ है तो ऐसा चालक प्रतिबंधित रहेगा।
  • बिना योग्य परिचालक के कोई स्कूल बस का संचालन नहीं करेगा।
  • परिचालक की योग्यता केंद्रीय मोटरयान नियमावली के अनुसार होनी अनिवार्य है।
  • जिन वाहनों का उपयोग छात्राओं को ले जाने में होता है, उसमें महिला सहायक का होना अनिवार्य है।
  • स्कूली वाहन निर्धारित गति पर संचालित किए जाएं। स्पीड गवर्नर अनिवार्य है।
  • निर्धारित संख्या से अधिक छात्र बिठाना प्रतिबंधित व स्कूल बैग रखने की समुचित व्यवस्था होना अनिवार्य।
  • सुरक्षा के लिए बंद दरवाजा अनिवार्य। खुले दरवाजे वाले वाहन प्रतिबंधित हैं।
  • चालक को बच्चों का नाम, पता, ब्लड ग्रुप, रूट प्लान व रुकने के प्वाइंट की पूरी जानकारी होनी चाहिए।
  • वाहन में फर्स्ट एड बाक्स व अग्निशमन यंत्र होना अनिवार्य है।

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