Uttarakhand CM धामी ने सिंचाई के लिए UP से मांगा 665 क्यूसेक पानी, राज्यों के परिसंपत्तियों के बंटवारे पर भी चर्चा
हरिद्वार जिले में सिंचाई विभाग की 615.836 हेक्टेयर भूमि 348 आवासीय व 167 अनावासीय भवन उत्तराखंड को हस्तांतरित करने के संबंध में दोनों राज्यों के मुख्य सचिव स्तर पर सहमति हो चुकी है। इसी प्रकार ऊधम सिंह नगर जिले में 332.74 हेक्टेयर भूमि में से नानक सागर बांध डूब क्षेत्र की 322 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाने और शेष 10.748 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध कराने के बारे में भी शीघ्र निर्णय लेने की अपेक्षा की।
By Jagran NewsEdited By: Shubham SharmaUpdated: Wed, 01 Nov 2023 04:00 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। हरिद्वार जिले के भगवानपुर समेत अन्य क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने को लेकर सरकार सक्रिय हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के प्रवास के दौरान लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर हरिद्वार के असिंचित क्षेत्रों के लिए गंग नहर से 665 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराने का आग्रह किया।
सिंचाई के लिए गंग नहर से पानी की मांग
उन्होंने कहा कि हरिद्वार के तीन विकासखंडों के 74 गांवों की 18280 हेक्टेयर असिंचित भूमि की सिंचाई के लिए 35 किलोमीटर लंबी इकबालपुर नहर के निर्माण के साथ ही कनखल व जगजीतपुर नहर की क्षमता विस्तार प्रस्तावित है। सिंचाई के लिए आसपास नदी या अन्य कोई जलस्रोत उपलब्ध न होने के दृष्टिगत गंग नहर से राज्य को पानी दिया जाना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री धामी ने उप्र के मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि पूर्व में उप्र सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता (गंग नहर संचालन मंडल) ने गंग नहर से 665 क्यूसेक पानी केवल खरीफ फसल के लिए उत्तराखंड को उपलब्ध कराने की फिजिबिलिटी रिपोर्ट दी थी। साथ ही कहा था कि रबी फसल की सिंचाई को पानी उपलब्ध नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी बांध से उत्तर प्रदेश को 4879 क्यूसेक पानी अतिरिक्त दिया जा रहा है।
परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर भी चर्चा
उप्र की प्रस्तावित उपयोगिता 4000 क्यूसेक है। ऐसे में शेष 879 क्यूसेक पानी में से हरिद्वार के लिए 665 क्यूसेक उपलब्ध कराया जाना चाहिए। इस पर सहमति उत्तर प्रदेश शासन स्तर पर लंबित है। आग्रह किया कि इस संबंध में जल्द स्वीकृति प्रदान की जाए। परिसंपत्तियों के हस्तांतरण को जारी हों शासनादेश मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के मध्य परिसंपत्तियों के बंटवारे के संबंध में भी विमर्श किया।
उन्होंने कहा कि हरिद्वार जिले में सिंचाई विभाग की 615.836 हेक्टेयर भूमि, 348 आवासीय व 167 अनावासीय भवन उत्तराखंड को हस्तांतरित करने के संबंध में दोनों राज्यों के मुख्य सचिव स्तर पर सहमति हो चुकी है। इसी प्रकार ऊधम सिंह नगर जिले में 332.74 हेक्टेयर भूमि में से नानक सागर बांध डूब क्षेत्र की 322 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाने और शेष 10.748 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध कराने के बारे में भी शीघ्र निर्णय लेने की अपेक्षा की। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि बनबसा में भूमि का सर्वेक्षण कर कंटूर मैप व प्लान तैयार करने के साथ ही विभिन्न प्रकार की भूमि का अंकन कर लिया गया है।
श्रीअन्न से बने उत्पाद किए भेंट
उत्तराखंड सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने वहां 1410.55 हेक्टेयर में से 162.05 हेक्टेयर भूमि को हस्तांतरण के लिए उपयुक्त पाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन बिंदुओं पर भी दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों की बैठक में सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। साथ ही आग्रह किया कि जिन विषयों पर सहमति बन चुकी हैं, उनके मामले में शीघ्र शासनादेश निर्गत किए जाएं। श्रीअन्न के उत्पाद किए भेंट मुख्यमंत्री धामी ने उप्र के मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान उन्हें भगवान बदरी विशाल की प्रतिमा भेंट की। साथ ही राज्य में उत्पादित श्रीअन्न से बने उत्पाद भी उपहार स्वरूप भेंट किए।
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