चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ मंदिर में तोड़फोड़, चोरी का भी संदेह जताया, स्थानीय लोगों में आक्रोश
गोपेश्वर से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर मंदिर स्थित है। शीतकाल के दौरान चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट बंद रहते हैं। कपाट खुलने की तैयारी को लेकर गश्ती दल रुद्रनाथ गया था। इस दौरान पता चला कि मंदिर के मुख्य द्वार-धर्मशाला के दरवाजों को तोड़ा गया है।
By Nirmala BohraEdited By: Updated: Sat, 09 Apr 2022 10:39 AM (IST)
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : केदारनाथ वन प्रभाग के संरक्षित वन क्षेत्र में समुद्रतल से 11808 फीट की ऊंचाई पर स्थित चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर सहित पुजारी आवास व धर्मशाला के दरवाजे तोडऩे का मामला प्रकाश में आया है।
हालांकि, वहां दरवाजों पर लगाए गए ताले सुरक्षित बताए जा रहे हैं। वन विभाग ने घटना की जानकारी जिला प्रशासन व पुलिस के साथ ही मंदिर के पुजारी व मंदिर समिति को भी दे दी है। रुद्रनाथ धाम के कपाट आगामी 19 मई को खोले जाने हैं।
लोहे के शटर भी क्षतिग्रस्त
बताया गया कि बीते सात अप्रैल को केदारनाथ वन प्रभाग का गश्ती दल रुद्रनाथ क्षेत्र में गश्त पर था। इसी दौरान दल को रुद्रनाथ मंदिर के दरवाजे क्षतिग्रस्त मिले। दल ने अंदर जाकर देखा तो मंदिर के गर्भगृह के सामने लगा लोहे के शटर भी क्षतिग्रस्त किया गया था।मंदिर के पास ही पुजारी आवास और धर्मशाला के दरवाजे भी टूटे मिले। दल ने वापस लौटकर नेटवर्क क्षेत्र में पहुंचने के बाद शुक्रवार देर शाम घटना की जानकारी विभागीय उच्चाधिकारियों को दी। इस पर शनिवार को प्रभागीय वनाधिकारी इंद्र सिंह नेगी ने घटना की जानकारी जिला प्रशासन, पुलिस, मंदिर के पुजारी व मंदिर समिति को दे दी।
पुजारी व हक-हकूकधारियों में आक्रोशविदित हो कि शीतकाल के लिए कपाट बंद होने के रुद्रनाथ क्षेत्र में जाने की किसी को भी अनुमति नहीं है। शीतकाल में यह पूरा क्षेत्र बर्फ से ढका रहता है। लेकिन, इस बार तापमान बढऩे के कारण अप्रैल में ही रुद्रनाथ क्षेत्र में बर्फ पिघल गई है। उधार, कपाटबंदी के दौरान मंदिर, पुजारी आवास व धर्मशाला के दरवाजे तोड़ जाने से पुजारी व हक-हकूकधारियों में आक्रोश है।
मंदिर के पुजारी हरीश भट्ट, व्यापार मंडल अध्यक्ष अंकोला पुरोहित, विकास जुगरान व विहिप के पवन राठौर ने वन विभाग, पुलिस व जिला प्रशासन से मामले का पर्दाफाश करने की मांग की है। पुजारी हरीश भट्ट ने बताया कि मौके पर जाकर ही स्पष्ट हो पाएगा कि मंदिर, धर्मशाला व पुजारी आवास से क्या-क्या सामग्री गायब है।
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