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उत्तराखंड: हर स्कूल के बालिकाओं के लिए बनेगा अलग शौचालय, दो छात्रवृत्तियों में बढ़ोतरी की भी घोषणा

उत्तराखंड में बालिकाओं के लिए अलग शौचालय बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अलग शौचालय नहीं होने के चलते बालिकाओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है जल्द से जल्द हर विद्यालय में छात्राओं के लिए अलग शौचालय बनाने का काम शुरू होगा। ये बात सीएम धामी ने कही।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Fri, 27 Aug 2021 12:13 PM (IST)
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हर स्कूल के बालिकाओं के लिए बनेगा अगल शौचालय।
जागरण संवाददाता, देहरादून। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्राओं के लिए अलग शौचालय बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल में अलग शौचालय नहीं होने की वजह से बालिकाओं को परेशानी झेलनी पड़ती है। प्रदेश की बेटियों की यह समस्या जल्द से जल्द दूर करने के लिए इस पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ननूरखेड़ा स्थित राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के वर्चुअल क्लास स्टूडियो से 'जन शैक्षिक संवाद' कार्यक्रम के तहत प्रदेश के शिक्षकों, छात्रों व उनके अभिभावकों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शुरू होने जा रहे आठ व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह पाठ्यक्रम छात्र-छात्राओं को स्कूली शिक्षा के दौरान ही उनका हुनर पहचानने में मदद करेंगे। बताया कि प्रदेश के 200 स्कूलों में ब्यूटिशियन, आइटी समेत आठ वोकेशनल कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों के होनहार छात्रों को सालाना तौर पर मिलने वाली दो छात्रवृत्तियों में बढ़ोतरी की घोषणा भी की है।

शिवानंद नौटियाल छात्रवृत्ति की राशि 250 से बढ़ाकर 1500 कर दी गई है। वहीं, श्रीदेव सुमन छात्रवृत्ति की राशि भी 150 से बढ़ाकर 1000 कर दी गई है। साथ ही दोनों छात्रवृत्ति के लिए पात्रों की संख्या 11 से बढ़ाकर 100 कर दी गई है। इन छात्रवृत्ति में राज्य बनने के बाद से अब पहली बार बदलाव हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 10वीं और 12वीं के छात्रों को जल्द ही टैबलेट भी दिए जाएंगे। साथ ही 600 और विद्यालयों में वर्चुअल क्लास तैयार करना प्रस्तावित है। इस अवसर पर सचिव शिक्षा राधिका झा, महानिदेशक माध्यमिक शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक सीमा जौनसारी आदि मौजूद रहे।

सरकार भरेगी उत्कृष्ट स्कूलों के छात्रों की परीक्षा फीस

कार्यक्रम में शामिल शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने प्रदेश में शुरू होने जा रहे अटल उत्कृष्ट स्कूलों को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम पर नाराजगी जताई। संवाद के माध्यम से उन्होंने सभी अभिभावकों को यह स्पष्ट किया कि इन स्कूलों में दाखिला लेने वाले छात्रों की परीक्षा फीस सरकार भरेगी। बताया कि इन स्कूलों में केवल छठी कक्षा के लिए अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई अनिवार्य रहेगी, अन्य सभी कक्षाओं के लिए दोनों विकल्प होंगे। सीबीएसई की मान्यता पूरी करने वाले अन्य स्कूलों को भी अटल उत्कृष्ट स्कूलों में शामिल किया जाएगा।

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