Uttarakhand News : विद्यालयों में एकल शिक्षक व्यवस्था होगी समाप्त, प्रत्येक 15 दिन में होगी आंतरिक परीक्षा
Uttarakhand News प्रदेश सरकार ने प्रारंभिक शिक्षा की दशा सुधारने के लिए बड़ा निर्णय लिया है। इसके तहत एकल शिक्षक व्यवस्था समाप्त कर न्यूनतम दो शिक्षक तैनात किए जाएंगे। 10वीं व 12वीं के छात्र-छात्राओं को बोर्ड परीक्षाओं के लिए विशेष तैयारी कराई जाएगी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून : Uttarakhand News : प्रदेश सरकार ने प्रारंभिक शिक्षा की दशा सुधारने के लिए बड़ा निर्णय लिया है। राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में एकल शिक्षक व्यवस्था समाप्त कर न्यूनतम दो शिक्षक तैनात किए जाएंगे।
बोर्ड परीक्षाओं में प्रदर्शन सुधारने को प्रत्येक 15 दिन में आंतरिक परीक्षाएं होंगी। विद्यालयों को भवनों और संसाधनों की उपलब्धता की दृष्टि से चार श्रेणियों में बांटा गया है।
एकल शिक्षक व्यवस्था समाप्त करने के निर्देश
विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने गुरुवार को राजीव नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा स्थित आइसीटी केंद्र में विभागीय समीक्षा की। उन्होंने प्रदेश के सैकड़ों राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में एकल शिक्षक व्यवस्था समाप्त करने के निर्देश दिए। साथ ही प्रत्येक विद्यालय में न्यूनतम दो शिक्षकों की तैनाती करने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि एकल शिक्षक विद्यालय में शिक्षक के अनुपस्थित होने पर इसका बुरा असर विद्यार्थियों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। कई दिन तक विद्यालय बंद रहता है। उन्होंने कहा कि कई विद्यालयों में मानक से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। अतिरिक्त शिक्षकों को ब्लाक स्तर पर ही एकल शिक्षक विद्यालयों में तैनाती दी जाएगी।
डा रावत ने कहा कि माध्यमिक विद्यालयों का बोर्ड परीक्षाओं में प्रदर्शन सुधारने के लिए नई कार्ययोजना लागू की जा रही है। 10वीं व 12वीं के छात्र-छात्राओं को बोर्ड परीक्षाओं के लिए विशेष तैयारी कराई जाएगी।
प्रत्येक 15 दिन में आंतरिक परीक्षा होगी, ताकि बोर्ड परीक्षार्थियों को बेहतर तरीके से तैयारी कराई जा सके। बैठक में निर्णय लिया गया कि राजकीय विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने को सर्वे कराया जाएगा। भवन व संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर उन्हें चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा।
चार श्रेणियों में बांटे जाएंगे विद्यालय
अगले वित्तीय वर्ष में विद्यालय भवनों के पुनर्निर्माण व मरम्मत, फर्नीचर, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, चाहरदीवारी, विद्युत, पेयजल, शौचालय की आवश्यकता के अनुसार डीपीआर तैयार कराई जाएगी। ऐसे विद्यालयों को धनावंटन को बजट में व्यवस्था की जाएगी। बैठक में शिक्षा सचिव रविनाथ रामन, अपर सचिव योगेंद्र यादव, महानिदेशक बंशीधर तिवारी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, अपर निदेशक आरके उनियाल, संयुक्त निदेशक एसपी जोशी उपस्थित रहे।