जिला पंचायत उत्तरकाशी में गबन के मामले में एसआइटी गठित, जानिए किसपर लगे हैं आरोप
जिला पंचायत उत्तरकाशी में गबन के मामले की जांच अब एसआइटी करेगी। इसके लिए एसआइटी का गठन कर दिया गया है। इस मामले की जांच को चार सदस्यीय गठित की गई है। साथ ही जल्द आख्या शासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sat, 19 Feb 2022 09:57 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। शासन ने उत्तरकाशी के जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण पर सरकारी धन के दुरुपयोग व गबन के आरोप संबंधी प्रकरण में विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन कर दिया है। पुलिस उपमहानिरीक्षक सीआइडी एनएस नपच्याल की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय एसआइटी को जल्द से जल्द जांच आख्या शासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है। एसआइटी के अन्य सदस्यों में पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी प्रदीप राय, पुलिस अधीक्षक सीआइडी देहरादून और पंचायती राज विभाग से नोडल अधिकारी के रूप में एक अन्य सदस्य को शामिल किया गया है।
जिला पंचायत उत्तरकाशी के अंतर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों को लेकर पूर्व में अंगुली उठी थी। इस संबंध में शिकायतें शासन तक भी पहुंचीं। आरोप है कि बिना कार्य कराए ही कार्यदायी संस्था व ठेकेदारों को भुगतान कर दिया गया। साथ ही निविदा आवंटन में भी पारदर्शिता का ध्यान नहीं रखा गया। इन शिकायतों पर शासन ने पहले उत्तरकाशी के जिलाधिकारी और फिर मंडलायुक्त से जांच कराई। जांच में प्रथम दृष्ट्या आरोप सही पाए गए। इसके लिए उत्तरकाशी जिला पंचायत के तत्कालीन प्रभारी अपर मुख्य अधिकारी अभियंता संजय कुमार और जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण को जिम्मेदार ठहराया गया।
इसके बाद शासन ने बिजल्वाण को अक्टूबर 2021 में कारण बताओ नोटिस जारी किया। उनके जवाब को संतोषजनक न पाने पर इसी वर्ष जनवरी में इस प्रकरण की एसआइटी जांच कराने का निर्णय लिया गया था। जांच प्रभावित न हो इसके लिए बिजल्वाण को जिला पंचायत अध्यक्ष उत्तरकाशी के पद से भी हटा दिया गया था। चुनाव नजदीक होने के कारण तब एसआइटी गठित नहीं हो पाई थी। अब शासन ने एसआइटी गठित कर दी है। इसमें उच्च न्यायालय के इसी वर्ष 13 जनवरी को दिए गए एक अन्य आदेश का हवाला देते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष की गिरफ्तारी पर रोक भी लगाई गई है।
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