Uttarakhand Nikay Chunav: उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव की तैयारी, इस तारीख को जारी हो सकती है अधिसूचना
Uttarakhand Nikay Chunav लोकसभा चुनाव का परिणाम घोषित होने के बाद उत्तराखंड में नगर निकायों के चुनाव की तैयारी है। जैसे संकेत मिल रहे हैं उससे साफ है कि 15 मई से पहले 99 नगर निकायों में चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो सकती है। राज्य में वर्तमान में 102 नगर निकाय कार्यरूप में परिणत हैं जिनमें से तीन में चुनाव नहीं होते।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। लोकसभा चुनाव का परिणाम घोषित होने के बाद उत्तराखंड में नगर निकायों के चुनाव की तैयारी है। हाईकोर्ट में दिए गए 30 जून तक चुनाव संपन्न कराने के शपथ पत्र की भावना के अनुरूप शासन इसकी तैयारियों में जुट गया है।
इस कड़ी में निकायों में ओबीसी (अदर बैकवर्ड क्लास) के लिए आरक्षण की सीमा 14 प्रतिशत के स्थान पर वास्तविक संख्या के आधार पर करने समेत अन्य बिंदुओं को लेकर नगर निकाय अधिनियम में संशोधन के दृष्टिगत वित्त, कार्मिक व न्याय विभाग से परामर्श मांगा गया है। इसके बाद चुनाव आयोग से अनुमति मिलने पर अध्यादेश के जरिये सरकार अधिनियम में संशोधन कर सकती है और इसी आधार पर निकाय चुनाव होंगे।
15 मई से पहले जारी हो सकती है अधिसूचना
जैसे संकेत मिल रहे हैं, उससे साफ है कि 15 मई से पहले 99 नगर निकायों में चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो सकती है। राज्य में वर्तमान में 102 नगर निकाय कार्यरूप में परिणत हैं, जिनमें से तीन में चुनाव नहीं होते। नए बने आठ अन्य नगर निकायों के चुनाव बाद में कराए जाएंगे। राज्य में नगर निकायों का पांच वर्ष का कार्यकाल पिछले वर्ष दो दिसंबर को समाप्त होने के बाद जब चुनाव की स्थिति नहीं बनी तो इन्हें प्रशासकों के हवाले कर दिया गया।निकाय अधिनियम के अनुसार प्रशासकों का कार्यकाल छह माह से अधिक नहीं हो सकता। यह अवधि दो जून को खत्म हो रही है। इस बीच निकाय चुनाव में विलंब को लेकर हाईकोर्ट में भी एक मामला चल रहा है। सरकार की ओर से कोर्ट में शपथ पत्र दिया गया है कि 30 जून तक निकाय चुनाव संपन्न करा लिए जाएंगे। यद्यपि, वर्तमान में लोकसभा चुनाव की आदर्श चुनाव आचार संहिता भी लागू है।
यहां फंस रहा है पेंच
ऐसे में पेंच फंसा कि यदि नगर निकाय चुनाव होते हैं तो राज्य में दो चुनावों की आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू नहीं हो सकती। अब जबकि राज्य में पहले चरण में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है और चार जून को परिणाम आने हैं, तो ऐसे में कुछ ढील मिल सकती हे। सूत्रों के अनुसार इसी आधार पर शासन की ओर से हाईकोर्ट में शपथ पत्र दिया गया। इस सबको देखते हुए शासन अब निकाय चुनाव की कसरत में जुट गया है।ओबीसी आरक्षण का नए सिरे से होगा निर्धारण
महत्वपूर्ण ये है कि इस बार नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण का नए सिरे से निर्धारण होना है। इस सिलसिले में राज्य में गठित एकल समर्पित वर्मा आयोग अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप चुका है। इसके अनुसार राज्य में नगर निकायों में अभी तक निर्धारित ओबीसी आरक्षण की 14 प्रतिशत की सीमा को निकायों की वास्तविक ओबीसी आबादी के हिसाब से तय किया जाना है। इसमें तमाम निकायों में ओबीसी आरक्षण बढ़ना तय है। इसके साथ ही त्रिस्तरीय पंचायतों की भांति नगर निकायों में दूसरी संतान जुड़वा होने पर उसे एक इकाई मानने, निकायों को होर्डिंग पर टैक्स समेत अन्य अधिकार भी देने की तैयारी है। इस सबके लिए निकाय अधिनियम में संशोधन आवश्यक है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।