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Uttarakhand Outsource: वन विकास निगम में आउटसोर्स से हुई भर्ती की होगी जांच, मंत्री सुबोध उनियाल ने दिए आदेश

उत्तराखंड वन विकास निगम में आउटसोर्स से इस वर्ष हुई भर्तियों में गड़बड़ी के प्रकरण की जांच होगी। वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में बुधवार को निगम मुख्यालय में कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों के साथ हुई वार्ता में इसकी सहमति बनी। इसके अलावा निगम की रीढ़ कहे जाने वाले स्केलर संवर्ग का ग्रेड पे 2000 करने की मांग के संबंध में शासन जल्द ही इसका प्रस्ताव भेजेगा।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Thu, 05 Oct 2023 03:30 AM (IST)
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वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में निगम कर्मचारी संघ से हुई वार्ता में बनी सहमति (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो,देहरादून। उत्तराखंड वन विकास निगम में आउटसोर्स से इस वर्ष हुई भर्तियों में गड़बड़ी के प्रकरण की जांच होगी। वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में बुधवार को निगम मुख्यालय में कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों के साथ हुई वार्ता में इसकी सहमति बनी।

इसके अलावा निगम की रीढ़ कहे जाने वाले स्केलर संवर्ग का ग्रेड पे 2000 करने की मांग के संबंध में शासन जल्द ही इसका प्रस्ताव भेजेगा। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बुधवार को शासन, वन विभाग व निगम के आला अधिकारियों की उपस्थिति में वन निगम कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों से उनकी मांगों के संबंध में विमर्श किया।

संघ की ओर से उन्हें बताया गया कि निगम में इसी वर्ष आउटसोर्स से विभिन्न पदों पर जो भर्तियां की गई हैं, वह नियम विरुद्ध हैं। बिना पदों की स्वीकृति के ये भर्तियां हुईं और राज्य से बाहर के अभ्यर्थियों को तैनाती दी गई। साथ ही मांग की गई कि प्रकरण की जांच कराकर दोषियों को दंडित किया जाए और योग्यता के आधार पर स्थानीय निवासियों को भर्ती किया जाए। संघ के पदाधिकारियों ने मंत्री को यह भी जानकारी दी कि स्केलर संवर्ग के वेतनमान में विसंगति है। 

परिणामस्वरूप पदोन्नति के मामलों में भी विसंगति पैदा हो रही है। इस समस्या का समाधान यही है कि स्केलर संवर्ग का ग्रेड पे 2000 रुपये कर दिया जाए। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में वन मंत्री ने कहा कि निगम कर्मचारी संघ की अधिकांश मांगों का निस्तारण कर दिया गया है।

कुछ मांगें शासन को संदर्भित की गई हैं, जिनका शीघ्र ही निराकरण कर दिया जाएगा। एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि निगम में अधिकारियों की कमी दूर करने के दृष्टिगत ऐसा मैकेनिज्म तैयार किया जा रहा है, जिससे अधिकारियों के पास विभाग व निगम दोनों का चार्ज हो, कार्य प्रभावित भी न हों। उन्होंने कहा कि निगम के शासी निकाय की बैठकें निरंतरता में हों,यह सुनिश्चित किया जाएगा।

जांच में साफ होगा कि बाघ कहां के थे हाल में कुमाऊं क्षेत्र में हुई बाघों की खाल की बरामदगी से जुड़े प्रश्न पर वन मंत्री ने कहा कि इसकी जांच चल रही है। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि ये बाघ उत्तराखंड में मारे गए थे या फिर उत्तर प्रदेश में। उन्होंने कहा कि विभाग की अपनी एंटी पोचिंग सेल है, लेकिन जब प्रकरण राज्य से बाहर का होता है तो उसमें पुलिस की मदद ली जाती है। 

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