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पहाड़ियों का फेवरेट Snacks, जिसके बारे में पढ़कर मुंह में आ जाएगा पानी, व्रत और त्‍योहारों को भी बनाता खास

Uttarakhand Pahadi Snacks आलू के गुटके विशुद्ध रूप से उत्‍तराखंड के कुमाऊं मंडल का स्‍नैक्‍स है। आलू के गुटके (Aloo Ke Gutke) और भांग की चटनी (Bhaang ki chutney) की जुगलबंदी हर किसी को खूब भाती है और इससे बनाना भी बेहद आसान है।

By Nirmala BohraEdited By: Updated: Wed, 31 Aug 2022 03:11 PM (IST)
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Uttarakhand Pahadi Snacks : आलू के गुटके और भांग की चटनी की जुगलबंदी। File

टीम डिजिटल, देहरादून : Uttarakhand Pahadi Snacks : उत्‍तराखंड में पहाड़ियों के सबसे फेवरेट स्‍नैक्‍स के बारे में पढ़कर आपके मुंह में पानी आ जाएगा। जी हां, आलू के गुटके (Aloo Ke Gutke) और भांग की चटनी (Bhaang ki chutney) की जुगलबंदी हर किसी को खूब भाती है और इससे बनाना भी बेहद आसान है।

विशुद्ध रूप से कुमाऊं मंडल का स्‍नैक्‍स

  • उत्‍तराखंड में इसे व्रत और त्‍योहारों पर भी खूब चाव से बनाया जाता है।
  • आलू के गुटकों को आप शाम की चाय के साथ भी बना सकते हैं।
  • आलू के गुटके विशुद्ध रूप से उत्‍तराखंड के कुमाऊं मंडल का स्‍नैक्‍स है।
  • इसे उबले हुए आलू से बनाया जाता है।
  • इसमें पानी का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं होता हैं।
  • गर्मागरम आलू के गुटके भांग की चटनी के साथ उत्‍तराखंड में खूब खाए जाते हैं।
  • इसमें आलू का एक-एक टुकड़ा अलग-अलग दिखता है।
  • इसे भूनी हुई लाल मिर्च और धनिए की पत्तियों के साथ सर्व किया जाता है। यह मसालेदार होता है।
  • अपने स्‍वाद के अनुसार कुछ लोग इसमें जीरा तो कुछ जखिया का तड़का लगाते हैं।

व्रत और त्‍योहारों में भी बनते हैं आलू के गुटके

कुमाऊं में शायद ही ऐसा कोई त्‍योहार हो, जिसमें आलू के गुटके न बनते हों। होली और महाशिवरात्रि पर मुख्‍य रूप से आलू के गुटके बनाए जाते हैं। वहीं नवरात्रों में फलाहार खाने वाले व्रती भी सैंधा नमक के साथ आलू के गुटके खाते हैं। आलू के गुटकों को मडुए, चावल और आटे की रोटी के साथ भी खाया जा सकता है।

आलू के चटपटे गुटके (Aloo Ke Gutke ) कैसे बनाते हैं?

  • सबसे पहले आलू को उबाल लें। उन्‍हें छीलकर रख लें। ध्‍यान रहे कि आलू ज्‍यादा न पकें। वहीं आलू काटते समय यह ध्‍यान रखना है कि टुकड़े बहुत ज्‍यादा छोटे न हों।
  • अब एक कढ़ाई में तेल डाले।
  • तेल में जीरा, सूखी लाल साबुत मिर्च डालें। जीरे की जगह जखिया का प्रयोग कर सकते हैं।
  • स्‍वाद बढ़ाने के लिए धनिया के बीज दरदरा पीस कर भी डाल सकते हैं।
  • अब तेल में कटे हुए उबले आलू डाल दें।
  • इसमें हरी मिर्च काट कर डाल दें।
  • अब स्‍वाद अनुसार हल्‍दी, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, गरम मसाला नमक आदि डालकर आलू को करीब दस मिनट तक पकाएं।
  • इसके बाद कटा हुआ हरा धनिया डालें और गैस बंद कर दें।

खाने के स्‍वाद को चार गुना बढ़ा देती है भांग की चटनी

वहीं इन आलू के गुटकों का स्‍वाद बढ़ाने के लिए भांग की चटनी के साथ सर्व किया जाए तो यह स्‍वाद आप कभी भूल नहीं पाएंगे। भांग की चटनी भांग के बीज से बनाई जाती है। उत्तराखंड में यह चटनी काफी प्रसिद्ध है और यह खाने का स्‍वाद चार गुना बढ़ा देती है।

भांग की चटनी (Bhaang ki chutney) कैसे बनती है?

  • सबसे पहले भांग के बीज, जीरा और साबुत लाल मिर्च को भूरा होने तक भून लें।
  • अब इसे मिक्सर या फिर सिल बट्टे पर रखकर पीस लें।
  • इसमें लहसुन, हरी मिर्च, पुदीना के पत्ते और हल्‍की चीनी डालकर अच्छी तरह पीस लें।
  • अब इस मिश्रण को एक बर्तन में निकाल लें और नींबू का रस मिला लें। और जब यह पूरी तरह से पिस जाए तो इसमें नींबू का रस और स्वादानुसार नमक डालकर मिक्स कर दें।
  • सिल बट्टे पर पीसी हुई चटनी का स्‍वाद ज्‍यादा अच्‍छा माना जाता है। उत्‍तराखंड में अधिकतर लोग इसी तरह चटनी बनान पसंद करते हैं।

तैयार करने में लगता है सिर्फ 10 मिनट का समय

कई लोग भांग का इस्तेमाल नशा करने के लिए करते हैं, लेकिन इसके बीज से नशा नहीं होता है। इसलिए भांग की चटनी खाना एक दम सुरक्षित है। यह चटनी झटपट तैयार हो जाती है। इसे तैयार करने में सिर्फ 10 मिनट का समय लगता है।

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