Cyber Hacker : लैपटाॅप में वायरस भेजकर विदेशी लोगों से करते थे लाखों की ठगी, कहानी सुनकर पुलिस भी रह गई दंग
Uttarakhand NEWS in Hindi पुलिस ने घटनास्थल से युवती सहित दो को गिरफ्तार किया है जबकि काल सेंटर में कार्यरत 15 युवक-युवतियों को नोटिस भेजकर पूछताछ के बुलाया है। अधिकतर आरोपित असम मेघालय व मणिपुर के रहने वाले हैं जबकि गिरोह के तार विदेश तक जुड़े हुए हैं। विदेश में बैठे ठग ही वहां के नागरिकों का डाटा उपलब्ध कराते थे।
जागरण संवाददाता, देहरादून: विदेशी नागरिकों के कंप्यूटर व लैपटाप को हैक कर उसमें वायरस डालकर ठीक करने के बहाने एक्सेस लेकर ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का दून पुलिस ने पर्दाफाश किया है। आरोपित काल सेंटर की आड़ में ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे थे।
पुलिस ने घटनास्थल से युवती सहित दो को गिरफ्तार किया है, जबकि काल सेंटर में कार्यरत 15 युवक-युवतियों को नोटिस भेजकर पूछताछ के बुलाया है। अधिकतर आरोपित असम, मेघालय व मणिपुर के रहने वाले हैं, जबकि गिरोह के तार विदेश तक जुड़े हुए हैं। विदेश में बैठे ठग ही वहां के नागरिकों का डाटा उपलब्ध कराते थे। आरोपित खुद को माइक्रोसाफ्ट कंपनी का प्रतिनिधि बताकर विदेशी लोगों से ठगी कर रहे थे। आरोपितों से 14 लैपटाप, हेडफोन, सात मोबाइल फोन, ब्राडबैंड कनेक्शन के उपकरण बरामद किए गए हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह के अनुसार, पटेलनगर कोतवाली पुलिस को पटेलनगर क्षेत्र में फर्जी काल सेंटर संचालित होने की सूचना मिली थी। इस पर सीओ पटेलनगर अनिल जोशी, प्रभारी कोतवाली निरीक्षक कमल कुमार, एसओजी निरीक्षक चंद्रभान सिंह अधिकारी व उपनिरीक्षक लोकेंद्र बहुगुणा ने टीम के साथ रिदम टावर में दबिश दी।
स्टाफ से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वह विवेक और निकिता की देखरेख में काल सेंटर में काम करते हैं। वह विदेशी नागरिकों के कंप्यूटर व लैपटाप में लिंक भेजकर पहले वायरस डालते हैं और जब उनका सिस्टम हैंग हो जाता था तो इसके बाद उन्हें फोन कर खुद को माइक्रोसाफ्ट कंपनी का प्रतिनिधि बताकर उसे ठीक करने का झांसा देकर एक्सेस ले लेते हैं।
लैपटाप या कंप्यूटर की जानकारी हासिल कर वह विदेशी नागरिकों को धमकी देकर उनसे गिफ्ट कार्ड तथा क्रिप्टो करेंसी के रूप में मोटी धनराशि वसूलते हैं। पुलिस ने आरोपित विवेक निवासी चरेल नोएडा (उत्तर प्रदेश), मूल निवासी ग्राम अगरोहा, हिसार, हरियाणा और निकिता निवासी सोनादा, जिला दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल) को गिरफ्तार कर लिया।
राहुल, मयंक व गौरव हैं गिरोह के मास्टरमाइंड
एसएसपी ने बताया कि गिरोह के मास्टरमाइंड राहुल, मयंक व गौरव हैं, जिनके बारे में अन्य को भी जानकारी नहीं है। पूछताछ में विवेक और निकिता ने बताया कि वह ठगी करने के लिए एक साफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं। इस साफ्टवेयर में सभी काल रिकार्ड होती हैं। उनका सारा स्टाफ इसी साफ्टवेयर का इस्तेमाल करता है और वह विदेशी नागरिकों से बिटकाइन और गिफ्ट कार्ड के माध्यम से धनराशि वसूलते हैं। बिटकाइन व गिफ्ट कार्ड का विवरण गौरव व राहुल रखते हैं।
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