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कोरोना संक्रमितों के लिए जीवन रक्षक बनी मित्र पुलिस, प्लाज्मा डोनेट कर बचाई कई जिंदगियां

वैसे तो हर संकट की घड़ी में उत्तराखंड पुलिस आमजन की बढ़-चढ़कर सेवा करती है लेकिन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के कहर के बीच प्रदेश की मित्र पुलिस कोरोना संक्रमितों के लिए जीवन रक्षक बन गई है।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sun, 02 May 2021 02:05 PM (IST)
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कोरोना संक्रमितों के लिए जीवन रक्षक बनी मित्र पुलिस।
सोबन सिंह गुसांई, देहरादून। वैसे तो हर संकट की घड़ी में उत्तराखंड पुलिस आमजन की बढ़-चढ़कर सेवा करती है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कहर के बीच प्रदेश की मित्र पुलिस कोरोना संक्रमितों के लिए जीवन रक्षक बन गई है। पुलिस ने डिजिटल वालंटियरों के साथ मिलकर अब तक 50 कोरोना संक्रमितों को प्लाज्मा डोनेट कर उनका जीवन बचाया है।

बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच अधिक से अधिक मरीजों को प्लाज्मा मिल सके, इसके लिए पुलिस विभाग व वालंटियरों ने मिलकर एक वेबसाइट www.covid19plasmauk.in बनाई है। वेबसाइट पर जाकर मरीज व डोनर दोनों को रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद ही प्लाज्मा दिया व लिया जा सकेगा। पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों से भी कहा गया है कि वह अधिक से अधिक प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे आएं, ताकि संकट की इस घड़ी में जरूरतमंदों की जान बचाई जा सके। कई वालंटियर भी प्लाज्मा डोनेट करने में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।

प्लाज्मा बैंक बनाने की भी है तैयारी

पुलिस मुख्यालय की ओर से हर जिले में प्लाज्मा बैंक बनाने की तैयारी की जा रही है। प्लाज्मा बैंक बनाने का उद्देश्य यह है कि बैंक में प्लाज्मा हर समय उपलब्ध रहेगा।

पहले पुलिसकर्मियों के लिए प्लाज्मा डोनेट करने थी योजना

कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने की गंभीरता को देखते हुए पुलिस मुख्यालय की ओर से योजना बनाई गई थी कि यदि कोई पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित होता है और उसका स्वास्थ्य अधिक खराब होता है, तो उसके लिए पहले ही प्लाज्मा की व्यवस्था करके रखी जाए। लेकिन, सभी पुलिसकर्मियों को डबल डोज वैक्सीन लग चुकी है, ऐसे में पुलिसकर्मी अधिक गंभीर नहीं हुए। इसलिए पुलिस की ओर से अब जनता की मदद करने पर पूरा फोकस किया गया है।

डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि गंभीर कोरोना संक्रमितों को प्लाज्मा डोनेट करके आप किसी के परिवार में खुशहाली ला सकते हैं। प्लाज्मा डोनेट करने से खुद को भी अच्छा लगेगा कि इस संकट की घड़ी में हम किसी के काम आ रहे हैं। इसलिए दूसरों की जान बचाने के लिए हर किसी को आगे आने की जरूरत है। 

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