राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी बोले, भाजपा को लगाना पड़ रहा है 'हाउसफुल' का बोर्ड
Uttarakhand Politics अनिल बलूनी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत पर राज्य को अनुसूचित जाति का मुख्यमंत्री दिए जाने के बयान को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि हरीश रावत के पास 2012 में उत्तराखंड में अनुसूचित जाति का मुख्यमंत्री बनाए जाने का अवसर था।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Fri, 24 Sep 2021 10:20 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Politics उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य एवं भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने एक बार फिर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि हरीश रावत व उनके इर्द-गिर्द के कुछेक नेताओं को छोड़ कांग्रेस के सभी लोग भाजपा में आने को उत्सुक हैं। इतने लोग पार्टी के संपर्क में हैं कि अब भाजपा को 'हाउसफुल' का बोर्ड लगाना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हरीश रावत अंग्रेजी की ऐसी किताब हैं, जो देखने में पसंद आती है, लेकिन समझ किसी को नहीं आती।
प्रदेश भाजपा की मीडिया कार्यशाला में शिरकत करने आए राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख बलूनी ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भांति-भांति के बयान देकर खुद कांग्रेस को असहज कर रहे हैं। पंजाब में उनके बयानों से खुद कांग्रेस ने पल्ला झाड़ा है। उन्होंने सवाल उठाया कि हरीश रावत इस तरह की राजनीति कर कौन सा वोट बैंक साधने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के जिस जनरल बाजवा के हाथ भारतीय सैनिकों के खून से रंगे हैं, उसे रावत भाई कह रहे हैं। देश का कोई भी व्यक्ति पाकिस्तान के जनरल को भाई नहीं कह सकता। अपने इस बयान के लिए रावत को जनता से माफी मांगनी चाहिए।
भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख बलूनी ने कहा कि रावत पंजाब की भांति उत्तराखंड को अनुसूचित जाति का मुख्यमंत्री देने की बात कह रहे हैं। रावत के पास वर्ष 2012 में उत्तराखंड में अनुसूचित जाति का मुख्यमंत्री बनाने का मौका था, लेकिन रावत ने तब खुद मुख्यमंत्री बनने के लिए दिल्ली में धरना दिया था। उन्होंने कहा कि रावत ने कभी अनुसूचित जाति के हित के लिए काम नहीं किया। उनकी निगाहें कहीं होती हैं, तो निशाना कहीं और।
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस विरोधी दल है और यदि वह कोई सवाल करेगा तो हम उसका जवाब देंगे ही। महंगाई से संबंधित प्रश्न पर उन्होंने कहा कि कोविड के कारण न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में इसका असर है। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि कानूनों को सरकार ने स्थगित किया हुआ है। किसान भी समझ चुके हैं कि कृषि कानून उनके हित में हैं। सिर्फ कुछेक नेता हैं जो कृषि कानूनों को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव में इस मसले का कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
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