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Uttarakhand Politics : उत्तराखंड में कांग्रेस को अभी और लग सकते हैं झटके, कई नेता भाजपा के संपर्क में- इनमें कुछ विधायक भी

Uttarakhand Politics उत्तराखंड में कांग्रेस के लिए यह लोकसभा चुनाव खासी चुनौती पेश कर रहे हैं। विशेष रूप से उनके कई वरिष्ठ नेता जिस तरह पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम रहे हैं उससे नेतृत्व सकते में है। सप्ताहभर के भीतर ही कांग्रेस के पूर्व विधायक विजयपाल सिंह सजवाण व मालचंद के अलावा लक्ष्मी राणा समेत अन्य नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

By Vikas gusain Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sun, 17 Mar 2024 09:43 PM (IST)
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Uttarakhand Politics : उत्तराखंड में कांग्रेस को अभी और लग सकते हैं झटके

राज्य ब्यूरो, देहरादून: चुनाव लोकसभा के हों अथवा विधानसभा के, नेताओं के इधर से उधर जाने का सिलसिला चलता है, लेकिन इस बार जिस गति से कांग्रेस नेता पार्टी छोड़कर भाजपा में जा रहे हैं, उसने राज्य में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस कड़ी में रविवार को बदरीनाथ से विधायक राजेंद्र भंडारी और टिहरी से पूर्व विधायक धन सिंह नेगी के त्यागपत्र से कांग्रेस का चौंकना स्वाभाविक है।

भंडारी के भाजपा में शामिल होने के दृष्टिगत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिस तरह से चुपचाप दिल्ली पहुंचे, उससे साफ है कि भाजपा का कुनबा बढ़ाने के लिए सरकार और संगठन दोनों, कितने सक्रिय हैं।

चर्चा है कि पार्टी के आधा दर्जन से ज्यादा नेता भाजपा के संपर्क में हैं, जिनमें कुछ विधायक भी शामिल बताए जा रहे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में कांग्रेस को कुछ बड़े झटके लग सकते हैं। उधर, राजेंद्र भंडारी के भाजपा में शामिल होने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर दलबदल कानून के अंतर्गत भंडारी की सदस्यता निरस्त करने की मांग की।

उत्तराखंड में कांग्रेस के लिए यह लोकसभा चुनाव खासी चुनौती पेश कर रहे हैं। विशेष रूप से उनके कई वरिष्ठ नेता जिस तरह पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम रहे हैं, उससे नेतृत्व सकते में है। सप्ताहभर के भीतर ही कांग्रेस के पूर्व विधायक विजयपाल सिंह सजवाण व मालचंद के अलावा लक्ष्मी राणा समेत अन्य नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं। लैंसडौन सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी अनुकृति गुसाईं भी कांग्रेस छोड़ चुकी हैं।

पूर्व विधायक धन सिंह नेगी ने भी रविवार को पार्टी त्यागपत्र देकर कांग्रेस को झटका दिया। धन सिंह पूर्व में भाजपा में थे और वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे।

चर्चा है कि जब से भाजपा ने अन्य दलों के नेताओं के लिए दरवाजे खोले हैं, तब से कांग्रेस के कई नेता भाजपा के संपर्क में हैं। इनमें से कुछ को अपने बच्चों को राजनीति में एडजस्ट करने की चिंता है, तो कुछ वर्तमान परिस्थितियों में कांग्रेस को कमजोर आंककर चल रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस नेतृत्व के सामने अपने नेताओं को थामे रखने की चुनौती आ खड़ी हुई है।

माहरा बोले, भाजपा के पास ऐसी कौन सी वाशिंग मशीन है

राजेंद्र भंडारी के भाजपा की सदस्यता लेेने पर कांगे्रस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कल तक भाजपा जिसे भ्रष्टाचारी बता रही थी, उसे आज पार्टी में शामिल कर लिया। साथ ही तंज कसा कि भाजपा के पास ऐसी कौन सी वाशिंग मशीन है, जिससे भ्रष्टाचारी वहां जाकर स्वच्छ हो जाते हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेसमुक्त का नारा दे रही है सही मायनों में भाजपा अब कांग्रेस युक्त हो रही है। उधर, पूर्व विधायक धन सिंह नेगी के कांग्रेस से इस्तीफे पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष व कांगे्रस नेता मथुरादत्त जोशी ने कहा कि नेगी को निष्क्रियता के चलते पहले ही पार्टी से निकाला जा चुका है। ऐसे में उनके जाने से कोई असर नहीं पड़ता।

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