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Uttarakhand Politics: उत्तराखंड में बड़ी चुनौती से जूझेगी करन माहरा की छोटी टीम

प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का आकार पिछली कार्यकारिणियों की तुलना में छोटा होने जा रहा है। इसमें निष्ठावान और सक्रिय कार्यकर्त्ताओं को जगह मिल सकती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा अपनी नई टीम के रूप में यह कदम उठाने जा रहे हैं।

By Ravindra kumar barthwalEdited By: Sunil NegiUpdated: Tue, 15 Nov 2022 09:11 AM (IST)
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प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का आकार पिछली कार्यकारिणियों की तुलना में एक-तिहाई तक सिमटने जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून : प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का आकार पिछली कार्यकारिणियों की तुलना में एक-तिहाई तक सिमटने जा रहा है। क्षत्रपों के चहेतों की बड़ी फौज के स्थान पर निष्ठावान और सक्रिय कार्यकर्त्ताओं की छोटी टीम कप्तान करन माहरा की शक्ति बनेगी। उत्तराखंड राज्य बने हुए 22 वर्ष की अवधि में पहली बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा अपनी नई टीम के रूप में यह कदम उठाने जा रहे हैं। यद्यपि इस प्रयोग के साथ दिग्गजों को साधने की चुनौती माहरा के कंधों पर रहेगी। नई टीम इस माह के अंतिम सप्ताह में अस्तित्व में आ सकती है।

केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलने की प्रतीक्षा

प्रदेश में नए संगठन की कसरत पूरी हो चुकी है। अब केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलने की प्रतीक्षा की जा रही है। बीते माह नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव और अब भारत जोड़ो यात्रा के विभिन्न प्रदेशों में जोर पकड़ने से उत्तराखंड में कांग्रेस की नई कार्यकारिणी के गठन का मामला लटकता जा रहा है। नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के बाद अब पार्टी के महाधिवेशन पर टकटकी लगी है।

कार्यकारिणी का आकार रहेगा छोटा

बताया जा रहा है कि इसके बाद नई कार्यकारिणी पर हाईकमान की मुहर लगना तय हो जाएगा। इस सबके बीच प्रदेश में पार्टी के बड़े से लेकर छोटे नेताओं की नजरें नई गठित होने वाली कार्यकारिणी पर टिकी हैं। इसका कारण प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा है, जिसमें कार्यकारिणी का आकार छोटा रखने की बात कही गई है।

कमेटी का आकार छोटा रखने का प्रयास

प्रस्तावित नई कार्यकारिणी में प्रदेश उपाध्यक्ष की संख्या 25 से लेकर 30, 35 से 40 तक महामंत्री और 50 प्रदेश सचिव तक सिमट सकती है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी का आकार 150 से 175 के बीच सीमित रखने का प्रयास किया जा रहा है। उत्तराखंड राज्य बनने का बाद यह पहला अवसर होगा, जब कांग्रेस की कमेटी इतनी छोटी होगी। पिछली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की संख्या लगभग 600 तक पहुंच गई थी।

कार्यकारिणी में 450 से अधिक सदस्यों को स्थान देने का प्रचलन लंबा है। इससे कदम पीछे खींचकर और सक्रिय कार्यकर्त्‍ताओं की प्रांतीय टीम के बल पर संगठन में नए सिरे से जान फूंकने की तैयारी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के अब तक ऐसे प्रयासों को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का मौन समर्थन मिला है। हाईकमान की मुहर लगने के बाद कप्तान माहरा की मंशा धरातल भी उतरती दिखाई देगी।

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