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Amrit Sarovar: अमृत सरोवर योजना लागू करने में उत्तराखंड छठवें स्थान पर, गुणवत्ता की कसौटी पर परखे जाएंगे तालाब

Amrit Sarovar मिशन अमृत सरोवर के राज्य समन्वयक मोहम्मद असलम के अनुसार मंगलवार को देश के सभी राज्यों में अमृत सरोवर निर्माण की प्रगति रैंकिंग में उत्तराखंड को छठा स्थान हासिल हुआ है। उत्तराखंड ने इस मिशन को बेहद गंभीरता से लिया।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Wed, 31 May 2023 12:20 PM (IST)
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अमृत सरोवर योजना लागू करने में उत्तराखंड छठवें स्थान पर, गुणवत्ता की कसौटी पर परखे जाएंगे तालाब
देहरादून, राज्य ब्यूरो। पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में मिशन अमृत सरोवर की मुहिम रंग जमा रही है। इसमें राज्य को वर्तमान में छठवीं रैंकिंग हासिल हुई है। मिशन में 975 के लक्ष्य के सापेक्ष राज्य में अब तक 1166 अमृत सरोवर तैयार हो चुके हैं, जबकि 143 में कार्य चल रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण की मुहिम को गति देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने गत वर्ष 24 अप्रैल को मिशन अमृत सरोवर की शुरुआत की। आजादी के अमृत काल को देखते हुए प्रत्येक जिले में 75-75 अमृत सरोवर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।

उत्तराखंड ने इस मिशन को बेहद गंभीरता से लिया और उसने तय लक्ष्य से अधिक सरोवर के निर्माण का निर्णय लिया। मिशन के अंतर्गत राज्य में सरोवर निर्माण के लिए 1989 स्थल चिन्हित किए गए। इसके पश्चात 1309 स्थानों में सरोवर निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ और अब तक 1166 सरोवर बन चुके हैं।

रैंकिंग में छठे स्थान पर उत्तराखंड

मिशन अमृत सरोवर के राज्य समन्वयक मोहम्मद असलम के अनुसार मंगलवार को देश के सभी राज्यों में अमृत सरोवर निर्माण की प्रगति रैंकिंग में उत्तराखंड को छठा स्थान हासिल हुआ है। रैंकिंग में उत्तर प्रदेश पहले, जम्मू व कश्मीर दूसरे, त्रिपुरा तीसरे, कर्नाटक चौथे व छत्तीसगढ़ पांचवें स्थान पर हैं।

गुणवत्ता की कसौटी पर परखे जाएंगे सरोवर

देहरादून जल संरक्षण की दिशा में महत्वाकांक्षी पहल मिशन अमृत सरोवर के तहत उत्तराखंड में जो सरोवर बन चुके हैं अथवा निर्माणाधीन हैं, उन्हें अब गुणवत्ता की कसौटी पर परखा जाएगा। केंद्र के दिशा-निर्देशों के क्रम में इनका सत्यापन कराया जा रहा है। गुणवत्ता के पैमाने पर फिट बैठने के बाद इनके बारे में जानकारी अमृत सरोवर पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। यदि किसी सरोवर में कोई कमी सामने आती है तो उसे दूर करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

मिशन अमृत सरोवर को उत्तराखंड ने लिया हाथों-हाथ

आजादी के अमृतकाल के उपलक्ष्य में केंद्र सरकार ने जब मिशन अमृत सरोवर की शुरुआत की तो उत्तराखंड ने इसे हाथों हाथ लिया। कारण यह कि यह योजना यहां की परिस्थितियों से मेल खाती है। राज्य के 95 में से 71 विकास खंडों में खेती वर्षा पर निर्भर है। साथ ही वनों में लगने वाली आग भी हर वर्ष मुसीबत का सबब बनती है। ऐसे में सरोवरों का निर्माण होने से जल संचय होगा और इन दिक्कतों से निजात मिलेगी।

अमृत सरोवर को लेकर राज्य के उत्साह का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि निर्धारित लक्ष्य से अधिक सरोवर बनाने का निश्चय किया। तेजी से कार्य हुए और 1166 सरोवर अब तक अस्तित्व में आ चुके हैं।

कराया जा रहा है सरोवरों का सत्यापन

सरोवर निर्माण के साथ ही केंद्र सरकार इस बात की भी चिंता कर रही है कि दीर्घकाल तक इनका लाभ मिले। इसे देखते हुए इनका सत्यापन कराया जा रहा है। केंद्र ने इसके लिए 10 जून अथवा मानसून आने तक की तिथि को कट ऑफ डेट रखा है। राज्य इसी के आधार पर अपने हिसाब से सत्यापन कराएंगे। इसमें यह सामने आ सकेगा कि सरोवर की गुणवत्ता कैसी है। यदि कहीं कोई खामी होगी तो उसे तत्काल दूर कराया जाएगा।

मिशन अमृत सरोवर के राज्य समन्वयक मोहम्मद असलम के अनुसार प्रदेश में अमृत सरोवर के सत्यापन की कसरत शुरू कर दी गई है। प्रयास यह है कि जल्द इसे पूरा कर इनकी जानकारी मिशन के पोर्टल पर अपलोड कर दी जाए।

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