Move to Jagran APP

Uttarakhand Roadways बस से सफर करने वाले यात्रियों के लिए नई सुविधा, परिचालकों की भी भरेगी जेब

Uttarakhand Roadways Bus अब यात्री समस्त बसों में क्यूआर कोड स्कैन कर किराये का भुगतान कर सकते हैं। वहीं जो परिचालक निर्धारित राशि क्यूआर कोड के जरिये एकत्रित कर लेंगे उन्हें प्रोत्साहन भत्ता अलग से दिया जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Thu, 01 Dec 2022 09:10 AM (IST)
Hero Image
Uttarakhand Roadways Bus : क्यूआर कोड स्कैन कर किराये का भुगतान कर सकते हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून : Uttarakhand Roadways Bus : उत्तराखंड रोडवेज बस में सफर करने वाले यात्रियों को नई सुविधा दी जा रही है और इसका लाभ यात्रियों के साथ ही परिचालकों को भी मिलेगा। अब यात्री समस्त बसों में क्यूआर कोड स्कैन कर किराये का भुगतान कर सकते हैं।

परिचालकों को मिलेगा प्रोत्साहन भत्ता

कैशलेश व्यवस्था के अंतर्गत रोडवेज मुख्यालय ने यूपीआइ व अन्य मोबाइल एप के जरिये क्यूआर कोड स्कैन कर किराया भुगतान की सुविधा शुरू कर दी है। महाप्रबंधक दीपक जैन की ओर से जारी आदेश में बताया गया है कि माह में जो परिचालक निर्धारित राशि क्यूआर कोड के जरिये एकत्रित कर लेंगे, उन्हें प्रोत्साहन भत्ता अलग से दिया जाएगा।

नवंबर-2016 में नोटबंदी के बाद रोडवेज प्रबंधन ने अपनी बसों में कैशलेश भुगतान की प्रक्रिया तो शुरू कर दी थी, मगर टिकट मशीन में क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए सुविधा नहीं थी। यात्री अपने मोबाइल नंबर से रोडवेज की ओर से दिए मोबाइल नंबर पर किराये का भुगतान करते थे।

यह भी पढ़ें : 25 KM के बाद बीच राह खत्म हो गया रोडवेज बस का तेल, ठंड में सिकुड़ते रहे यात्री, बागेश्वर से जा रहे थे देहरादून

अब बसों में यूपीआई और पेटीएम आदि का क्यूआर कोड स्कैन कर किराया भुगतान की सुविधा भी दे दी गई है। महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि साधारण व एसी बसों में महीने में परिचालक यदि एक माह में एक लाख रुपये से अधिक किराया क्यूआर कोड के जरिये वसूल करता है तो उसे एक हजार रुपये का प्रोत्साहन भत्ता मिलेगा। वाल्वो व इलेक्ट्रिक बसों में डेढ़ लाख से अधिक की आय लाने पर यह धनराशि मिलेगी।

आइएसबीटी का स्वामित्व मांगा

उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने हरिद्वार रोड कार्यशाला पर स्मार्ट सिटी का हरित भवन बनाने के लिए आइएसबीटी का स्वामित्व रोडवेज के नाम पर करने की मांग की है।

यूनियन के प्रांतीय महामंत्री अशोक चौधरी ने अगर सरकार यह मांग मान लेती है तो यूनियन उच्च न्यायालय में दायर की गई अपनी याचिका वापस ले लेगी। बता दें कि, कार्यशाला की जमीन को स्मार्ट सिटी को देने के विरुद्ध यूनियन उच्च न्यायालय गई हुई है। इस मामले में यूनियन ने मुख्य सचिव को पत्र भेजा है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।