अयोध्या में बनेगा उत्तराखंड सदन, यूपी सरकार ने आवंटित की जमीन; रामलला के दर्शन पर ये बोले मुख्यमंत्री धामी
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राम भक्तों का 500 वर्षों से अधिक का इंतजार समाप्त हो गया है। 22 जनवरी का दिन यादगार होगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने अयोध्या में उत्तराखंड सदन बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से अयोध्या धाम के समीप जमीन दिए जाने का आग्रह किया था। जमीन उत्तराखंड सरकार को आवंटित हो गई है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। अयोध्या में सोमवार को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद उत्तराखंड सरकार भी रामलला के दर्शन करने जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि 22 जनवरी के बाद वह पूरी कैबिनेट के साथ अयोध्याधाम जाएंगे।
अयोध्या में तीन एकड़ भूमि पर राम भक्तों के लिए भव्य उत्तराखंड सदन बनेगा। इसके लिए उत्तराखंड ने उत्तर प्रदेश सरकार से भूमि मांगी थी, जो स्वीकृत हो गई है। मुख्यमंत्री धामी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार भी व्यक्त किया।
'राम भक्तों का 500 वर्षों से अधिक का इंतजार समाप्त'
मुख्यमंत्री धामी ने शनिवार को परेड मैदान से भाजपा व हिंदू संगठनों की रामराज्य शोभायात्रा के अवसर पर कहा कि राम भक्तों का 500 वर्षों से अधिक का इंतजार समाप्त हो गया है। पूरा भारत 22 जनवरी को अयोध्या में होने जा रहे भगवान श्रीराम के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का साक्षी बनेगा।उन्होंने कहा देवभूमि उत्तराखंड से भगवान श्रीराम का विशेष नाता है। देवप्रयाग में भगवान श्रीराम को समर्पित रघुनाथ मंदिर एवं बागेश्वर में निर्मल बहती सरयू नदी है। मां सरयू का उद्गम स्थल हमारे उत्तराखंड में है और सरयू किनारे ही अयोध्या धाम में श्रीराम विराजमान हैं।
उत्तराखंड सरकार ने अयोध्या में उत्तराखंड सदन बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से अयोध्या धाम के समीप जमीन दिए जाने का आग्रह किया था। जमीन उत्तराखंड सरकार को आवंटित हो गई है।
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