कोरोनाकाल में पढ़ाई का हुआ नुकसान, अब हर माह के लिए पाठ्यक्रम तय; परीक्षा भी होगीो
उत्तराखंड में स्कूल बंद रहने के कारण छात्रों को पढ़ाई का भारी नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई करने के लिए शिक्षा विभाग प्रयासरत है। विभाग ने समय पर बचा हुआ पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए मासिक लक्ष्य तय कर लिए हैं। छात्रों का आंकलन करने के लिए हर परीक्षाएं होंगी।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Sat, 04 Sep 2021 02:03 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोनाकाल में लंबे समय तक उत्तराखंड में स्कूल बंद रहने के कारण छात्रों को पढ़ाई का भारी नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई करने के लिए शिक्षा विभाग प्रयासरत है। विभाग ने समय पर बचा हुआ पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए मासिक लक्ष्य तय कर लिए हैं। छात्रों का आंकलन करने के लिए हर परीक्षाएं भी होंगी। इसके लिए शिक्षा महानिदेशालय ने समय सारिणी से लेकर पाठ्यक्रम तक बांट दिया है।
प्रदेश में दो अगस्त से नौवीं से 12वीं और 16 अगस्त से छठी से आठवीं तक के स्कूल खुल चुके हैं। मौजूदा समय में प्रदेशभर में 70 फीसद से ज्यादा छात्र स्कूल पहुंच रहे हैं। छात्रों की पढ़ाई सुचारू रखने एवं समय पर पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए एससीईआरटी की मदद से पाठ्यक्रम को मासिक तौर पर बांट दिया गया है। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि हर महीने जिलों की समीक्षा होगी, जिसमें यह देखा जाएगा कि किस स्कूल में कितना पाठ्यक्रम पूरा हो चुका है। पाठयक्रम के आधार पर महीने में फार्मेटिव परीक्षा, अर्द्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षाएं ली जाएंगी।
हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, संस्कृत, कला और सामाजिक विज्ञान जैसे मुख्य प्रश्न पत्र एससीईआरटी पुनर्निर्धारित पाठयक्रम के आधार पर करेगा। जबकि अतिरिक्त विषयों के प्रश्न पत्र विद्यालय में ही एससीईआरटी की ओर से तय प्रारूप के आधार पर तैयार किए जाएंगे। शिक्षा महानिदेशालय की ओर से इसके लिए समय सारिणी भी तैयार कर ली गई है।
ये है समय सारिणी परीक्षा, आयोजन का माह, पाठ्यक्रम
फार्मेटिव एसेसमेंट प्रथम, सितंबर द्वितीय सप्ताह, मिशन कोशिश का पाठ्यक्रमफार्मेटिव एसेसमेंट द्वितीय, अक्टूबर द्वितीय सप्ताह, सितंबर 2021 में पढ़ाया गया पाठ्यक्रमअद्र्धवार्षिक परीक्षा, नवंबर अंतिम सप्ताह, जुलाई से नवंबर तक का पाठ््यक्रमफार्मेटिव एसेसमेंट, दिसंबर अंतिम सप्ताह, दिसंबर का पाठ्यक्रमफार्मेटिव एसेसमेंट, फरवरी 2022 प्रथम सप्ताह, जनवरी का पाठ्यक्रम
वार्षिक परीक्षा, मार्च से अप्रैल, संपूर्ण पाठ्यक्रमशिक्षा विभाग में नए सिरे से खुलेंगे बैंक खाते सरकार की विभागों को जारी होने वाले बजट व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए अब ज्यादा से ज्यादा पेमेंट आनलाइन माध्यम से की जाएगी। शिक्षा विभाग ने इस पर काम शुरू कर दिया है। विभाग का अब एसबीआइ में एक केंद्रीय खाता होगा। जिलों में भी सभी विद्यालय, डायट, समेत अन्य इकाइयों के एसबीआइ में नए सिरे से खाते खुलेंगे। इसके लिए एसबीआइ के साथ शुक्रवार को एमओयू भी साइन हो गया है।
यह भी पढें- उत्तराखंड के 147 संविदा शिक्षकों को रोजगार पाने को करना होगा इंतजार, जानिए वजहसमग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक बंशीधर तिवारी ने सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं जिला परियोजना अधिकारियों को पत्र जारी कर सभी पुराने खाते बंद करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिलों में नए सिरे से एसबीआइ में जीरो बैलेंस खाते खोलने के निर्देश दिए हैं। नए खाते पीएफएमएस में यूके 207 स्कीम कोड के तहत पंजीकृत करने होंगे। पुराने खातों में अब तक खर्च नहीं हो सका पैसा, खाता बंद करवाने के बाद डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) के माध्यम से देहरादून में खुले केंद्रीय बैंक के नाम पर बनाकर जमा करनी होगी।
यह भी पढ़ें- शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा- डीएलएड प्रशिक्षितों के लिए 20 दिन में होगी काउंसिलिंगखाता खोलने के लिए जिलों को एक हफ्ते का समय दिया गया है। वहीं हर दिन खुलने एवं बंद होने वाले खातों की जानकारी जिला परियोजना दफ्तर को देने के निर्देश हैं। जिला स्तर के अधिकारी हर दिन यह जानकारी राज्य स्तर के अधिकारियों को सौंपेंगे। बंशीधर तिवारी ने बताया कि खाते खुलने के बाद पूरी बैंकिंग आनलाइन हो जाएगी। एक क्लिक पर पूरे राज्य का बजट जारी हो सकेगा और चैक और कागजी झंझट कम होगा। बताया कि जिन स्कूलों के नजदीक बैंक नहीं होगा न ही नेट बैंकिंग की सुविधा होगी, वहां एसबीआइ के कर्मचारी ही धनराशि पहुंचाएंगे। एमओयू के तहत प्रदेशभर में एसबीआइ ने इस काम के लिए एक हजार लोग दिए हैं।
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