Uttarakhand Silkyara Tunnel: सिलक्यारा सुंरग में दोबारा कब शुरू होगा कार्य, NHIDCL ने दिया बड़ा अपडेट
सिलक्यारा (उत्तरकाशी) में यमुनोत्री राजमार्ग पर चारधाम आलवेदर रोड परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में 12 नवंबर को हुए भूस्खलन से फंसे 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। लेकिन इस घटना से सुरंग के भविष्य को लेकर प्रश्न उठने लगे हैं। एक प्रश्न यह भी है कि सुरंग के जिस हिस्से में भूस्खलन होने से श्रमिक भीतर फंस गए थे उसका उपचार कैसे और कब होगा।
By Suman semwalEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Wed, 29 Nov 2023 07:58 PM (IST)
सुमन सेमवाल, उत्तरकाशी। सिलक्यारा (उत्तरकाशी) में यमुनोत्री राजमार्ग पर चारधाम आलवेदर रोड परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में 12 नवंबर को हुए भूस्खलन से फंसे 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। लेकिन, इस घटना से सुरंग के भविष्य को लेकर प्रश्न उठने लगे हैं। एक प्रश्न यह भी है कि सुरंग के जिस हिस्से में भूस्खलन होने से श्रमिक भीतर फंस गए थे, उसका उपचार कैसे और कब होगा।
साथ ही सुरंग में आगे का निर्माण कब शुरू किया जाएगा। इसको लेकर कार्यदायी संस्था नेशनल हाइवेज इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) ने स्पष्ट किया है कि निर्माण शुरू करने से पहले तकनीकी समिति सुरंग का गहन सर्वेक्षण करेगी। जिसमें सुरक्षा के सभी बिंदुओं का समाधान प्राप्त होने के बाद ही नया निर्माण शुरू किया जाएगा। सर्वेक्षण के लिए समिति का गठन एनएचआइडीसीएल ही कर रही है।
सिलक्यारा के मुहाने की ओर है वीक जोन
एनएचआइडीसीएल के परियोजना प्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि सुरंग की साइट में शियर्ड जोन हैं। यह ऐसा जोन होता है, जहां चट्टानों की क्षमता कमजोर होती है। इसे वीक जोन यानी कमजोर भाग भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि सुरंग में सिलक्यारा की तरफ मुहाने से 80 से 260 मीटर तक का भाग वीक जोन है। इसकी जानकारी पहले से थी। इसी को देखते हुए वीक जोन की री-प्रोफाइलिंग (सुरंग के कमजोर भाग के उपचार की पद्वति) की जा रही थी।80 से 120 मीटर तक के भाग पर री-प्रोफाइलिंग कर भी ली गई थी, जबकि इससे आगे के भाग पर यह कार्य चल रहा था, तभी हादसा हो गया।कर्नल पाटिल ने बताया कि सिलक्यारा की ही तरफ से सुरंग में 980 से 1175 मीटर के बीच का भाग भी वीक जोन है। हालांकि, इसका उपचार किया जा चुका है। इस हादसे से पहले अन्य वीक जोन का सफलतापूर्वक उपचार कर दिए जाने से सुरंग के बड़े भाग के ध्वस्त होने का अंदेशा नहीं था, फिर भी हादसे के बाद इसे गंभीरता से लिया जा रहा है।
कर्नल पाटिल के मुताबिक, अब सुरंग में नया निर्माण तभी शुरू किया जाएगा, जब सुरक्षा के सभी बिंदुओं का समाधान कर लिया जाएगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए सुरंग के सर्वेक्षण के लिए गठित की जा रही तकनीकी समिति में सभी तरह के विशेषज्ञ शामिल किए जाएंगे। प्रयास है कि तकनीकी बिंदुओं का समाधान कर निर्माण कार्य दोबारा शुरू करा दिया जाए।
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