स्टेट फूड सेफ्टी इंडेक्स में लुढ़का उत्तराखंड, देश के 20 बड़े प्रदेशों में मिला यह स्थान
State Food Safety Index खाद्य सुरक्षा को लेकर उत्तराखंड में गंभीर प्रयास की जरूरत है। एफएसएसएआइ की ओर से जारी रिपोर्ट के आधार पर देश के 20 बड़े राज्यों की सूची में उत्तराखंड 11वें स्थान पर है जबकि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश का स्थान पांचवां है। Photo xtalks.com
By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sat, 10 Jun 2023 01:24 PM (IST)
नेहा सिंह, देहरादून: State Food Safety Index: खाद्य सुरक्षा को लेकर उत्तराखंड में गंभीर प्रयास की जरूरत है। स्टेट फूड सेफ्टी इंडेक्स (एसएफएआइ) 2022-23 की रिपोर्ट भी इस बात की पुष्टि कर रही है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) की ओर से जारी रिपोर्ट के आधार पर देश के 20 बड़े राज्यों की सूची में उत्तराखंड 11वें स्थान पर है, जबकि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश का स्थान पांचवां है।
चिंता का विषय तो यह है कि पिछले वर्ष की तुलना में उत्तराखंड चार रैंक नीचे लुढ़क गया है। फूड सेफ्टी इंडेक्स का निर्धारण तीन श्रेणियों में किया गया है, जिसमें उत्तराखंड देश के 20 बड़े राज्यों के साथ पहली श्रेणी में है। राज्यों का प्रदर्शन खाद्य सुरक्षा के पांच मानकों के तहत 100 प्रतिशत अंक के आधार पर किया गया है। इनमें आधारभूत संरचना और मानव संसाधन की श्रेणी में उत्तराखंड को अपेक्षाकृत कम अंक मिले हैं।
उत्तराखंड में खाद्य पदार्थों की जांच की स्थिति देखें तो यहां रुद्रपुर में एकमात्र फूड टेस्टिंग लैब है, जिस पर पूरे प्रदेश के सैंपल जांचने की जिम्मा है। वर्ष 2013 में रुद्रपुर में लैब की स्थापना की गई थी। इसके बाद से प्रदेश में खाद्य सुरक्षा के मानकों में सुधार के कोई गंभीर प्रयास नहीं हुए। यही कारण है कि कई बार तो खाद्य सैंपल की जांच रिपोर्ट आने में तीन से पांच साल भी लग जाते हैं।
त्योहारी सीजन में कर्तव्यों की इतिश्री
होली-दीपावली समेत अन्य त्योहार आते ही उत्तराखंड में खाद्य सुरक्षा विभाग सक्रिय हो जाता है और होटल, ढाबे और दुकानों में चेकिंग शुरू की जाती है। इसके बाद खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांच के लिए रुद्रपुर स्थित लैब भेजा जाता है। आठ-दस दिन तक यह सिलसिला चलता है, फिर विभाग अगले त्योहारी सीजन तक चैन की नींद सो जाता है। सैंपल की जांच रिपोर्ट कब आएगी और रिपोर्ट में क्यों देरी हो रही है, इससे अधिकारियों का कोई वास्ता नहीं होता।
खुलेआम मानकों का उल्लंघन
खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता के साथ उसकी सफाई सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी खाद्य सुरक्षा विभाग की होती है। हालांकि, राजधानी देहरादून पर ही नजर डालें तो यहां गलियों में खुलेआम मानकों का पालन किए बिना खाद्य पदार्थ बेचे जा रहे हैं। इन्हें न तो ढककर रखा जाता है, न खाना देते समय विक्रेता की हाथ की सफाई ही सुनिश्चित होती है, लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग सड़कों और गलियों में बिक रहे स्ट्रीट फूड की ओर झांकने तक नहीं जाता। इसके अलावा ग्राहकों को खाद्य पदार्थों के प्रति जागरूक करना भी खाद्य सुरक्षा विभाग की ही जिम्मेदारी है।उत्तराखंड की तस्वीर
- एसएफएआइ के मानक, निर्धारित अंक, उत्तराखंड को मिले अंक
- मानव संसाधन और संस्थागत आंकड़ा, 18, 7.5
- खाद्य सुरक्षा का अनुपालन, 28, 13
- मानकों की जांच को आधारभूत संरचना, 17, 07
- प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, 08, 5.5
- ग्राहकों की जागरूकता, 19, 06
- एसएफएआइ रैंक में सुधार, 10, 00
- कुल अंक, 100, 39
- (नोट: अंक प्रतिशत में)
एसएफआइ इंडेक्स में टाप-5 बड़े प्रदेश
रैंक, प्रदेश, कुल अंक (100 में से)
1. केरल, 632. पंजाब, 57.53. तमिलनाडु, 56.54. मध्य प्रदेश, 565. उत्तर प्रदेश, 52.5
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