राज्य आंदोलनकारी मोहन भट्ट का निधन, सीढ़ी से फिसलकर हुए थे चोटिल
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मोहन भट्ट का रविवार को निधन हो गया। चोटिल होने के कारण वह शनिवार से अस्पताल में भर्ती थे।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sun, 19 Jul 2020 08:16 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। राज्य आंदोलनकारी मोहन भट्ट का रविवार को निधन हो गया। चोटिल होने के कारण वह शनिवार से अस्पताल में भर्ती थे। देर शाम लक्खीबाग स्थित श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। मोहन भट्ट ने राज्य निर्माण के दौरान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। वो आंदोलनकारियों की मांगों को लेकर हमेशा ही अग्रिम पंक्ति में खड़े रहे हैं। सामाजिक कार्यों में भी उनकी बराबर सक्रियता रही।
देहरादून के चुक्खूवाला की इंदिरा कॉलोनी निवासी 46 वर्षीय मोहन भट्ट का केबिल का काम था। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने बताया कि शनिवार को वह अपने घर के पास ही केबिल ठीक करते समय सीढ़ी से फिसलकर चोटिल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महंत इंदिरेश अस्पताल में रविवार सुबह मोहन भट्ट ने अंतिम सांस ली।वह अपने पीछे पत्नी और तीन बेटियां छोड़ गए हैं। मोहन भट्ट ने राज्य निर्माण के दौरान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। आंदोलनकारियों की मांगों को लेकर वह हमेशा ही अग्रिम पंक्ति में खड़े रहते थे। सामाजिक कार्यों में भी उनकी बराबर सक्रियता रही। मोहन भट्ट के निधन की सूचना पर राजपुर रोड विधायक खजानदास अस्पताल पहुंचे और उन्होने संवेदना जताई।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के अभिनेता जयपाल नेगी का दिल्ली में निधन, कई सुपरहिट गढ़वाली गीतों में किया था अभिनयउत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के जगमोहन सिंह नेगी, ओमी उनियाल, रामलाल खंडूड़ी, केशव उनियाल, प्रवीन गुसाईं, नवनीत गुसाईं, वीरेंद्र गुसाईं, कलम सिंह गुसाईं, चन्द्र किरण राणा, पुष्कर बहुगुणा, हरि सिंह, रामपाल, विनोद असवाल, जीतपाल, राकेश नौटियाल, सुरेश कुमार, सुदेश कुमार, सत्येंद्र भंडारी, जयदीप सकलानी, विपुल नौटियाल, प्रमोद पंत, वीरेंद्र सकलानी, अनुज जैन, राजेश पांथरी आदि ने भी मोहन भट्ट के निधन पर शोक जताया है।
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