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उत्तराखंड में 10 नए गोदाम बनाएगा राज्य भंडारण निगम, इन नौ जिलों को मिली सौगात

Uttarakhand News उत्तराखंड राज्य भंडारण निगम खाद्यान्न और उर्वरकों के भंडारण के लिए 10 नए गोदाम बनाएगा। इन गोदामों के बनने से निगम की भंडारण क्षमता में 48000 मीट्रिक टन की वृद्धि होगी। वर्तमान में निगम के पास 114998 मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता है। भंडारण क्षमता के विस्तार और इसे बाजार की मांग के अनुरूप अनुकूलित करने पर जोर दिया।

By kedar dutt Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 05 Oct 2024 11:08 AM (IST)
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सचिव सहकारिता दिलीप जावलकर ने शुक्रवार को राज्य भंडारण निगम और सहकारिता विभाग की समीक्षा की। सूवि
राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। उत्तराखंड में खाद्यान्न एवं उर्वरकों के भंडारण की क्षमता में जल्द ही वृद्धि होगी। इस कड़ी में खटीमा, ऋषिकेश, श्रीनगर, कोटद्वार, रामनगर, रुड़की, हरिद्वार, काशीपुर और गदरपुर में राज्य भंडारण निगम 10 नए गोदाम बनाएगा।

सहकारिता सचिव दिलीप जावलकर की अध्यक्षता में शुक्रवार को निबंधक सहकारी समितियां के कार्यालय में हुई समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई। बताया गया कि नए गोदाम के निर्माण से निगम की भंडारण क्षमता में 48,000 मीट्रिक टन की अतिरिक्त क्षमता विकसित होगी। वर्तमान में निगम के पास 1,14,998 मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता है।

सचिव जावलकर ने बैठक के दौरान निगम की भंडारण क्षमता, मूल्यांकन व सुधार समेत अन्य बिंदुओं पर अधिकारियों के साथ विमर्श किया। उन्होंने भंडारण क्षमता के विस्तार और इसे बाजार की मांग के अनुरूप अनुकूलित करने पर जोर दिया।

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उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा मजबूत और जरूरत के प्रति उत्तरदायी बना रहे, इसके लिए अधिकारियों को वर्तमान गोदामों का भौतिक निरीक्षण करना होगा। भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट के आधार आगे निर्णय लेने में मदद मिलती है।

सहकारिता क्षेत्र में और प्रयासों की जरूरत

सहकारिता सचिव जावलकर ने भंडारण निगम के बाद सहकारिता विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पर्वतीय जिलों में लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए सहकारिता के क्षेत्र में और अधिक प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने निर्देश दिए कि एक जैसी प्रकृति की योजनाओं के तहत जनता को संबंधित विभागों की योजना का लाभ उठाने को मिश्रित ऋण की सुविधा मिल सके, ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए।

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उन्होंने सहकारी बैंकों को ऋण-जमा अनुपात बढ़ाने, आजीविका बढ़ाने के लिए आर्थिक गतिविधियों पर विशेष ध्यान देने, क्लस्टर आधारित एप्रोच बढ़ाने, मोटे अनाज उत्पादन को प्रोत्साहित करने, ऋण वितरण की प्रक्रिया का सरलीकरण करने, सभी जिलों में डीसीडीसी की बैठकें करने, कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए गोष्ठियां व शिविरों का आयोजन करने संबंधी निर्देश दिए।

बैठक में निबंधक सहकारी समितियां सोनिका, राज्य भंडारण निगम की प्रबंध निदेशक रमिंद्री मंद्रवाल, अपर निबंधक ईरा उप्रेती, अपर निबंधक आनंद शुक्ल, संयुक्त निबंधक नीरज बेलवाल व एमपी त्रिपाठी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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