Move to Jagran APP

उत्‍तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर अस्तित्व में आएगी महिला नीति, प्रारूप को अंतिम रूप देने के दिए निर्देश

Uttarakhand Women Policy उत्तराखंड राज्य महिला नीति महिलाओं के आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक सशक्तीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। नीति में महिलाओं के लिए बजट का कम से कम 30% निर्धारण मानसिक रूप से अस्वस्थ महिलाओं के लिए विशेष केंद्र दिव्यांग महिलाओं के लिए स्वावलंबन और सुरक्षा की व्यवस्था अपराधों से सुरक्षा से संबंधित विषयों को शामिल करने जैसे प्रावधान किए गए हैं।

By kedar dutt Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 17 Oct 2024 05:12 PM (IST)
Hero Image
Uttarakhand Women Policy: कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने नीति के प्रारूप को अंतिम रूप देने के दिए निर्देश। जागरण

राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। Uttarakhand Women Policy: महिला अधिकारों की सुरक्षा के लिए समान नागरिक संहिता की पहल के बाद अब सरकार महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक सशक्तीकरण के दृष्टिगत राज्य की महिला नीति लाने जा रही है। राज्य स्थापना दिवस पर नौ नवंबर को उत्तराखंड राज्य महिला नीति राज्य की महिलाओं को समर्पित करने का लक्ष्य रखा गया है।

महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने बुधवार को विधानसभा भवन के सभागार में हुई बैठक में महिला नीति के प्रारूप को अविलंब अंतिम रूप देने के निर्देश अधिकारियों को दिए। साथ ही राज्य बजट में महिलाओं के लिए कम से कम 30 प्रतिशत बजट का निर्धारण करने समेत अन्य कई बिंदुओं को प्रारूप का हिस्सा बनाने को कहा। उन्होंने बताया कि प्रारूप को अंतिम रूप देने के बाद इसे आगामी कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा।

यह भी पढ़ें- Uttarakhand: ‘पेड़ वाले गुरुजी’ धन सिंह घरिया ने शुरू की मुहिम, वृक्षविहीन बदरिकाश्रम में लहलहाएगा भोज का जंगल

मंत्री रेखा आर्या ने दिए निर्देश

राज्य महिला आयोग ने पूर्व में उत्तराखंड राज्य महिला नीति का प्रारूप तैयार किया था। इसे लेकर शासन स्तर पर कई दौर की बैठकों के बाद बुधवार को हुई बैठक में नीति के प्रारूप के संबंध में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया गया।

मंत्री ने प्रारूप के अवलोकन के बाद अधिकारियों को निर्देश दिए कि महिला नीति का निर्माण इस प्रकार से किया जाए, जिससे राज्य की महिलाओं का आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक रूप से सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके।

कैबिनेट मंत्री आर्या ने महिला नीति के तैयार प्रारूप में राज्य बजट में महिलाओं के लिए बजट प्रतिशत का निर्धारण करने, मानसिक रूप से अस्वस्थ महिलाओं के उपचार के लिए विशेष केंद्र खोलने, दिव्यांगता की श्रेणी व दिव्यांगता के प्रकार को ध्यान में रखते हुए महिलाओं के स्वावलंबन एवं सुरक्षा प्रदान करने की व्यवस्था बनाने, आयु वर्ग को ध्यान में रखते हुए अपराधों से सुरक्षा से संबंधित विषयों को भी समाहित करने के लिए निर्देशित किया।

उन्होंने कहा कि महिला नीति बन जाने के बाद समय-समय पर इसकी समीक्षा और आवश्यक संशोधन के दृष्टिगत एक्जीक्यूटिव व गवर्निग बाडी गठित की जानी चाहिए। महिला नीति लागू होने के बाद उत्तराखंड भी उन प्रदेशों में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने यह पहल की है।

यह भी पढ़ें- थूक जिहाद पर उत्‍तराखंड सरकार का बड़ा एक्‍शन, एक लाख तक जुर्माना; बताना होगा मीट झटका या हलाल

अभी तक तमिलनाडू, कर्नाटक, गुजरात ने अपने यहां महिला नीति की पहल की है। बैठक में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के सचिव चंद्रेश कुमार यादव, अपर सचिव प्रशांत आर्य समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्री ने महिला नीति के लिए ये भी दिए निर्देश

  • अनुसूचित जाति, जनजाति और कामकाजी महिलाओं की चुनौतियों को कम करने को बने व्यवस्था।
  • ग्रामीण व शहरी महिलाओं की परिवार, समाज व कार्यक्षेत्र की चुनौतियों को कम करने को हों प्रविधान।
  • ओला, उबर जैसी वाहन सेवा प्रदान करने संबंधी हो व्यवस्था।
  • देह व्यापार में धकेली गई महिलाओं के पुनर्वास के लिए हो प्रभावी व्यवस्था।
  • 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों तक इंटरनेट मीडिया से पहुंचने वाली आपत्तिजनक सामग्री पर रोक को प्रभावी कदम।
  • सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों की महिलाओं के लिए अतिरिक्त सुविधाओं का हो प्रविधान।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चुनौतियों से निबटने को हो नीति में प्रविधान।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।