लोगों को ऐसे झांसे में ले हड़पे करोड़ों रुपये, उत्तराखंड एसटीएफ ने 11 के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा
डेली कलेक्शन आरडी एफडी और अन्य स्कीमों के तहत करोड़ों रुपये हड़पकर आरोपित फरार हो गए। इस मामले में उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की ओर से ने 11 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Tue, 01 Feb 2022 02:21 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। धोखाधड़ी के विभिन्न मामलों में पुलिस ने चार मुकदमे दर्ज किए हैं, जिसमें ठगों ने डेली कलेक्शन, एफडी व आरडी, विदेश से गिफ्ट भेजने, कमीशन और जमीन दिलाने का झांसा देकर कई व्यक्तियों से 90 लाख से अधिक की राशि हड़प ली।
पहले मामले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने सवा 69 लाख रुपये हड़पने के मामले में 11 आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मामले की जांच कर रहे एसटीएफ के इंस्पेक्टर महेश्वर प्रसाद पुर्वाल ने बताया कि सुधा देवली निवासी ग्राम व पोस्ट कारबारी व 10 अन्य व्यक्तियों ने तहरीर दी थी कि सर्वोत्तम एग्रो कारपोरेशन सोसाइटी लिमिटेड ने अधिक ब्याज का लालच देकर डेली क्लेक्शन, आरडी व एफडी व अन्य स्कीमों के तहत धनराशि जमा करवाई। पूछताछ में सामने आया कि सोसाइटी गुमानीवाला ऋषिकेश के पते पर रजिस्टर्ड है जबकि सोसाइटी का मुख्य कार्यालय कौशंबी गाजियाबाद यूपी में है। सोसाइटी की शाखा सिरमौर प्लाजा कौलागढ़ कैंट में स्थित है, जिसमें महेश कुमार निवासी प्रकाश विहार रिस्पना मैनेजर के रूप में कार्यरत था। वह निवेशकों के आरडी व एफडी बांड जारी करता था व मिच्योर हो जाने पर महेश कुमार ही धनराशि का चेक हस्ताक्षर करके देता था।
बाद में कार्यालय पित्थूवाला शिमला बाइपास ट्रांसफर कर दिया गया। पीडि़तों को सोसाइटी में निवेश करने के लिए विभिन्न स्कीमों के बारे में सबसे पहले पीतांबर पाल निवासी ग्राम बैरागीवाला विकासनगर, शेखर पुंडीर निवासी आदर्श कालोनी देहरादून, नीरज कश्यप निवासी नया गांव पेलियो ने बताया था। इन्होंने ही बाद में डीके मिश्रा व राजेंद्र सिंह बिष्ट निवासी गुमानीवाला ऋषिकेश, हिमानी मिश्रा, निष्ठा गौड, कविता मिश्रा, जाबीर मिया से मिलवाया। आरोपित घर एवं मोहल्ले में अपनी सोसाइटी की स्कीमों के बारे में बताया था व अधिक ब्याज देने का लालच देकर निवेश करवाने पर कमीशन का लालच देते थे। सोसाइटी के दस्तावेजों की जांच की गई तो पता लगा कि सोसाइटी भारत सरकार के कृषि मंत्रालय से वर्ष 2014 से रजिस्टर्ड है। सोसाइटी के रजिस्ट्रेशन में उल्लेख है कि सोसाइटी जमा व लोन संबंधी गतिविधियां नहीं करेगी। इस मामले में महेश कुमार, पीतांबर पाल, शेखर पुंडीर, नीरज कश्यप, डीके मिश्रा, राजेंद्र सिंह बिष्ट, हिमानी मिश्रा, निष्ठा गौड़, कविता मिश्रा, जाबीर मिया व ऋतु पुंडीर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस के हवलदार से ठगे 13 लाख रुपयेजमीन दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति ने पुलिस के हवलदार से 13 लाख रुपये की ठगी कर दी। शहर कोतवाली पुलिस ने शिकायतकर्ता हवलदार हरीशचंद्र ने बताया कि वह भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षण के लिए तैनात हैं। नवंबर 2018 उन्होंने राम नरेश नौटियाल निवासी निंबूवाला से झाझरा में एक प्लाट लिया। आरोपित ने 28 मार्च को रजिस्ट्री करने के लिए कहा और 13 लाख रुपये ले लिए, लेकिन तय समय पर उसने रजिस्ट्री नहीं की। रजिस्ट्री न होने पर हवलदार ने धनराशि वापस करने के लिए कहा, जहां आरोपित ने 13 लाख रुपये के दो चेक दिए जोकि बाउंस हो गए। थानाध्यक्ष प्रेमनगर कुलदीप पंत ने बताया कि आरोपित रामनरेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
विदेश से गिफ्ट भेजने के नाम पर हड़पे 7.24 लाखविदेश से गिफ्ट भेजने के नाम पर एक शातिर ने महिला से सात लाख 24 हजार रुपये हड़प लिए। शिकायतकर्ता शमा बिष्ट निवासी सोसाइटी एरिया क्लेमेनटाउन ने बताया कि फेसबुक से उनकी जान पहचान ईथन लियोनार्डो से हुई। व्यक्ति ने कहा कि वह उन्हें गिफ्ट भेजा रहा है। इसके बाद एक अज्ञात नंबर से फोन आया कि वह इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट दिल्ली से कस्टम अधिकारी बोल रहा है। उनका एक गिफ्ट है, जिसे स्कैन करने पर पता चला है कि गिफ्ट के अंदर डालर हैं। इसके बदले टैक्स अदा करना पड़ेगा। यदि टैक्स जमा नहीं करवाया तो मनी लांडरिंग का मुकदमा दर्ज किया जाएगा। टैक्स के रूप में कस्टम अधिकारी ने उनसे सात लाख 24 हजार रुपये हड़प लिए। महिला ने बताया कि उन्हें अब गिफ्ट नहीं मिला है। क्लेमेनटाउन के एसएसआई शोएब अली ने बताया कि महिला की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
कमीशन का लालच देकर ठगे 58 हजारमोहब्बेवाला निवासी मयंक सक्सेना ने बताया कि 19 दिसंबर 2021 को वह आनलाइन शापिंग की साइट शापी व वेल मार्ट के संपर्क में आया और। शापिंग साइट की असिस्टेंट डोना मारिसा ने उनसे कमीशन का वादा किया कि आनलाइन सामान बेचने पर उन्हें कमीशन दिया जाएगा जिसके बदले उनसे 20 दिसंबर से चार जनवरी तक उन्होंने 58 हजार रुपये जमा करवाए। बाद में उन्हें पता चला कि दोनों साइट फर्जी हैं। इस मामले में क्लेमेनटाउन थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
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