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कभी लिया है उत्तराखंड के पारंपरिक खाने का स्‍वाद? उंगलियां चाटने पर मजबूर कर देते हैं ये पांच पहाड़ी व्‍यंजन

Uttarakhand Traditional Food उत्‍तराखंड का पहाड़ी स्‍वाद चखने वाला हर पर्यटक इसका मुरीद हो जाता है और बार-बार उंगलियां चाटने पर मजबूर हो जाता है। आज आपको कुछ ऐसे ही पहाड़ी व्‍यंजनों के बारे में बताया जा रहा है।

By Nirmala BohraEdited By: Updated: Wed, 24 Aug 2022 02:52 PM (IST)
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Uttarakhand Traditional Food : सेहतमंद और स्‍वादिष्‍ट होते हैं पहाड़ी व्‍यंजन। File
टीम जागरण, देहरादून : Uttarakhand Traditional Food : जिस तरह उत्‍तराखंड की वादियां शरीर को हील करती हैं। वैसे ही यहां के पहाड़ी व्‍यंजन भी सेहतमंद और स्‍वादिष्‍ट होते हैं।

उत्‍तराखंड का पहाड़ी स्‍वाद चखने वाला हर पर्यटक इसका मुरीद हो जाता है और बार-बार उंगलियां चाटने पर मजबूर हो जाता है। पहाड़ का पारंपरिक लकडि़यों और कोयलों पर पकाया जाता है और प्राकृति नॉले और स्रोतों के पानी से बने यह व्‍यंजन पौष्टिक भी होते हैं।

आज आपको कुछ ऐसे ही पहाड़ी व्‍यंजनों के बारे में बताया जा रहा है। इनकी विधि जानकर आप खुद भी इन्‍हें घर पर बना सकते हैं।

कंडाली का साग (Kandali ka saag)

  • उत्‍तराखंड के इसे बिच्छू घास के नाम से भी जाना जाता है।
  • इसका साग बेहद स्वादिष्ट होता है। जिसे कंडाली के पत्‍तों को उबालकर तैयार किया जाता है।
  • कंडाली कांटेदार होती है, लेकिन उबालकर बनाई गई सब्‍जी खाते वक्‍त कांटों का अहसास नहीं होता।
  • ध्‍यान रहे कि इस सब्जी को बनाने के लिए कंडाली की मुलायम पत्तियां ही लें।
  • इन्हें धोकर और झाड़कर साफ कर लें। इसके बाद इसे उबालें और उबली हुई पत्तियों का साग बनाएं।

काफुली (Kafuli)

  • कुछ चटपटा खाने का मन है तो काफुली जरूर ट्राई करें।
  • पालक और मेथी के पत्तों से बनी काफुली उत्‍तराखंड की प्रसिद्ध डीश है।
  • काफुली डिश पालक और मेथी के पत्तों को पकाकर पीसा जाता है।
  • उसके बाद एक बर्तन में नमक व मसालों के साथ पकाया जाता है। अंत में दही डाल दिया जाता है।
  • अगर मिश्रण गाड़ा है तो आप उसमें अपने अनुसार पानी डाल सकते हैं।
  • इसे रोटी और चावल के साथ खा सकते हैं।

चैंसू (Chainsoo)

  • यह एक लोकप्रिय गढ़वाली व्यंजन है। इसे उड़द या काली दाल या काले सोयाबीन के साथ बनाया जाता है।
  • इसके लिए सबसे पहले दाल को भुना जाता है। इसके बाद दाल को दरदरा पीसा जाता है।
  • लहसुन को सुनहरा होने तक भून लें। अब इसी बर्तन में पिसी दाल डाल दें।
  • इसके बाद जीरा, लाल मिर्च पाउडर, काली मिर्च और हींग डालें।
  • हल्दी, धनिया पाउडर, नमक और पानी डालकर कम से कम इसे 20 मिनट तक पकाएं।
  • अब दूसरे पैन में घी डाले, उसके सूखी लाल मिर्च और अखरोट के टुकड़े डालें। इस दाल के ऊपर से डाल दें।

भांग की चटनी (Bhang ki chutney)

  • भांग की चटनी खाने का स्‍वाद ही बढ़ा देती है।
  • भांग की चटनी उत्तराखंड के लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय है।
  • इसे भांग के बीजों और नींबू के रस के साथ बनाया जाता है।
  • इसके लिए यह सबसे पहले भांग के बीजों को भुना जाता है।
  • इसके बाद इसे पीस लें और इसके साथ पुदीना भी पीस लें।
  • अब इसमें नींबू का रस डाले और सर्व करें।

फाणू (Phanu)

फाणू बनाने के लिए अरहर की दाल को रात में भिगो दें। इसके बाद दाल को नमक, अदरह लहसुन पेस्ट, हरी मिर्च के साथ पीस लें। पिसी हुई दाल को दो भगों में बांट लें।

अब एक बर्तन में तेल गर्म करें और एक भाग पैन केक की तरह तलें। दूसरा बर्तन गर्म करें और जीरा भुनें। हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, हींग और नमक डालकर एक मिनट तक पकाएं।

अब इसमें पिसी दाल का दूसरा भाग डालें और पानी एड करें। दस मिनट पकाने के बाद दूसरे बर्तन में तली दाल के केक को छोटे टुकडों में काटें और दाल में डाल दें। इसे घी डालकर रोटी और चावल के साथ सर्व कर सकते हैं।

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