Move to Jagran APP

Uttarakhand: यात्री सुविधाओं में वृद्धि व बसें लेने के बजाय अधिकारी चाह रहे थे नई बोलेरो, बोर्ड ने कर दिया इनकार

Uttarakhand Transport Corporation उत्तराखंड परिवहन निगम की बोर्ड बैठक में यात्री सुविधाओं को बढ़ावा देने और घाटे को कम करने पर चर्चा हुई। बोर्ड ने परिवहन निगम की 34 संपत्तियों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन और सीएनजी गैस फिलिंग स्टेशन लगाने की स्वीकृति दी। इसके अलावा संपत्तियों पर सोलर पैनल भी लगाए जाएंगे जिससे निगम की आय में वृद्धि होगी।

By Ankur Agarwal Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 04 Oct 2024 12:49 PM (IST)
Hero Image
Uttarakhand Transport Corporation: आठ बोलेरो गाड़ियों का प्रस्ताव नामंजूर
जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Transport Corporation: उत्तराखंड परिवहन निगम की बोर्ड बैठक में परिवहन निगम के अधिकारियों के लिए खरीदी जाने वाली आठ बोलेरो गाड़ियों का प्रस्ताव नामंजूर कर दिया गया। दरअसल, यात्री सुविधाओं में वृद्धि और नई बसें लेने के बजाय निगम प्रबंधन अपने डिपो अधिकारियों के लिए नई गाड़ियां लेना चाह रहा था, लेकिन बोर्ड ने इसकी स्वीकृति नहीं दी।

अलबत्ता, बोर्ड बैठक में खर्चों में कटौती के साथ ही निगम आय में वृद्धि और घाटा दूर करने को लेकर मंथन हुआ। इसके लिए बोर्ड ने परिवहन निगम की प्रदेश में स्थापित 34 परिसंपत्तियों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन व सीएनजी गैस फिलिंग स्टेशन लगाने की स्वीकृति दी। इन परिसपंत्तियों पर सोलर पैनल भी लगाए जाएंगे, जिससे निगम की आय में वृद्धि होगी।

बोर्ड बैठक से पूर्व 'दैनिक जागरण' ने मंगलवार के अंक में परिवहन निगम की दुर्दशा पर समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें बताया गया था कि यात्रियों को पर्याप्त व आधुनिक बसों की यात्रा कराने में असफल निगम अपने अधिकारियों के ठाठ-बाट के लिए आठ नई बोलेरो गाड़ियां खरीदने का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में ले जा रहा है।

इसके साथ ही परिवहन निगम की बसों और वित्तीय स्थिति का जिक्र भी समाचार में किया गया था, जिसमें बताया गया था कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के शुरुआती छह माह में ही परिवहन निगम 15 करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा है। गुरुवार को सचिवालय में उत्तराखंड परिवहन निगम बोर्ड के अध्यक्ष व प्रमुख सचिव एल फैनई की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में नई बोलेरो का प्रस्ताव नामंजूर कर दिया गया। अलबत्ता, बोर्ड ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यात्रियों की सुविधाओं और निगम की आय बढ़ाने पर जोर दिया जाना चाहिए।

परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डा. आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि बोर्ड बैठक में परिवहन निगम की आय बढ़ाने पर मंथन किया गया। इसके लिए निगम के बस अड्डों व कार्यशालाओं की जमीन पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाने समेत सीएनजी फिलिंग पंप और सोलर पैनल लगाने पर सहमति बनी। शीघ्र ही इस पर कार्य शुरू किया जाएगा। प्रबंध निदेशक ने बताया कि इसके अतिरिक्त बोर्ड ने परिवहन निगम के ढांचे में संशोधन की सहमति भी दी है।

175 बसों का मामला लटका

पिछली बोर्ड बैठक में 175 बसों की खरीद का मामला इस बोर्ड बैठक में भी किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा। दरअसल, निगम मुख्यालय के 175 डीजल बसों की खरीद के प्रस्ताव पर पिछली बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया था कि 100 डीजल, जबकि 75 सीएनजी बसें खरीदी जाएं। निगम मुख्यालय को संशोधित प्रस्ताव लाने को कहा गया था, लेकिन निगम मुख्यालय फिर डीजल बसों का ही प्रस्ताव ले गया। ऐसे में यह मामला शासन के सिपुर्द कर दिया गया है। हालांकि, बोर्ड ने कहा कि आवश्यकता के अनुसार अनुबंधित बसों को बढ़ाने के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी।

दिल्ली में निजी नहीं सरकारी बस अड्डे पर होगी पार्किंग

दिल्ली के कश्मीरी गेट, आनंद विहार व सराय काले खां आइएसबीटी पर बसों के प्रवेश से निकास की समय सीमा 25 मिनट निर्धारित होने के बाद परिवहन निगम ने दिल्ली में बसों की पार्किंग एक निजी पार्किंग में करने का प्रस्ताव बनाया था। इसके लिए परिवहन निगम को संबंधित पार्किंग ठेकेदार को 30 लाख रुपये प्रतिमाह भुगतान करना पड़ता, लेकिन बोर्ड ने इसकी मंजूरी नहीं दी। दिल्ली सरकार ने आनंद विहार के पास अपने दो बस अड्डों पर 160 रुपये प्रवेश शुल्क के साथ बसों की पार्किंग की सुविधा देने का प्रस्ताव दिया था, जिसे निगम बोर्ड ने स्वीकृत कर दिया।

डीए में वृद्धि का प्रस्ताव लटका, कर्मचारी मायूस

परिवहन निगम की बोर्ड बैठक में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में चार प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव भी शामिल था, लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं हो सका। शासन के आदेश के क्रम में निगमों में भी डीए को 46 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का प्रस्ताव निगम बोर्ड में लाया गया, लेकिन बोर्ड ने निगम की वित्तीय स्थिति देखते हुए इस पर कोई निर्णय नहीं लिया। बता दें कि, परिवहन निगम इस वित्तीय वर्ष के शुरुआती छह माह में ही 15 करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा है। डीए का प्रस्ताव लटकने से कर्मचारियों में मायूसी है, क्योंकि यह एक जनवरी-2024 से लागू होना था और कर्मचारियों को दीपावली से पहले इसका एरियर मिलने की आस थी।

चेकिंग में उपयोग होंगी पूर्व में खरीदी गई बोलेरो

वर्ष-2022 में निगम बोर्ड की अनुमति के बाद खरीदी गई आठ बोलेरो गाड़ियां अब प्रवर्तन कार्य यानी बसों की चेकिंग में उपयोग होंगी। इन गाड़ियों को खरीदा तो प्रवर्तन कार्य के लिए गया था, मगर अधिकारी निजी कार्य में इनका उपयोग कर रहे थे। रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने भी पिछले दिनों प्रबंध निदेशक को भेजे गए पत्र में इस पर आपत्ति जताई थी। ऐसे में बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव भी लाया गया कि चेकिंग की गाड़ियों का उपयोग निजी कार्य में नहीं हो सकेगा, जिसे बोर्ड ने स्वीकृत किया।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।