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दिल्ली में बीएस-4 श्रेणी के बस प्रतिबंध पर बोले उत्तराखंड रोडवेज महाप्रबंधक, आठ साल से पुरानी बस नहीं भेजी जाएगी दिल्ली

दिल्ली जाने वाली उत्तराखंड परिवहन निगम (Uttarakhand Transport Corporation) की बीएस-4 श्रेणी की 400 बसों को फिलहाल राहत मिलती दिख रही है। उत्तराखंड परिवहन निगम (Uttarakhand Transport Corporation) के महाप्रबंधक दीपक जैन ने दावा किया कि राहत में शर्त है कि आठ साल से अधिक पुरानी कोई भी बस दिल्ली नहीं भेजी जाएगी। वर्तमान में दिल्ली के लिए संचालित सभी बसें आठ साल से कम आयु की हैं।

By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Fri, 20 Oct 2023 11:50 AM (IST)
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उत्तराखंड परिवहन निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन ने कहा - आठ साल से पुरानी बस नहीं भेजी जाएगी दिल्ली
जागरण संवाददाता, देहरादून। दिल्ली जाने वाली उत्तराखंड परिवहन निगम (Uttarakhand Transport Corporation) की बीएस-4 श्रेणी की 400 बसों को फिलहाल राहत मिलती दिख रही है। दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण कम करने को सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित अधिकरण की सख्ती के तहत दिल्ली सरकार की ओर से बीएस-4 श्रेणी की सभी बसों के प्रवेश पर एक नवंबर से लगाई गई रोक में सशर्त राहत का दावा किया जा रहा है।

उत्तराखंड परिवहन निगम (Uttarakhand Transport Corporation) के महाप्रबंधक दीपक जैन ने दावा किया कि राहत में शर्त है कि आठ साल से अधिक पुरानी कोई भी बस दिल्ली नहीं भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में दिल्ली के लिए संचालित सभी बसें आठ साल से कम आयु की हैं।

नवंबर से बसों पर लगने वाले प्रतिबंध को लेकर असमंजस की स्थिति

निगम प्रबंधन भले ही सशर्त राहत मिलने का दावा कर रहा हो, लेकिन एक नवंबर से लगने वाले प्रतिबंध को लेकर अभी भी वह असमंजस की स्थिति में है। महाप्रबंधक दीपक जैन ने कहा कि अगर एक नवंबर से बीएस-4 बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगता है तो निगम के पास 150 नई सीएनजी बसें हैं। इन सभी बसों को दिल्ली मार्ग पर संचालित किया जाएगा।

बीएस-6 श्रेणी व इलेक्ट्रिक बसों को ही दिल्ली में मिलेगी एंट्री

बता दें कि दिल्ली सरकार की ओर से सभी राज्यों को भेजे गए पत्र में एक नवंबर से दिल्ली में केवल बीएस-6 श्रेणी डीजल/सीएनजी व इलेक्ट्रिक बसों को ही प्रवेश की अनुमति की बात कही गई थी। उत्तराखंड परिवहन निगम (Uttarakhand Transport Corporation) के सभी डिपो से रोजाना करीब 400 बसें दिल्ली के लिए संचालित होती हैं। इनमें साधारण, वातानुकूलित डीलक्स और सुपर डीलक्स वाल्वो बसें शामिल हैं। यह सभी बीएस-4 श्रेणी की डीजल चालित बसें हैं। इनमें करीब दो दर्जन बसें दिल्ली होकर गुरुग्राम, फरीदाबाद, जयपुर, श्री खाटूश्यामजी आदि के लिए संचालित होती हैं।

अन्य राज्यों ने की तैयारी, उत्तराखंड चुप

दिल्ली में बीएस-4 डीजल बसों के प्रवेश पर एक नवंबर से लगने वाले प्रतिबंध से बचने को लेकर उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा व पंजाब आदि प्रदेशों ने पूरी तैयारी कर बीएस-6 श्रेणी की नई बसें खरीद लीं, लेकिन उत्तराखंड में परिवहन निगम से लेकर शासन में बैठे अधिकारी निश्चिंत बैठे हैं।

दरअसल, दिल्ली सरकार की ओर से पहले यह प्रतिबंध एक अक्टूबर-2022 से लगाया जा रहा था, लेकिन जब सभी राज्यों के आग्रह के बाद यह तिथि एक अप्रैल-2023 कर दी गई तो इसके बाद इसमें छह माह और राहत दे दी गई। इस एक वर्ष की राहत में उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों ने दिल्ली में प्रवेश के अनुरूप नई बसों की खरीद कर ली, लेकिन उत्तराखंड एक भी नई बस नहीं खरीद सका।

कल खुलेगा नई बसों का टेंडर

उत्तराखंड परिवहन निगम की ओर से अब बीएस-6 श्रेणी की 120 बसों की खरीद के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले दिनों ही कर्मचारियों के आंदोलन के बाद इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई थी। निगम प्रबंधन के अनुसार, शनिवार को इसका टेंडर खुलेगा। पहले 120 बसें ली जाएंगी, फिर उसी टेंडर के आधार पर 300 और बसों को लेने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

बता दें कि अगर टेंडर के बाद वर्क आर्डर किए भी गए तो अगले छह माह से पूर्व नई बसों की आपूर्ति संभव नहीं होगी। ऐसे में अगर एक नवंबर से दिल्ली में बीएस-4 बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगता है तो उत्तराखंड को 150 सीएनजी बसों का ही संचालन करना होगा।

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बीएस-4 श्रेणी की बसों के प्रवेश को लेकर स्पष्ट नहीं है स्थिति 

उत्तराखंड परिवहन निगम (Uttarakhand Transport Corporation) के महाप्रबंधक दीपक जैन के अनुसार, बीएस-4 श्रेणी की बसों को दिल्ली में प्रवेश को लेकर अभी पूरी तरह स्थिति स्पष्ट नहीं है। परिवहन निगम को जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार दिल्ली सरकार प्रदूषण बढ़ने या घटने के क्रम में प्रवेश पर प्रतिबंध का निर्णय लेगी। पूर्व में जो दिशा-निर्देश मिले थे, उसके अनुसार आठ वर्ष से अधिक पुरानी कोई भी बस दिल्ली नहीं भेजी जाएगी। यदि बीएस-4 बसों पर प्रतिबंध लगता है तो निगम अपनी 150 सीएनजी बसों का संचालन दिल्ली मार्ग पर करेगा।

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