दिल्ली में बसों के प्रवेश पर 31 दिसंबर तक मिली राहत... लेकिन परिवहन विभाग को रखना होगा एक शर्त का ख्याल
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट और NGT के आदेश के बाद दिल्ली सरकार की ओर से बीएस-4 श्रेणी की डीजल बसों के प्रवेश पर एक अक्टूबर से जो रोक लगाई गई थी उसमें उत्तराखंड सरकार के आग्रह के बाद संशोधन कर दिया गया है। ताजा अपडेट के अनुसार उत्तराखंड परिवहन निगम की बीएस-4 श्रेणी की 540 डीजल बसों को 31 दिसंबर तक राहत मिली गई है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: दिल्ली जाने वाली उत्तराखंड परिवहन निगम की बीएस-4 श्रेणी की 540 डीजल बसों को 31 दिसंबर तक राहत मिली गई है। शर्त यह है कि इस अवधि में उत्तराखंड परिवहन निगम को नई 190 बीएस-6 या सीएनजी बसें खरीदनी होंगी।
इसके अतिरिक्त निगम को 31 मार्च-2025 से पूर्व 189 नई बसें और लेनी होंगी, तभी उत्तराखंड परिवहन निगम अपनी बसों को दिल्ली में प्रवेश कराने का पात्र होगा। वर्तमान में निगम के पास केवल 162 अनुबंधित सीएनजी बसें ही ऐसी हैं, जो बीएस-4 श्रेणी की डीजल बसों पर प्रतिबंध लगने पर दिल्ली में प्रवेश कर सकती हैं।
फिलहाल, तीन माह की राहत मिलने से उत्तराखंड परिवहन विभाग व परिवहन निगम के अधिकारियों की बड़ी चिंता टल गई है। उत्तराखंड को मिली राहत में एक शर्त यह भी है कि आठ वर्ष से अधिक पुरानी कोई भी बीएस-4 डीजल बस दिल्ली नहीं भेजी जाएगी।
दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण कम करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश के बाद दिल्ली सरकार की ओर से बीएस-4 श्रेणी की डीजल बसों के प्रवेश पर एक अक्टूबर से जो रोक लगाई गई थी, उसमें उत्तराखंड सरकार के आग्रह के बाद संशोधन कर दिया गया है। उत्तराखंड परिवहन निगम के सभी डिपो से रोजाना 540 बसें दिल्ली के लिए संचालित होती हैं।
इनमें साधारण, वातानुकूलित डीलक्स और सुपर डीलक्स वाेल्वो बसें शामिल हैं। इनमें 162 अनुबंधित सीएनजी बसों को छोड़कर बाकी सभी बीएस-4 श्रेणी की डीजल चालित बसें हैं। इनमें करीब दो दर्जन बसें दिल्ली होकर गुरूग्राम, फरीदाबाद, जयपुर, श्री खाटूश्यामजी आदि के लिए संचालित होती हैं। अगर बसों पर प्रतिबंध लगता तो सबसे बड़ी चिंता दीपावली के त्योहारी सीजन को लेकर थी।
दिल्ली मार्ग परिवहन निगम के लिए सर्वाधिक आय वाला मार्ग है। नए आदेश के क्रम में उत्तराखंड को जो तीन माह की राहत मिली है, उसमें दीपावली और शीतकालीन छुट्टियों के सीजन की चिंता टल गई है।
परिवहन निगम के महाप्रबंधक (संचालन) सीपी कपूर ने दावा किया कि छूट की शर्त के अनुसार आठ वर्ष से अधिक पुरानी कोई भी बस दिल्ली नहीं भेजी जाएगी। वर्तमान में दिल्ली के लिए संचालित सभी बसें आठ वर्ष से कम आयु की हैं।
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