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Uttarakhand UCC: सीएम धामी को विशेषज्ञ समिति आज सौंपेगी 'समान नागरिक संहिता' का ड्राफ्ट, कल कैबिनेट में किया जाएगा पेश

Uttarakhand Uniform Civil Code जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में समिति सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री को यह ड्राफ्ट सौंपेगी। इसे शनिवार तीन फरवरी को कैबिनेट के सम्मुख प्रस्तुत किया जाएगा। सरकार ने इसका ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। बीस माह में समिति अब इस कार्य को पूरा कर चुकी है।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 02 Feb 2024 06:30 AM (IST)
Uttarakhand UCC: सीएम धामी को विशेषज्ञ समिति आज सौंपेगी 'समान नागरिक संहिता' का ड्राफ्ट, कल कैबिनेट में किया जाएगा पेश
Uttarakhand UCC: सीएम धामी को विशेषज्ञ समिति आज सौंपेगी 'समान नागरिक संहिता' का ड्राफ्ट

राज्य ब्यूरो, देहरादून। (Uttarakhand UCC) उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा जाएगा। जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेनि) की अध्यक्षता में समिति सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री को यह ड्राफ्ट सौंपेगी। इसे शनिवार तीन फरवरी को कैबिनेट के सम्मुख प्रस्तुत किया जाएगा।

60 से ज्यादा आयोजित हुईं बैठकें

इसके बाद इस ड्राफ्ट को पांच फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में विधेयक के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। ड्राफ्ट में कानूनों को सख्त करने पर जोर दिया गया है। ड्राफ्ट में 400 से ज्यादा धाराओं का उल्लेख है। सरकार ने इसका ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। 20 माह में समिति अब इस कार्य को पूरा कर चुकी है। इस अवधि में समिति ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों व समुदायों के साथ 60 से अधिक बैठकों व  ऑनलाइन माध्यम से सुझाव लिए।

लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर भी कानून सख्त

समिति को 2.30 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं। अब समिति समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट हिंदी व अंग्रेजी भाषा में तैयार कर चुकी है। लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य करने के साथ ही 18 से 21 वर्ष के युवाओं के लिए माता-पिता की अनुमति अनिवार्य की जा सकती है।

400 से ज्यादा धाराओं का है उल्लेख

इसके अलावा सभी धर्मों के अनुयायियों को समान अधिकार, बहु विवाह पर रोक, तलाक, संपत्ति में महिलाओं का अधिकार, उत्तराधिकार, विरासत, गोद लेना, स्थानीय व जनजातीय परंपराओं तथा रीति रिवाजों का अनुपालन व निजी स्वतंत्रता संबंधी बिंदुओं को प्रारूप में शामिल करते हुए कानून को सख्त करने पर जोर दिया गया है।

4ड्राफ्ट में 400 से ज्यादा धाराओं का उल्लेख, 2.30 लाख से अधिक सुझाव भी मिले।

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