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Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में गिरने लगा पारा, ऊंची चोटियों बिछी बर्फ की सफेद चादर; नवंबर में ऐसा होगा हाल

Uttarakhand Weatherपहाड़ों पर सुबह-शाम कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है। जबकि मैदानी क्षेत्रों में भी रात को ठिठुरन बढ़ने लगी है। देहरादून में न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम है। जबकि दिन में चटख धूप खिलने के कारण पारा सामान्य से अधिक है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तराखंड में नवंबर मध्य तक कड़ाके की ठंड पड़ने के आसार हैं।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Fri, 27 Oct 2023 08:07 AM (IST)
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उत्तराखंड में गिरने लगा पारा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदल गया है। पहाड़ों की ऊंची चोटियों पर शुरू हुई बर्फबारी के चलते यहां कड़ाके की ठंड महसूस की जा ही है। वहीं मैदानी इलाकों में अभी भी मौसम शुष्क बना हुआ है। शुष्क मौसम के बीच उत्तराखंड में न्यूनतम पारे में कमी दर्ज की जा रही है।

पहाड़ों पर सुबह-शाम कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है। जबकि, मैदानी क्षेत्रों में भी रात को ठिठुरन बढ़ने लगी है। देहरादून में न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम है। जबकि, दिन में चटख धूप खिलने के कारण पारा सामान्य से अधिक है।

अगले कुछ दिन शुष्क बना रहेगा मौसम

मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिन मौसम शुष्क बना रह सकता है। न्यूनतम तापमान में और गिरावट आ सकती है। देहरादून में कुछ दिनों से मौसम शुष्क है, लेकिन न्यूनतम पारे में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।

अगले एक हफ्ते होगी सामान्य बर्फबारी

अक्टूबर पहले पखवाड़े में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के बाद उत्तराखंड में हल्की से मध्यम वर्षा व मध्य हिमालय में छिटपुट हिमपात देखा गया। अक्टूबर तीसरे सप्ताह लगातार दो पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय में पहुंचने के बावजूद मौसम में खास हलचल नहीं दिखी। फिलहाल पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता व आवृत्ति कम हो गई है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो अगले एक सप्ताह वर्षा व हिमपात की खास गतिविधि होने की संभावना नहीं दिखती।

नवंबर में पड़ेगी कड़ाके की ठंड

नवंबर मध्य से मौसम में बदलाव के साथ कंपकंपाने वाली सर्दी असर दिखाने लगेगी। मौसम विभाग के अनुसार, पहला सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ नौ अक्टूबर को पश्चिमी हिमालय के पास पहुंचा था। इसका असर उत्तराखंड, हिमाचल से लेकर पंजाब के उत्तरी हिस्सों तक हल्की से मध्यम वर्षा व छिटपुट हिमपात के रूप में देखा गया। 13 से 17 अक्टूबर के बीच लगातार दो पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय की पहाड़ियों पर पहुंचे। इस अवधि में भी छिटपुट से हल्की वर्षा देखी गई।

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पश्चिमी विक्षोभ पड़ा कमजोर

अब पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता व आवृत्ति कम हो गई है। मौसम विज्ञानी डा. आरके सिंह का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ की कमजोर प्रकृति की वजह से दो नवंबर तक वर्षा या हिमपात के मामले में पहाड़ियों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा। पर्वतीय स्थलों पर यात्रा के लिए यह आदर्श समय हो सकता है। फिलहाल, दिन के समय मौसम ठंडा, आरामदायक व धूप वाला तथा रात में ठंडा रहेगा। कौसानी, अद्वैत आश्रम, जागेश्वर, चौकोड़ी आदि स्थानों पर रात्रि का पारा पांच से सात डिग्री तक रहेगा।