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Uttarakhand Weather: उत्‍तराखंड में मौसम ने ली करवट, बढ़ने लगी ठंड; कोहरा छाने के आसार

उत्तराखंड में मौसम ने करवट ली है। दून में मौसम शुष्क बना हुआ है और दिनभर चटख धूप खिल रही है। अगले कुछ दिन मौसम के मिजाज में परिवर्तन के आसार नहीं हैं। हालांकि मौसम विभाग की ओर से दून में सुबह के समय कोहरा छाने की आशंका जताई गई है। जबकि दिन में मौसम शुष्क रहने से पारा सामान्य से अधिक बना रह सकता है।

By Vivek Shukla Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 27 Oct 2024 10:20 AM (IST)
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देहरादून में तेजी से बदल रहा है मौसम । जागरण
 जागरण संवाददाता, देहरादून। दून में मौसम शुष्क बना हुआ है और दिनभर चटख धूप खिल रही है। अगले कुछ दिन मौसम के मिजाज में परिवर्तन के आसार नहीं हैं। हालांकि, मौसम विभाग की ओर से दून में सुबह के समय कोहरा छाने की आशंका जताई गई। जबकि, दिन में मौसम शुष्क रहने से पारा सामान्य से अधिक बना रह सकता है।

प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी मौसम शुष्क बना रहने का अनुमान है। शनिवार को प्रदेश में सुबह से चटख धूप खिली रही। जिससे, पारा सामान्य से अधिक बना रहा। हालांकि, पहाड़ से लेकर मैदान तक सुबह-शाम ठंडक महसूस की जा रही है। ज्यादातर क्षेत्रों में भी अधिकतम और न्यूनतम तापमान में दोगुना अंतर है।

हालांकि, दोनों ही तापमान सामान्य से अधिक हैं। दीपावली तक मौसम के मिजाज में बदलाव के आसार नहीं हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, दून में सुबह कुहासा व धुंध छाने और रात को पाला गिरने की आशंका है। दिन में चटख धूप खिली रह सकती है।

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प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में अगले कुछ दिन मौसम शुष्क बना रहने की उम्मीद है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक बने रह सकते हैं।

प्रमुख शहरों का तापमान

शहर अधिकतम न्यूनतम
देहरादून 31.4 17.6
यूएसनगर 31.0 22.5
मुक्तेश्वर 22.4 11.1
नई टिहरी 24.3 12.2
(नोट: तापमान डिग्री सेल्सियस में)

कर्णप्रयाग पहुंची छड़ी यात्रा का किया स्वागत

 बदरीनाथ दर्शन कर पंचदशनाम जूना अखाड़ा की पवित्र छड़ी यात्रा का शनिवार को कर्णप्रयाग पहुंची। यहां उमामाहेश्वर आश्रम के महंत ऐश्वर्यनाथ महाराज ने पुष्प वर्षा के साथ यात्रा में शामिल साधु-संन्यासियों का भव्य स्वागत किया। संतों के जत्थे ने आश्रम में विश्राम कर भंडारे में भाग लिया और क्षेत्र की खुशहाली की कामना की।

इस मौके पर महंत पुष्करगिरि ने कहा कि कर्णप्रयाग से यात्रा आदिबदरी धाम, थराली होते हुए कुमाऊं मंडल के बागेश्वर में रात्रि विश्राम को पहुंचेगी। इसके बाद यात्रा बैजनाथ, कौसानी, रानीखेत, जागेश्वर, पिथौरागढ़ होते हुए सात नवंबर को हरिद्वार मायादेवी मंदिर जूना अखाड़ा में समाप्त होगी।

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बताया कि पंचदशनाम जूना अखाड़ा की पवित्र छड़ी यात्रा जगदगुरु शंकराचार्य द्वारा ढाई हजार साल पूर्व सनातन धर्म की रक्षा के साथ पौराणिक मठ-मंदिरों के जीर्णोद्धार, पावन गंगा की अविरल धारा को निर्मल रखने का संदेश देने के निमित शुरू की थी। जिसका निर्वहन आज भी साधु सन्यासी मनोयोग से कर रहे हैं।

यात्रा गढ़वाल और कुमाऊं के एतिहासिक पौराणिक स्थलों व चारधामों का भ्रमण कर वापस कुमाऊं की ओर रवाना होगी। इस मौके पर छड़ी यात्रा में शामिल साधु सन्यासियों ने आश्रम में संचालित गोसदन में बेसहारा गोवंश की सेवा को सराहा और लाटू मंदिर में पूजा-अर्चना कर संत भोलानाथ महाराज की समाधि पर पुष्प अर्पित किए।

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