Uttarakhand Weather Update: उत्तराखंड में भारी बारिश से नदी-नाले उफान पर, भूस्खलन से बंद बदरीनाथ हाईवे आठ घंटे बाद खुला
Uttarakhand Weather Update प्रदेश के कई हिस्सों में रात से ही लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शनिवार को आठ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sat, 04 Jul 2020 08:14 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। Uttarakhand Weather Update उत्तराखंड में बारिश आफत बनकर बरस रही है। रुक-रुककर हो रही बारिश से बदरीनाथ हाइवे पीपलकोटी के पास भनाकपानी में भारी भूस्खलन के चलते बंद हो गया था, जो करीब आठ घंटे बाद खुल गया। इससे बदरीनाथ धाम जाने वाले यात्रियों समेत स्थानीय लोगों ने राहत की सांंस ली। दूसरी ओर कई जगह नदी, नाले और गदेरे उफान पर है, जिससे आवागमन भी प्रभावित हो रहा है। भारी बारिश के चलते बागेश्वर में एक गोशाला के ऊपर बोल्डर गिर गया। घरों के आंगन क्षतिग्रस्त होने के साथ ही कई घरों में सड़क का मलबा घुस गया।
उत्तराखंड में मानसून की सक्रियता बढ़ने लगी है। कुमाऊं में भारी बारिश से तहसील मुख्यालय में एसडीएम कार्यालय की सुरक्षा दीवार ढह गई। थल मुनस्यारी मार्ग पांच स्थानो पर मलबा आने से बंद है। वहीं, सुरिंग गाड़ का पैदल पुल भी बह गया है। वहीं, बागेश्वर में करीब तीन घंटे की बारिश ने तबाही मचा दी। नदियां, गधेरे और नाले उफन गए। कपकोट के दणों के समीप गधेरा उफन गया और घंटों सड़क भी आवागमन के लिए बंद रही।
घरों के अंदर घुसा मलबा, दीवारें हुईं क्षतिग्रस्त
बागेश्वर में शनिवार को हुई बारिश से दणों के समीप गधेरा उफन गया, जिससे बैड़ा, पाकड़ के लोग दहशत में हैं। वहीं, कपकोट के पोलिंग गांव में एक गोशाला के ऊपर बोल्डर गिर गया, जिससे गोशाला क्षतिग्रस्त हो गई। हालांकि मवेशियों को बचा लिया गया। इसके साथ ही कई मकानों की दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। सड़क का मलबा उनके घरों में घुस गया। झिरौली निवासी महेश चंद्र ने बताया कि मनरेगा के तहत बने दो चाल-खाल बारिश के कारण बह गए हैं। इसी गांव के कुछ लोगों के घर में पानी घुसने से घर का सामान खराब हो गया है।
राज्य मौसम विभाग ने प्रदेश के आठ जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इससे पहले शुक्रवार को पिथौरागढ़, मुनस्यारी, कोटद्वार और टिहरी के कुछ हिस्सों में तड़के मूसलाधार बारिश हुई। जबकि दून समेत अन्य मैदानी इलाकों में हल्की बौछारों के बाद दिनभर उमस ने बेहाल किया। हालांकि, प्रदेश के अधिकांश इलाकों में घने बादलों का डेरा है।
मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार शुक्रवार देर रात से मूसलाधार बारिश का सिलसिला शुरू हो गया। हालांकि, अभी गढ़वाल मंडल में अपेक्षा से कम ही बारिश हो रही है। उधर, कुमाऊं में पिथौरागढ़, बागेश्वर और चंपावत में तेज बारिश का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को भी यहां मेघ खूब बरसे, जिसके चलते चीन सीमा के निकट तवाघाट-लिपुलेख मार्ग मलबा आने से करीब आठ घंटे बाधित रहा। लगातार हो रही बारिश के कारण यह मार्ग बार-बार अवरुद्ध हो रहा है।
मुनस्यारी में हुई सबसे अधिक बारिश पिथैरागढ़ जिले के मुनस्यारी में सर्वाधिक 96 एमएम बारिश हुई। धारचूला में 78-8 एमएम, बेरीनाग में 23 और डीडीहाट में 14 एमएम बारिश हुई। पिथौरागढ़ में एक और गंगोलीहाट में तीन एमएम बारिश हुई। काली नदी धारचूला में चेतावनी लेबल के करीब है। यहां पर चेतावनी लेबल 889 मीटर है। नदी का जलस्तर 888,70 मीटर है। गोरी नदी का जौलजीबी में जलस्तर 605,40 मीटर पर पहुंच गया है, जबकि चेतावनी लेबल 606,10 मीटर है।
सात तक तल्ख रहेंगे मौसम के तेवरमौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक उत्तराखंड में मानसून की सक्रियता बढ़ गई है। चार से सात जुलाई तक नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर, ऊधमसिंह नगर, देहरादून, पौड़ी और टिहरी में भारी बारिश की संभावना है। इसके अलावा अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश का क्रम जारी रहेगा।यह भी पढ़ें: Uttarakhand Weather Update: उत्तराखंड में फिर बदला मौसम, दून समेत कई इलाकों में तेज बारिश
हाई अलर्ट पर रहेंगे अधिकारीराज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी जिलों को भारी बारिश के अलर्ट के चलते सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। जिसके तहत चार जुलाई से सात जुलाई तक विभिन्न निर्देशों के अनुपालन को कहा गया है।
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- आपदा प्रबंधन आइआरएस प्रणाली के नामित सदस्य अधिकारी और विभागीय नोडल अधिकारी अलर्ट पर रहेंगे।
- एनएच, लोनिवि, पीएमजीएसवाई, एडीबी, बीआरओ आदि किसी भी मोटर मार्ग के बारिश होने पर तत्काल कार्रवाई करेंगे।
- राजस्व उपनिरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी अपने क्षेत्रों में बने रहेंगे।
- चौकी-थाने भी आपदा संबंधी उपकरणों और वायरलेस के साथ अलर्ट रहेंगे।
- आपदा की स्थिति में आपदा नियंत्रण कक्ष के फोन नंबर 01352710334, टोल फ्री नंबर 1070, 9557444486 और 8266055523 पर सूचित करें।
- नगर और कस्बों में नालियों के अवरोधों को दूर किया जाए।