Uttarakhand Weather Update: उत्तराखंड में कमजोर पड़ा मानसून, चटख धूप से बढ़ा तापमान; दून में 35 पर पहुंचा पारा
Uttarakhand Weather Update उत्तराखंड में मानसून कमजोर पड़ने के बाद लगभग एक सप्ताह से वर्षा का क्रम थमा हुआ है। दून समेत ज्यादातर क्षेत्रों में चटख धूप खिल रही है जिससे तापमान में भी इजाफा दर्ज किया जा रहा है। अधिकतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि दर्ज की जा चुकी है। फिलहाल प्रदेश में मौसम का मिजाज इसी प्रकार का बना रहने का अनुमान है।
जागरण ऑनलाइन डेस्क, देहरादून: Uttarakhand Weather Update: उत्तराखंड में मानसून कमजोर पड़ने के बाद लगभग एक सप्ताह से वर्षा का क्रम थमा हुआ है। दून समेत ज्यादातर क्षेत्रों में चटख धूप खिल रही है, जिससे तापमान में भी इजाफा दर्ज किया जा रहा है। बीते चार दिन में अधिकतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि दर्ज की जा चुकी है।
मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल प्रदेश में मौसम का मिजाज इसी प्रकार का बना रहने का अनुमान है। अगले पांच दिन देहरादून समेत गढ़वाल के ज्यादातर क्षेत्रों में चटख धूप खिलने के आसार हैं। जबकि, कुमाऊं में कहीं-कहीं बौछारें पड़ सकती हैं।
गुरुवार को भी आसमान रहा साफ
वहीं बात करें बीते गुरुवार की तो अगस्त माह के आखिरी दिन दून में सुबह से ही आसमान साफ रहा और चटख धूप खिली। हालांकि, दोपहर बाद कहीं-कहीं आंशिक बादल भी मंडराते रहे, लेकिन वर्षा नहीं हुई। पिछले करीब एक सप्ताह से ही दून में मौसम शुष्क है, जिससे तापमान में भी लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। अगस्त के अंतिम दिन दून का पारा 35 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया।
अगले कुछ दिन पारा सामान्य से अधिक रह सकता है। इस बीच अगस्त में मानसून कमजोर पड़ने के कारण पूरे माह सामान्य से आठ प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई। जिसमें शुरुआती तीन सप्ताह कई जिलों में अत्यधिक वर्षा हुई और अंतिम सप्ताह में प्रदेश में औसत वर्षा सामान्य से आधी रही।
पांच दिन तक वर्षा के नहीं कोई आसार
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में अगले पांच दिन ज्यादातर क्षेत्रों में वर्षा के आसार नहीं हैं। गढ़वाल के सभी जिलों में आसमान साफ रहने का अनुमान है। जबकि, कुमाऊं के नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चंपावत में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
15 सितंबर से जोर पकड़ेगा चारधाम यात्रा का दूसरा चरण
चारधाम यात्रा का दूसरा चरण 15 सितंबर से जोर पकड़ लेगा, लेकिन चमोली जिले में कमेड़ा से बदरीनाथ धाम तक 160 किमी लंबे बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर 25 भूस्खलन क्षेत्र आवाजाही में खलल डाल रहे हैं। इनमें से 10 भूस्खलन क्षेत्र पुराने हैं, जबकि अन्य 15 भूस्खलन क्षेत्र इस बार वर्षाकाल में लगातार वर्षा के चलते विकसित हुए। यहां हल्की वर्षा होते ही पहाड़ियों से मलबा और पत्थर बरसने लगते हैं। इस कारण जून से अब तक राजमार्ग विभिन्न स्थानों पर लगभग 300 घंटे बंद रहा है।
27 अप्रैल को खुले थे बदरीनाथ धाम के कपाट
यह मार्ग अब भी कई स्थानों पर मलबे से पटा है। कई जगह सिंगल लेन सड़क ही बची है। इस बार बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खोले गए थे और अब तक करीब 12 लाख श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर चुके हैं।