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Uttarakhand Weather: रेड अलर्ट के बीच सात जिलों में 12वीं तक के सभी स्कूलों की छुट्टी, आंगनबाड़ी केंद्र भी बंद

Uttarakhand Weather कुमाऊं में अगले तीन दिन भारी से बहुत भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए गुरुवार को प्रदेश के सात जिलों पौड़ी अल्मोड़ा पिथौरागढ़ चंपावत बागेश्वर नैनीताल ऊधम सिंह नगर में 12 वीं तक के सभी स्कूलों के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित किया गया है।

By Jagran News Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 04 Jul 2024 09:10 AM (IST)
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Uttarakhand Weather: 12वीं तक के सभी स्कूलों के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश

जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Weather :  मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, कुमाऊं में अगले तीन दिन भारी से बहुत भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। देहरादून, हरिद्वार, टिहरी और पौड़ी जिले में भी कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है। इसे लेकर आरेंज अलर्ट और शेष जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।

संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन की आशंका है। मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए गुरुवार को प्रदेश के सात जिलों पौड़ी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर, नैनीताल, ऊधम सिंह नगर में 12वीं तक के सभी स्कूलों के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित किया गया है।

झील का जलस्तर सामान्य से 2.5 फीट ऊपर पहुंचा

नैनीताल में बीती रात से हो रही लगातार बारिश से जनजीवन पर बुरा असर पड़ा है। अलबत्ता नैनी झील का जलस्तर 2.5 फीट जा पहुचा है जबकि वर्षा 55 मिमी रिकॉर्ड की गई है। मौसम विभाग के रेड अलर्ट के चलते मानसून निरंतर बरस रहा है। बारिश की वजह से झील में नौकायन भी अधिकांश समय बंद रहा। बारिश का वेग तीव्र नहीं है, लेकिन माध्यम रिमझिम बारिश ने लोगों की राह रोक ली।

यहां बीती रात से मानसून लगातार बरस रहा है। जिससे विभिन्न शहरों से आए सैलानियों को होटल के कमरों में दुबकने के लिए मजबूर होना पड़ा। कई सड़कों में जलभराव से लोगों को आवाजाही के दिक्कत का सामना करना पड़ा। इस बीच नाले उफान पर रहे । नगर के प्राकृतिक जलस्रोत रिचार्ज हो गए हैं। जिस कारण झील का जलस्तर निरंतर वृद्धि की ओर अग्रसर है।

जलस्तर बढ़ने से बारिश नहीं होने से उभरे झील के डेल्टा अब गायब हो गए हैं। इधर नगर के समीपवर्ती क्षेत्रों में जलप्रताप बहने शुरू हो गए हैं, जो नैसर्गिक सुंदरता को बेहद सुंदर नजारा पेश कर रहे हैं। कालाढूंगी मार्ग पर पहाड़ी से फूटा झरने से सुबह आवाजाही ठप कर दी, पानी कम होने के बाद ही यातायात सुचारू हो सका। मौसम विभाग के अनुसार मानसून सक्रिय है। जिसके गुरुवार तक बरसने का पूर्वानुमान है।

सिंचाई विभाग के झील नियंत्रण कक्ष के अनुसार 55 मिमी बरसा रिकार्ड की गई है। आद्रता अधिकतम 100 व न्यूनतम 75 प्रतिशत रही। तापमान अधिकतम 23 व न्यूनतम 14 डिग्री सेल्सियस रहा। जिले में 14 सड़कों पर यातायात बंद नैनीताल: जिले में बारिश सड़कों पर आफत बनकर बरस रही है। जिला मुख्यालय में भवाली रोड में छावनी परिषद के टूटा पहाड़ क्षेत्र में भूस्खलन का मलबा सड़क पर आ गया, जिससे करीब एक घंटे तक यातायात पूरी तरह ठप हो गया और वाहनों की कतार लग गई।

हल्द्वानी रोड में कूड़ा खड्ड के पास मलबा आया। कालाढूंगी रोड में बूढ़ा पहाड़ सहित खुर्पाताल क्षेत्र में तमाम स्थानों पर पत्थर गिरे। आपदा कंट्रोल रूम से जारी सूचना के अनुसार काठगोदाम-सिमलिया बैंड-साननी राज्य मार्ग सहित अमृतपुर-बानना-बबियाड़ मार्ग, गांधीग्राम-पस्तोला, भूजियाघाट-सूर्यागांव, पंगोट-देचौरी, देवीपुरा-सौड़, मटियाल-कनरखा, सिलियाकोट-अनर्पा, कोटाबाग-देवीपुरा, खनस्यू-रिखाकोट, ओखलकांडा-चक साडोला, भंडारपानी-पाटकोट, मौरनौला-भंडारपानी, हरीशताल मोटर मार्ग मलबा आने व भूस्खलन की वजह से बंद हैं। इन सड़कों को खोलने के लिए लोनिवि की टीमें लगातार काम कर रही हैं।

पिछली घटनाओं से सबक लेकर आपदा से निबटने को बनाएं रोडमैप

सभी जिले अपने-अपने क्षेत्र में पिछले 10 साल में घटित आपदाओं का डाटाबेस तैयार कर उसका अध्ययन करेंगे और तब क्या-क्या अच्छे कार्य हुए और कहां कमियां रह गई थीं, उनसे सबक लेते लेते हुए आपदा से निबटने को रोडमैप तैयार करेंगे।

आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बुधवार को आइटी पार्क स्थित यूएसडीएमए (उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी) के कंट्रोल रूम में मानसून को लेकर जिलों की तैयारियों की समीक्षा बैठक में इसके निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि ठोस रोडमैप बनने पर आपदाओं से प्रभावी ढंग से निबटने में मदद मिलेगी। आपदा प्रबंधन सचिव सुमन ने सभी जिलों के अधिकारियों को आपदाओं के दृष्टिगत हर समय अलर्ट मोड में रहने को कहा। उन्होंने कहा कि आने वाले तीन माह आपदा के लिहाज से बेहद अहम व संवेदनशील हैं।

चारधाम यात्रा चल रही है और कुछ समय में कांवड़ यात्रा भी प्रारंभ होने वाली है। इसलिए तैयारियों का चाक-चौबंद होना आवश्यक है। उन्होंने संभावित आपदाओं के दृष्टिगत जिलों को आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और कंट्रोल रूम में महत्वपूर्ण फोन नंबर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान कहीं मार्ग अवरुद्ध होने पर यात्री थोड़े अधिक समय के लिए फंस जाएं तो उनके लिए भोजन पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।

उन्होंने जिलों को शासन स्तर से संबंधित मामलों के प्रस्ताव शीघ्र भेजने, मानसून के दौरान खाद्यान्न एवं अन्य जरूरी वस्तुओं का पर्याप्त मात्रा में स्टाक रखने पर जोर दिया। उन्होंने आपदा से होने वाली क्षति की आकलन रिपोर्ट पूरे तथ्यों के साथ सत्यापित कर प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए, ताकि बाद में विवाद की कोई स्थिति न रहे। उन्होंने यूएसडीएमए के अधिकारियों केा इस सिलसिले में चेकलिस्ट बनाकर जिलों को भेजने को कहा।

बैठक में यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप, राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो.ओबैदुल्लाह अंसारी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे। प्रभावितों तक 24 घंटे के भीतर पहुंचे राहत सचिव आपदा प्रबंधन ने कहा कि आपदा प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल दी जाने वाली राहत राशि 24 घंटे के भीतर पहुंचाने की कोशिश होनी चाहिए। यदि कहीं सर्वे आदि के चलते विलंब हो रहा हो तो 72 घंटे के भीतर हर हाल में सहायता राशि पीडि़तों तक पहुंच जाए, यह सुनिश्चित होना चाहिए।

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